फिल्ममेकर्स द्वारा एफटीआईआई स्टूडेंट्स के समर्थन में लौटाए अवार्ड की अनुपम खेर ने की निंदा
Updated : April 06, 2016 11:01 AM IST दिबाकर बनर्जी सहित 12 फिल्ममेकर के नेशनल अवार्ड लौटाने की घोषणा करने के साथ ही कुछ घंटों बाद अनुपम खेर ने उनके इस निर्णय की निंदा की है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन के पूर्व चेयरमैन खेर के अनुसार निर्माताओं ने सेंट्रल बोर्ड जूरी के साथ साथ उन लोगों को भी अपमानित किया है जिन्होंने उनकी फ़िल्में देखी है। उन्होंने कुछ निर्माताओं पर एंटी मोदी होने का इल्ज़ाम भी लगाया।
Some of these usual suspects of #AwardWapsiGang were instrumental in getting me out of Censor Board d moment Congress came in Power. #Agenda
— Anupam Kher (@AnupamPkher) October 28, 2015
Some of these usual suspects of #AwardWapsiGang were instrumental in getting me out of Censor Board d moment Congress came in Power. #Agenda
— Anupam Kher (@AnupamPkher) October 28, 2015
Some more usual suspects who never wanted @narendramodi to become PM in d first place have joined the #AwardWapsi gang. Jai Ho.:)
— Anupam Kher (@AnupamPkher) October 28, 2015
यह निर्णय टीवी एक्टर और बीजेपी के सदस्य गजेंद्र चौहान के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन बनने के सिलसिले में आया है। खबर के सामने आने के साथ ही 12 निर्माताओं जिसमें बॉलीवुड डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी और सीनियर डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता आनंद पटवर्धन का नाम शामिल है, ने नेशनल अवार्ड लौटाने के अपने निर्णय की घोषणा की। फिल्ममेकर की लिस्ट में परेश कामदार, निष्ठा जैन, कीर्ति नखवा, हर्षवर्धन कुलकर्णी, हरि नायर, राकेश शर्मा, इन्द्रनील लहिरी और लिपिका सिंह डारै का नाम शामिल है।
मुंबई में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के बाद फिल्म निर्माताओं ने एक जॉइंट स्टेटमेंट के द्वारा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए लिखा, "हम देख रहे हैं कि स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट पर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इंफोर्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मिनिस्ट्री ने इंस्टीटूशन में उनके नीचे सकरी मानसिकता वाले लोगों को नियुक्त किया है। एफटीआईआई, चिल्ड्रेन्स फिल्म सोसाइटी और सीबीएफसी इस बात का उदहारण है कि फिल्म फ्रेटर्निटी ने विरोध किया है।"
फिल्ममेकर दिबाकर बनर्जी ने कहा, "मैं यहाँ गुस्से या आक्रोश के कारण नहीं हूँ। ये जस्बात मेरे भीतर बहुत समय से थे। मैं यहां ध्यान आकर्षित करने आया हूँ। 'खोसला का घोसला' के लिए मुझे मिला मेरा पहला नेशनल अवार्ड लौटाना आसान नहीं हैं। वह मेरी पहली फिल्म थी और बहुत लोगों की मनपसंद फिल्म थी।" बॉलीवुड में इस मुद्दे पर छाई शांति के बारे में बात करते हुए बनर्जी ने कहा, "जब इंजीनियरिंग के छात्र प्रोटेस्ट करते हैं तब क्या हम इंजीनियर को नियुक्त करते वाली कंपनी से उम्मीद करते हैं कि वे उन विद्यार्थियों के लिए एक जुट हो जाएं।" पटवर्धन ने कहा, "आम नागरिकों की तरह जो शास्त्रों से लड़ाई करने में विश्वास नहीं रखते, यह हमारे विरोध करने का हथियार है।"
Source: mid-day.com