जर्नलिस्ट बनना चाहती थी 'ताली' की ये एक्ट्रेस, किस्मत से रखा एक्टिंग में कदम
एक इंटरव्यू में सुष्मिता सेन ने खुलासा किया था कि वह एक्ट्रेस नहीं बल्कि जर्नलिस्ट बनना चाहती थी लेकिन उन्होंने कभी ट्राई नहीं किया।
Updated : November 29, 2023 04:21 PM ISTएक इंटरव्यू में सुष्मिता सेन ने खुलासा किया था कि वह एक्ट्रेस नहीं बल्कि जर्नलिस्ट बनना चाहती थी लेकिन उन्होंने कभी ट्राई नहीं किया।
Sushmita Sen
सुष्मिता सेन बॉलीवुड की बेहद सक्सेसफुल एक्ट्रेसेस में से एक हैं। मल्टी टैलेंटेड एक्ट्रेस ने साल 1994 में 18 साल की उम्र में मिस इंडिया कम्पटीशन का ताज अपने नाम किया था। एक्ट्रेस ने 1996 में महेश भट्ट के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'दस्तक' से बॉलीवुड में डेब्यू किया। तभी से उन्होंने 'बीवी नंबर 1', 'मैं हूं ना', 'आर्या', 'ताली' और अन्य फिल्मों में अपनी एक्टिंग से दर्शकों को इम्प्रेस कर दिया है।
अपने हुनर के लिए इतना प्यार पाने के बावजूद क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि डीवा असल में जर्नलिस्ट बनना चाहती थी न कि एक्ट्रेस? आइए जानते हैं सुष्मिता ने जर्नलिस्म के लिए अपने जुनून को आगे क्यों नहीं बढ़ाया? अपनी पहली फिल्म 'दस्तक' की शूटिंग के दौरान एक्ट्रेस सुष्मिता ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि उन्हें 15 साल की उम्र से ही लिखने का बहुत शौक रहा है। एक्ट्रेस ने कहा कि उनकी वोकैबुलरी बहुत लिमिटेड है, इसलिए वह सिंपल इंग्लिश में बहुत सारी कविताएं लिखती हैं। उनका मानना है कि 11 साल तक का बच्चा भी इसे समझ सकता है।
एक्ट्रेस ने याद कर कहा कि कई लोग पहले उनके पास आकर पूछते थे कि वह किसी न्यूज़पेपर या मैगज़ीन के लिए क्यों नहीं लिखती हैं? सुष्मिता को लोगों के लिखे कंटेंट को पब्लिश होते देखना बहुत अच्छा लगता है। एक्ट्रेस इस बात से हैरान है कि क्या किसी भी जर्नलिस्ट के पास इतनी पावर है कि वह कुछ भी लिखकर जनता की राय हमेशा के लिए बदल सके। उन्होंने कहा, 'मुझे ताकत की भावना पसंद है, यही तो मैं हमेशा से चाहती थी...पावर। मुझे लगता था यह बहुत बढ़िया है! यह एक परफेक्ट प्रोफेशन है।'
'आर्या' एक्ट्रेस ने कमेंट किया कि मीडिया ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया, इसलिए नहीं कि उनके बारे में सब कुछ अच्छा लिखा गया बल्कि इसलिए कि उन्हें कभी गलत तरीके से उजागर नहीं किया गया। इसके अलावा एक्ट्रेस ने कहा कि कोई शख्स या तो जुनून के लिए या कमाई के लिए काम करता है। अपने जुनून को पूरा करने वाला व्यक्ति अपना सब कुछ दांव पर नहीं लगा सकता क्योंकि इसके लिए कुछ चीजों की जरूरत होती है। दूसरी तरफ जो व्यक्ति अपने काम के हिस्से के रूप में लिख रहा है, वह अपने एडिटर की बाधाओं के कारण इसमें जुनून नहीं जोड़ सकता है।
इस बात पर जोर देते हुए कि उन्होंने जर्नलिस्म क्यों नहीं की एक्ट्रेस ने कहा, 'मैं इसे बेचने के लिए लिखना नहीं चाहती थी।'एक्ट्रेस ने आगे कहा कि वह किसी को खुश करने के लिए लिखना नहीं चाहती थीं। उन्हें लिखने का शौक है लेकिन उन्होंने कभी इसे छपवाया नहीं। ईश्वर की इच्छा से अगर किसी दिन मुझे मौका मिले तो मैं शायद बच्चों के लिए एक छोटी सी किताब छापना चाहूंगी जिसमें मेरी सारी कविताएं हों। बस इतना ही।'