गुडबाय फर्स्ट रिव्यू: अमिताभ बच्चन-रश्मिका मंदाना की शानदार एक्टिंग ने लूट ली महफिल
ये एक फैमिली ड्रामा फिल्म है जिसके ट्रेलर को मिला जुला रिस्पॉन्स मिला था। अब आज फिल्म रिलीज होने से पहले इसका फर्स्ट रिव्यू सामने आ गया है। फिल्म देखने वाले क्रिटिक्स ने इसे जबरदस्त फैमिली ड्रामा बताया है।
Updated : October 07, 2022 07:49 AM ISTये एक फैमिली ड्रामा फिल्म है जिसके ट्रेलर को मिला जुला रिस्पॉन्स मिला था। अब आज फिल्म रिलीज होने से पहले इसका फर्स्ट रिव्यू सामने आ गया है। फिल्म देखने वाले क्रिटिक्स ने इसे जबरदस्त फैमिली ड्रामा बताया है।
रश्मिका मंदाना और अमिताभ बच्चन स्टारर गुडबाय आज थिएटर में रिलीज होने जा रही है। ये एक फैमिली ड्रामा फिल्म है जिसके ट्रेलर को मिला जुला रिस्पॉन्स मिला था। अब आज फिल्म रिलीज होने से पहले इसका फर्स्ट रिव्यू सामने आ गया है। फिल्म देखने वाले क्रिटिक्स ने इसे जबरदस्त फैमिली ड्रामा बताया है।
ओवरसीज सेंसर बोर्ड के मेंबर उमैर संधू ने ट्वीट कर फिल्म को शानदार बताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- '2022 की अभी तक कि सबसे बेस्ट फैमिली फिल्म में से एक। अमिताभ बच्चन, रश्मिका मंदाना, नीना गुप्ता ने परफॉर्मेंस से हैरान कर दिया। सभी कलाकारों की शानदार शानदार एक्टिंग। फैमिली ऑडियंस को यह फ्लिक पसंद आएगा। पक्का हिट।'
First Review #Goodbye from Overseas. One of the Best Family film of 2022. @SrBachchan @iamRashmika @Neenagupta001 Stole the Show all the way. Terrific Performances by all actors. Family audiences will love this Flick. SURE SHOT HIT. @balajimotionpic
— Umair Sandhu (@UmairSandu) October 6, 2022
⭐⭐⭐1/2
फिल्म एक अनोखे मुद्दे पर बनी है। आज कल दुनिया सबकुछ प्लानिंग के साथ चाहती है। बर्थडे पार्टी, ग्रैंड शादी सबकुछ प्लानिंग के साथ हो भी रहा है। लेकिन मौत किसी ने प्लान नहीं की है। हां, मौत के बाद क्रियाक्रम पर किस कलर के फ्लावर्स चाहिए। इस बारे में ये फिल्म बात करती है।
दूसरी तरफ बाप बेटी का रिश्ता है। आज के जमाने की लड़की रश्मिका जो किसी पर निर्भर नहीं होना चाहती। पिता अमिताभ से पैसे नहीं लेना चाहती। आगे बढ़ने की होड़ में है। लेकिन जब माँ का निधन होता है तो उन्हें पता भी नहीं चलता है। अंतिम संस्कार पर आमतौर पर सब अपनों को खो कर रोते हैं लेकिन इस फिल्म में डेड बॉडी के हाथ पांव बांधे जाने पर सवाल किये जा रहे हैं। आज के बच्चे जो ऐसे संस्कारों में यकीन नहीं करते। कैसे उनका मन बदल जाता है कैसे उनमें परिवार के लिए भाव जिंदा हो जाते हैं। ये है फिल्म। तो पूरी पारिवारिक फिल्म है आज थिएटर में देख आइये।