अमिताभ-धर्मेंद्र की मां का रोल करने वालीं सुलोचना लाटकर का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
सुलोचना लाटकर के निधन से दुखी हुए पीएम मोदी, अपने जमाने की बेहतरीन अदाकारा थीं फिल्म 'कटी पतंग' की एक्ट्रेस
Updated : October 20, 2023 05:24 PM ISTसुलोचना लाटकर के निधन से दुखी हुए पीएम मोदी, अपने जमाने की बेहतरीन अदाकारा थीं फिल्म 'कटी पतंग' की एक्ट्रेस
बॉलीवुड और मराठी फिल्मों की दिग्गज एक्ट्रेस सुलोचना लाटकर अब हमारे बीच में नहीं हैं। 94 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। कई दिनों से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और रविवार की शाम उन्होंने अंतिम सांसे लीं। उम्र के चलते उन्हें कई बीमारियों से गुजरना पड़ रहा था। वो अर्थराइटिस से पहले से ही काफी परेशान थीं। 3 जून को उनकी तबियत काफी खराब हो गई थी और उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। अब खबर है कि एक्ट्रेस का अंतिम संस्कार सोमवार सुबह को दादर में होगा।
सुलोचना के जाने से बॉलीवुड के तमाम सेलेब्स ने दुख जताया है और उनके अलावा देश के प्रधानमंत्री ने भी दिग्गज एक्ट्रेस के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ''सुलोचना जी के जाने से इंडियन सिनेमा में एक खालीपन रह गया है। अपनी शानदार परफॉर्मेंस से जिस तरह एक्ट्रेस ने हमारे कल्चर को एनरिच किया है, जेनरेशन्स को दिलचस्प कहानियां दी हैं, वह काबिले-तारीफ रहा। सुलोचना जी की लेगेसी, उनके काम में हमेशा झलकती रहेगी। परिवार को सांत्वना। ओम् शांति।''
सुलोचना काटकर की फिल्में
सुलोचना का जन्म 30 जुलाई, 1928 को कर्नाटक के खादकलाट में हुआ था। उन्होंने साल 1946 में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। सुलोचना ने अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और दिलीप कुमार जैसे एक्टर्स के साथ काम किया था। उन्होंने कई बार अमिताभ और धर्मेंद्र की मां का रोल निभाया है। उन्होंने करीब 250 हिंदी और 50 मराठी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने अहम फिल्मों की बाद करें तो उसमें 'कटी पतंग', 'जॉनी मेरा नाम', 'दिल देके देखो', 'रेशमा और शेरा', 'मजबूर' और 'मुकद्दर का सिकंदर' और 'खून भरी मांग' जैसी फिल्में शामिल हैं। आखिरी बार सुलोचना को रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म बाजीराव मस्तानी में देखा गया था।
एक्ट्रेस को साल 1999 में उनके सिनेमा में योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया था। इसके अलावा उन्हें साल 2004 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और उसके बाद महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड भी मिला था।