सुष्मिता सेन के आइटम नंबर करने से खफा मैनेजर छोड़ गए थे नौकरी; “ये पागल है आइटम गानों को हां कर देती है”
सुष्मिता सेन ने बॉलीवुड में एक से एक टॉप क्लास आइटम नंबर किए हैं लेकिन उनकी इस चॉइस से काफी लोगों को समस्या थी, जिनमें उनके मैनेजर भी थे...
Updated : February 24, 2022 10:03 AM ISTसुष्मिता सेन ने बॉलीवुड में एक से एक टॉप क्लास आइटम नंबर किए हैं लेकिन उनकी इस चॉइस से काफी लोगों को समस्या थी, जिनमें उनके मैनेजर भी थे...
सुष्मिता सेन कुछ समय पहले हॉटस्टार की वेब सीरीज ‘आर्या 2’ में नज़र आई थीं और उन्हें उनके काम के लिए बहुत तारीफें मिलीं। पहले सीज़न में भी सुष्मिता का कमबैक देखकर लोग दंग रह गए। सुष्मिता ने अपने करियर में बहुत ज्यादा फ़िल्में तो नहीं कीं, लेकिन उन्होंने हिंदी फिल्मों में एक से बढ़कर एक धांसू आइटम नंबर किए हैं और वो भी उस समय में जब आइटम नंबर करने वाली एक्ट्रेसेज़ पर लोग बहुत चिढ़ते थे।
सुष्मिता ने अब बात करते हुए कहा है कि वो हमेशा से ऐसी गानों का हिस्सा बनने के लिए तैयार थीं। और इसका नतीजा ये भी हुआ था कि उनके ही मैनेजर इस हरकत के लिए उन्हें छोड़ गए थे। फिल्म कम्पेनियन से बात करते हुए सुष्मिता ने बताया, “मुझे इस बात पर बहुत गर्व है कि उस समय में जब लोग कहते थे (चिढ़ते हुए)- ‘आइटम नम्बर? मेन लीड एक्टर-एक्ट्रेस आइटम नंबर नहीं करते हैं, रेपुटेशन खराब हो जाएगा’। और मैं कहती थी (हाथ उठाते हुए)- ‘मुझे लेलो’। मेरे दो मैनेजर मुझे छोड़ गए थे क्योंकि उस समय उन्हें लगता था कि- ‘ये पागल है, आइटम गाने करने को हां कर देती है, और आप उसे पुपरी फिल्म मने लेने की सोच रहे हो।’”
सुष्मिता ने कहा कि गाने तो गाने होते हैं और बुरी फिल्म के अच्छे गाने भी बहुत चल जाते हैं। सुष्मिता ने ‘मैं कुड़ी अनजानी हूं’ (ज़ोर), ‘महबूब मेरे’ (फिजा), ‘दिलबर दिलबर’ (सिर्फ तुम) जैसे कई यादगार आइटम नंबर किए जिनमें उन्हें आज भी बहुत पसंद किया जाता है। उन्होंने इंटरव्यू में आगे कहा कि उस समय अगर आप अपने मैनेजर को किसी चीज़ के लिए मना कर दो या कहो कि ‘आपको ये आईडिया ख़राब लग रहा है लेकिन मुझे फिर भी ये करना है’ तो वो भड़क जाते थे।
सुष्मिता ने बताया, “उन्हें लगता था- ‘हमारी कोई वैल्यू ही नहीं है। हम इतने साल से इंडस्ट्री में हैं, हमें पता है ये कैसे होता है’। और अगर आप खुद 22 साल के हों (जैसे कि सुष्मिता थीं), तो वो इस बात पर और भी ध्यान देने लगते हैं कि वो सुन नहीं रही है जबकि हम यहां इतने सालों से हैं।”