सनी देओल की गदर 2' की सक्सेस से नाखुश हैं नसीरुद्दीन शाह, कहा - इन फिल्मों की पॉपुलैरिटी का ट्रेंड खतरनाक

    नसीरुद्दीन शाह ने सनी देओल की फिल्म के लिए कह दी ये बात 

    सनी देओल की गदर 2' की सक्सेस से नाखुश हैं नसीरुद्दीन शाह, कहा - इन फिल्मों की पॉपुलैरिटी का ट्रेंड खतरनाक

    दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में 'केरल स्टोरी', 'गदर 2' और 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्मों की पॉपुलैरिटी पर चिंता जताते हुए इसे 'परेशान करने वाला' कहा है। एक्टर नसीरुद्दीन शाह के निर्देशन में बनी शार्ट फिल्म 'मैन वुमन मैन वुमन' जल्द ही रिलीज़ होने वाली है। इस फिल्म के जरिए नसीरुद्दीन 17 साल बाद डायरेक्शन फील्ड में कमबैक कर रहे हैं । इसमें उनकी पत्नी रत्ना पाठक शाह भी नजर आएंगी ।

    हाल ही में फ्री प्रेस जर्नल को दिए एक इंटरव्यू में नसीरुद्दीन ने बॉलीवुड में फिल्म मेकिंग के बदलते ट्रेंड के बारे में बात की थी। एक्टर ने कहा कि फिल्में जितनी ज्यादा कट्टरपंथियों वाली होती हैं, उतनी ही वे पॉपुलर होती हैं। उन्होंने आगे कहा, 'अपने देश से प्यार करना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके बारे में ढोल पीटना और आपको काल्पनिक दुश्मन बनाना होगा। इन लोगों को यह एहसास नहीं है कि वे जो कर रहे हैं वह बहुत नुकसानदायक है। हालांकि मैंने 'केरल स्टोरी' और 'गदर 2' जैसी फिल्में नहीं देखी हैं लेकिन मुझे पता है कि वे किस बारे में हैं ।'

    उन्होंने इस बात पर निराशा जताई कि फिल्म मेकर सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा और हंसल मेहता को ज्यादा ऑडियंस नहीं मिलती है। उन्होंने कहा, 'यह परेशान करने वाली बात है कि 'कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्में इतनी पॉपुलर हो रही हैं, जबकि अपने समय की सच्चाई को चित्रित करने वाली सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा और हंसल मेहता की फिल्में नहीं देखी जाती हैं।' लेकिन जरूरी है कि ये फिल्ममेकर हिम्मत न हारें और अपनी कहानियां सुनाते रहें।

    उन्होंने आगे कहा, 'वे भावी पीढ़ी के लिए ज़िम्मेदार होंगे, सौ साल बाद लोग इनकी फिल्में देखेंगे और गदर 2 भी देखेंगे और जानेंगे कि कौन सा हमारे समय की सच्चाई को चित्रित करती हैं क्योंकि फिल्म ही एकमात्र जरिया है जो ऐसा कर सकती है। जीवन को वैसे ही पकड़ना कठिन है जैसा वह है । जो कुछ हो रहा है उसके लिए इतना रिग्रेसिव एक बहुत हल्का शब्द है, यह भयावह है जहां फिल्म मेकर्स को ऐसी फिल्में बनाने में शामिल किया जा रहा है जो सभी गलत चीजों को बढ़ावा देती हैं और बिना किसी कारण के अन्य समुदायों को नीचा दिखाते हैं। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है।' वर्क फ्रंट की बात करें तो नसीरुद्दीन शाह की फिल्म 'मैन वुमन मैन वुमन' यूट्यूब पर स्ट्रीम हो रही है।

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    सनी देओल की गदर 2' की सक्सेस से नाखुश हैं नसीरुद्दीन शाह, कहा - इन फिल्मों की पॉपुलैरिटी का ट्रेंड खतरनाक

    नसीरुद्दीन शाह ने सनी देओल की फिल्म के लिए कह दी ये बात 

    सनी देओल की गदर 2' की सक्सेस से नाखुश हैं नसीरुद्दीन शाह, कहा - इन फिल्मों की पॉपुलैरिटी का ट्रेंड खतरनाक

    दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में 'केरल स्टोरी', 'गदर 2' और 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्मों की पॉपुलैरिटी पर चिंता जताते हुए इसे 'परेशान करने वाला' कहा है। एक्टर नसीरुद्दीन शाह के निर्देशन में बनी शार्ट फिल्म 'मैन वुमन मैन वुमन' जल्द ही रिलीज़ होने वाली है। इस फिल्म के जरिए नसीरुद्दीन 17 साल बाद डायरेक्शन फील्ड में कमबैक कर रहे हैं । इसमें उनकी पत्नी रत्ना पाठक शाह भी नजर आएंगी ।

    हाल ही में फ्री प्रेस जर्नल को दिए एक इंटरव्यू में नसीरुद्दीन ने बॉलीवुड में फिल्म मेकिंग के बदलते ट्रेंड के बारे में बात की थी। एक्टर ने कहा कि फिल्में जितनी ज्यादा कट्टरपंथियों वाली होती हैं, उतनी ही वे पॉपुलर होती हैं। उन्होंने आगे कहा, 'अपने देश से प्यार करना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके बारे में ढोल पीटना और आपको काल्पनिक दुश्मन बनाना होगा। इन लोगों को यह एहसास नहीं है कि वे जो कर रहे हैं वह बहुत नुकसानदायक है। हालांकि मैंने 'केरल स्टोरी' और 'गदर 2' जैसी फिल्में नहीं देखी हैं लेकिन मुझे पता है कि वे किस बारे में हैं ।'

    उन्होंने इस बात पर निराशा जताई कि फिल्म मेकर सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा और हंसल मेहता को ज्यादा ऑडियंस नहीं मिलती है। उन्होंने कहा, 'यह परेशान करने वाली बात है कि 'कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्में इतनी पॉपुलर हो रही हैं, जबकि अपने समय की सच्चाई को चित्रित करने वाली सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा और हंसल मेहता की फिल्में नहीं देखी जाती हैं।' लेकिन जरूरी है कि ये फिल्ममेकर हिम्मत न हारें और अपनी कहानियां सुनाते रहें।

    उन्होंने आगे कहा, 'वे भावी पीढ़ी के लिए ज़िम्मेदार होंगे, सौ साल बाद लोग इनकी फिल्में देखेंगे और गदर 2 भी देखेंगे और जानेंगे कि कौन सा हमारे समय की सच्चाई को चित्रित करती हैं क्योंकि फिल्म ही एकमात्र जरिया है जो ऐसा कर सकती है। जीवन को वैसे ही पकड़ना कठिन है जैसा वह है । जो कुछ हो रहा है उसके लिए इतना रिग्रेसिव एक बहुत हल्का शब्द है, यह भयावह है जहां फिल्म मेकर्स को ऐसी फिल्में बनाने में शामिल किया जा रहा है जो सभी गलत चीजों को बढ़ावा देती हैं और बिना किसी कारण के अन्य समुदायों को नीचा दिखाते हैं। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है।' वर्क फ्रंट की बात करें तो नसीरुद्दीन शाह की फिल्म 'मैन वुमन मैन वुमन' यूट्यूब पर स्ट्रीम हो रही है।