इरफ़ान 2 साल से देख रहे थे मौत को आते हुए, नसीरुद्दीन शाह से कहा था- ‘ये मौका भला कितने लोगों को मिलता है?’

    इरफ़ान के साथ ‘मकबूल’ और ‘सात खून माफ़’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके नसीरुद्दीन शाह ने अब एक ताज़ा इंटरव्यू में उनकी मौत को लेकर कहा है कि इरफ़ान “दो साल से जानते थे कि यह होने वाला है।”

    इरफ़ान 2 साल से देख रहे थे मौत को आते हुए, नसीरुद्दीन शाह से कहा था- ‘ये मौका भला कितने लोगों को मिलता है?’

    वेटरन एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने, स्वर्गीय इरफ़ान खान के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इरफ़ान का निधन अप्रैल 2020 में हुआ था और एकदम से उनके जाने की खबर ने पूरे देश ही नहीं, इंटरनेशनल सिनेमा फैन्स को भी शोक कर दिया था। 

    इरफ़ान के साथ ‘मकबूल’ और ‘सात खून माफ़’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके नसीरुद्दीन शाह ने अब एक ताज़ा इंटरव्यू में उनकी मौत को लेकर कहा है कि इरफ़ान “दो साल से जानते थे कि यह होने वाला है।” नसीर साहब मौत के स्वभाव और उससे डील करने को लेकर इंडियन एक्सप्रेस से बात कर रहे थे कि इरफ़ान का ज़िक्र चल निकला। 

    उन्होंने कहा, “वो एक अनोखी चीज़ थी क्योंकि इरफ़ान को लगभग 2 साल से पता था कि ये होने वाला है। मैंने उनसे कई बार फ़ोन पर बात की, यहां तक कि जब वो लन्दन में हॉस्पिटल में थे। ये बहुत शानदार था और एक असली सबक था कि इससे कैसे डील किया जाना चाहिए। वो कहते थे- ‘मैं मौत को अपनी तरफ आते हुए देख रहा हूं और भला कितने लोगों को ये मौक़ा मिलता है? यमराज को अपनी तरफ आते हुए देख पाना और लगभग उसका स्यागत करने का।’ बिल्कुल, यह (इरफ़ान का निधन) एक अत्यंत दुखद क्षति थी। लेकिन यह हमारे हाथ में नहीं था। इसमें बस आपके शरीर की मशीनरी शट-डाउन हो रही थी। इसके ऊपर आपका कोई काबू नहीं होता!” 

    नसीर आहाब ने इस इंटरव्यू में यह भी कहा कि मौत को लेकर ऑब्सेस नहीं होना चाहिए और वो खुद ऐसा बिल्कुल भी नहीं करते। 

    उन्होंने कहा, “मैंने अपने करीबियों में से काई की मौतें अनुभव की हैं- मेरा परिवार, मेरे पेरेंट्स। और कुछ दोस्त भी, खासकर जिनका जाना एकदम आकस्मिक था- जिस तरह ओम (पुरी) ख़त्म हुए; जैसे फारुख (शेख) गुज़र गए- भयानक सदमा था। लेकिन इसे लेकर ऑब्सेस करना कुछ बेहतर नहीं करता। मुझे लगता है कि मौत, जीवन का सबसे अमहत्वपूर्ण हिस्सा है और विडंबना ये है कि इससे बचा भी नहीं जा सकता!”

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