बॉलीवुड की इन 5 फिल्मों के रिलीज़ होने से पहले हुआ बवाल !
Updated : February 28, 2018 02:00 PM ISTहमारी फिल्म इंडस्ट्री में जहाँ हिंदी फिल्मों और कलाकारों को इतना प्यार मिला है तो वहीं हमारी ऑडियंस ने कई फिल्मों का खुल कर विरोध भी किया है। इन फिल्मों के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतर कर मार-पिटाई तक की है। इस तरह के विरोध से फिल्म को हर तरह का नुकसान हुआ है।
आइये आपको बताते हैं उन फिल्मों के बारे में-
‘इंदु सरकार’
निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘इंदु सरकार’ अपने रिलीज़ होने से पहले ही सुर्ख़ियों में बनी हुई है। ये फिल्म 1975 में लगी इमरजेंसी के दौरान की घटनाओं पर आधारित हैं। फिल्म की कहानी इंदिरा गाँधी की सरकार यानी कांग्रेस सरकार के इर्द-गिर्द घुमती है। इसी के विरोध में कांग्रेसी फिल्म का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेससियों के अनुसार ये फिल्म देश में कांग्रेस के छवि ख़राब कर और लोगों के मन में कांग्रेस पार्टी के लिए नफरत पैदा कर सकती है। इसी विरोध में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता फिल्म के प्रमोशन में दिक्कत खड़ी कर रहे हैं। इसी प्रदर्शन के चलते फिल्म ‘इंदु सरकार’ की टीम को पहले पुणे में और फिर नागपुर की प्रेस कांफ्रेंस को रद्द करना पड़ा।
‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’
फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ कई कारणों से विवादों में बनी हुई है। पहले फिल्म के नए कांसेप्ट को लेकर सेंसर बोर्ड ने रिलीज़ करने की इज़ाजत नहीं मिली थी, फिर बाद में फिल्म के टाइटल में बुर्का के इस्तेमाल पर खूब विवाद हुआ। दर्शकों को इस फिल्म की कहानी को स्वीकारना एक बड़ा चैलेंज है, जिसके लिए कई लोगों ने निजी तौर पर भी इस फिल्म का विरोध किया।
‘पद्मावती’
फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध तब से ही हो रहा है जब से इस फिल्म को बनाने का एलान हुआ है। इस फिल्म को जाने-माने डायरेक्टर संजय लीला भंसाली डायरेक्ट कर रहे हैं। ये फिल्म अभी पूरी भी नहीं हुई है कि इसका विरोध होना शुरू हो गया। इस फिल्म के विरोध में आये लोगों का मानना है कि इस फिल्म के जरिये ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़-छाड़ की जा रही है।
आपको बता दें, फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य किरदार में हैं। इस फिल्म की शूटिंग राजस्थान में की गई थी जहाँ इसका जमकर विरोध किया गया। करणी सेना नाम के एक संगठन ने इस फिल्म का खूब विरोध किया और बनाये हुए सेट को बर्बाद करने की पूरी कोशिश की गई। फिल्म के किरदारों के महंगे कपड़ों, जुलेरी, और महत्वपूर्ण चीज़ों को आग लगा दी गई। सिर्फ इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने संजय लीला भंसाली के साथ मार-पीट तक की, बाद ने पूरे बॉलीवुड ने इसके विरोध में आवाज़ एक की।
‘ए दिल है मुश्किल’
पिछली साल आई फिल्म ‘ए दिल है मुश्किल’ को भी इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ा है। इस विरोध की सबसे बड़ी वजह थी फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार ‘फवाद खान’ का होना। वैसे तो भारत-पाकिस्तान के सम्बन्ध हमेशा से कुछ खास नहीं रहे हैं, लेकिन उसी दौरान हुई सर्जिकल स्ट्राइक के वजह से पाक के कलाकरों का भारत में आना-जाना और फिल्में करने पर बैन लगाने की बात की गई थी। इसी विरोध के चलते देश में कई जगह सड़कों पर उतर कर फिल्म का विरोध किया गया। इस फिल्म के डायरेक्टर रहे करण जौहर का पुतला फूंका गया था। बाद में कई मुश्किलों के बाद फिल्म रिलीज़ हुई थी। इसी तरह का विरोध शाहरुख़ खान की फिल्म ‘रईस’ को भी करना पड़ा था।
‘बिल्लू’
साल 2009 में आई फिल्म ‘बिल्लू’ का पहले नाम ‘बिल्लू बारबर’ था। लेकिन इस फिल्म के टाइटल को लेकर हुए विवाद के बाद इस फिल्म का नाम सिर्फ ‘बिल्लू’ रखा गया। इस फिल्म को प्रियदर्शन ने डायरेक्ट किया था, मुख्य किरदार में इरफ़ान खान और लारा दत्ता थे, तो वहीं शाहरुख खान ने भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।