सुशांत सिंह राजपूत केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने की एक्टर की तारीफ, कहा चेहरे से अच्छे व्यक्ति लगते थे
सुशांत सिंह राजपूत केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने की एक्टर की तारीफ
Updated : January 08, 2021 08:26 AM ISTबॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन आज भी वो अपने काम के लिय के लिए जाने जाते हैं। सुशांत ऐसे व्यक्ति थे कि बॉम्बे हाईकोर्ट के जज ने भी उनकी तारीफ की। गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वर्गीय एक्टर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि उनका चेहरा देखकर कोई भी बता सकता है किवो एक अच्छे इंसान थे।
जज एसएस शिंदे ने कहते हैं, -''मामला कुछ भी हो... सुशांत सिंह राजपूत का चेहरा देखकर कोई भी यह कह सकता था कि वह मासूम और सीधे...और अच्छे मनुष्य थे।'' उन्होंने कहा, ''उन्हें खासकर एम। एस। धोनी फिल्म में सभी ने पसंद किया।''
undefined src="https://platform.twitter.com/widgets.js" >#SushantSinghRajput death case: Bombay High Court reserve the order on an application filed by his sisters seeking quashing of FIR filed by Rhea Chakraborty, alleging their involvement in his death. Court also asked all the parties to file their written submissions within a week. pic.twitter.com/bCTdhaenS5
— ANI (@ANI) January 7, 2021
ये सुनवाई बॉलीवुड एक्ट्रेस और सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती की एक शिकायत के बाद की है। रिया ने 7 सितंबर को सुशांत की बहन प्रियंका, मीतु सिंह और उनके डॉक्टर तरुण कुमार के खिलाफ एक्टर को बिना प्रेस्क्रीब्शन के दवाई देने का आरोप लगाया था। रिया की शिकायत के मुताबिक एक्टर को बिना उनकी जानकारी के नशीली दवाइयां दी गई।
इस पर राजपूत परिवार के वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि टेलीमेडिसिन प्रैक्टिस संबंधी दिशा-निर्देश ऑनलाइन सलाह लेने के बाद डॉक्टर्स को दवा सबंधी परामर्श देने की अनुमति देते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण राजपूत डॉक्टर से मिलने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनके पास नहीं जा सके थे। विकास सिंह ने कहा कि यदि यह मान भी लिया जाए कि प्रेस्क्रीब्शन का पर्चा खरीदा गया था, तो भी इस बात का कोई सबूत नहीं है कि राजपूत ने कोई दवा खाई थी।
वहीं मुंबई पुलिस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने दावा किया कि इस मामले में ऑनलाइन कोई सलाह नहीं ली गई थी। कामत ने कहा कि राजपूत और उनकी बहनों के बीच आठ जून, 2020 को व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत स्पष्ट रूप से दिखाती है कि प्रियंका ने मरीज द्वारा डॉक्टर से सलाह लिए बिना ही पर्चा हासिल किया। कामत ने कहा, ''पुलिस के पास इस बात का सबूत है कि एक अज्ञात व्यक्ति आठ जून, 2020 को राम मनोहर लोहिया अस्पताल की ओपीडी में गया था। उसने टोकन लिया और बाद में आरोपी चिकित्सक तरुण कुमार से पर्चा लिया।'' जज एस एस शिंदे और जज एम एस कार्णिक की पीठ ने फ़िलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।