पठान फिल्म के गाने बेशर्म रंग पर आशा पारेख का रिएक्शन, बोलीं- एक खास रंग पर मुहर क्यों?

    फिल्म पठान को लेकर एक्ट्रेस आशा पारेख अपनी बात रखती हुई नजर आई हैं। इसके अलावा उन्होंने बेशर्म रंग गाने में बिकिनी को लेकर भी बात रखी है। 

    पठान फिल्म के गाने बेशर्म रंग पर आशा पारेख का रिएक्शन, बोलीं- एक खास रंग पर मुहर क्यों?

    फिल्म पठान इस वक्त कई वजहों के चलते सुर्खियों में बनी हुई हैं। कभी वो अपने ट्रेलर की रिलीज डेट को लेकर चर्चा में हैं तो कभी अपने बेशर्म रंग गाने को लेकर। फिल्म पठान का गाना बेशर्म रंग इस वक्त बुरी तरह से विवादों के घेरे में लिपटा हुआ दिखाई दे रहा है। अब इस गाने को लेकर एक्ट्रेस और सीबीएफसी की पूर्व चीफ आशा पारेख ने अब बेशर्म रंग गाने को लेकर अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि यदि फिल्म से बेशर्म रंग गाने को हटा दिया जाए तो फिल्म पठान आसानी से रिलीज हो जाएगी।

    एक्ट्रेस दिल से चाहती है कि फिल्म पठान आसानी से रिलीज हो सकें। उन्होंने बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए कहा'हमारी इंडस्ट्री कभी भी इतने बुरे दौर से नहीं गुजरी है। मैं 60 साल से अधिक समय तक इसका हिस्सा रही हूं। मैंने इंडस्ट्री के इतिहास में इतना निचला दौर कभी नहीं देखा। पठान को किसी भी बाधा से रिलीज करने की जरूरत है। यशराज को हाल ही में कई झटके लगे हैं और अब वह दूसरों को अफोर्ड नहीं कर सकते।' 

    आप मुझे क्यों रोक रहे हैं?- आशा पारेख

    इसके अलावा आशा पारेख ने आगे कहा, 'अगर पठान को आसानी से रिलीज करने के लिए ऐसा है तो गाने को हटा दें। हालांकि, मैं स्पष्ट कर दूं मैं इस तरह की बदमाशी के पूरी तरह से खिलाफ हूं। कुछ लोग पूरे देश की ओर से फैसला क्यों करें। क्या अच्छा और क्या नहीं? आप फिल्म नहीं देखना चाहते तो ना देखें। मैं फिल्म देखना चाहती हूं। आप मुझे क्यों रोक रहे हैं?'

    बिकिनी विवाद पर ऐसे रखी बात

    इसके अलावा आशा परेखा ने फिल्म के गाने बेशर्म रंग में भगवा कलर की बिकिनी विवाद को अपनी बात रखते हुए कहा, 'एक खास रंग पर मुहर क्यों लगाई जा रही है? हर रंह समान रूप से सुंदर है। ऑरेंज कलर हम में से कई एक्ट्रेसेस का पसंदीदा रंग था। आप सोचिए कि कहा जा रहा है, इस रंग को मत पहनो, उस रंग को मत पहनो। ये बदमाशी की पराकाष्ठा है। कोई भी कम्यूनिटी किसी भी रंग पर ओनरशिप का दावा नहीं कर सकती है।' उन्होंने आगे कहा, 'पठान और रॉकी और रानी की प्रेम कहानी जैसी फिल्में इंडस्ट्री को पुनर्जीवित कर सकती हैं।'

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