'पद्मावती' के सेट्स से चितौड़गढ़ क़िले तक पहुँचे विरोधी रानी पद्मिनी के महल में की तोड़फोड़ !
Updated : March 06, 2017 05:06 PM ISTरानी पद्मिनी पर बनने वाली फिल्म 'पद्मावती' को लेकर एक राजपूत संगठन का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। संगठन के सदस्यों ने पहले जयपुर में संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'पद्मावती' के सेट पर तोड़फोड़ की थी। अब ख़बर आ रही है कि संगठन के कुछ सदस्यों ने चित्तौड़गढ़ क़िले में स्थित रानी पद्मिनी के महल में घुसकर वो इतिहास प्रसिद्ध शीशे तोड़ डाले हैं, जिनके ज़रिए अलाउद्दीन खिलजी ने रानी का दीदार किया था।
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक़ घटना रविवार शाम लगभग पौने पाँच बजे की है। चार से पाँच लोग महल में घुस गए और शीशों को चकनाचूर कर दिया। पुलिस अफ़सरों ने बताया- "कुछ असामाजिक तत्वों ने सारे शीशे रविवार शाम को तोड़ डाले। मामले की तफ़्तीश चल रही है।'' बताया जाता है कि इस घटना की ज़िम्मेदारी श्री राजपूत करणी सेना ने ली है। राजपूत करणी सेना के एक सदस्य के मुताबिक़, उन्होंने इस सिलसिले में 15 दिन पहले चेतावनी दे दी थी और उनकी माँगों के बावजूद शीशे नहीं हटाए गए।
दावा किया जाता है कि इन्हीं शीशों के ज़रिए 13वीं सदी में दिल्ली सल्तनत के शासक अलाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मिनी की झलक देखी थी। ये सूचना रानी पद्मिनी के महल के बाहर पुरातत्व विभाग द्वारा लगाए गए शिलापट पर भी अंकित है। मगर करणी सेना इस कहानी को ग़लत बताती रही है। उनका दावा है कि शीशों की खोज इस घटना के हज़ारों साल बाद हुई है।
बताते चलें कि इसी संगठन ने 27 जनवरी को संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'पद्मावती' की शूटिंग में हंगामा किया था और शूटिंग के उपकरण तोड़ने के साथ भंसाली के साथ मारपीट की थी। फ़िल्म की शूटिंग जयपुर के जयगढ़ क़िले में चल रही थी। संजय पर आरोप था कि वो अपनी फ़िल्म में रानी पद्मिनी से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। वैसे संगठन रिलीज़ से पहले फ़िल्म देखने की माँग भी लगातार कर रहा है।