सलमान खान की 'भारत' हम किसी कीमत पर मिस नहीं करने वाले, ये है वजह !
सलमान खान की 'भारत' हम किसी कीमत पर मिस नहीं करने वाले, ये है वजह !
Updated : June 04, 2019 07:14 PM ISTसलमान खान और कैटरीना कैफ स्टारर फिल्म ‘भारत’ ईद पर यानी कल रिलीज़ होने वाली है। ईद के त्यौहार को असली रंग देती है सलमान भाई की फिल्म। और जब सलमान के साथ फिल्म में कैटरीना हों, तो बात ही अलग होती है।
‘भारत’ सलमान खान के साथ, डायरेक्टर अली अब्बाज ज़फर की तीसरी फिल्म है। सलमान की आखिरी फिल्म ‘रेस 3’ ने बॉक्स ऑफिस पर तो ठीक-ठाक ही कमाई की थी मगर लोगों को ये फिल्म कुछ ख़ास पसंद नहीं आई। इसलिए ‘भारत’ से लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।
आइए आपको बताते हैं कि ‘भारत’ से लोगों को क्या उम्मीदें हैं:
1. सलमान और ज़फर की जोड़ी का कमाल
सलमान और ज़फर इससे पहले दो बार साथ काम कर चुके हैं और दोनों बार फिल्मों की कमाई 300 करोड़ के पार जा कर रुकी है। अगर बॉक्स-ऑफिस को किनारे भी रख दें तो भी ‘सुल्तान’ और ‘टाइगर ज़िंदा है’ ऑडियंस को बहुत पसंद आई थीं।
ज़फर को पता है कि सलमान को किस तरह से स्क्रीन पर पेश करना है और अब जब ‘भारत’ की कहानी दशकों से होकर गुजरेगी, तो ये देखना और भी मजेदार होगा।
2. ‘रेस 3’ के बाद सलमान बहुत कुछ बदलना चाहेंगे
सलमान अपने फैन्स को ग्रांटेड लेटे हैं, ऐसा सोचना भी गलत है। सलमान अपनी फ़िल्में भले एक ख़ास सेक्शन को दिमाग में रखकर बनाते हों, जो कि उनके पक्के वाले फैन्स हैं, लेकिन वो उनके आमने एक ही गलती बार-बार नहीं दोहराते। और सलमान ने खुद माना है कि ‘रेस 3’ उनकी गलती थी।
3. ‘एन ओड टू माय फादर’ बिल्कुल बॉलीवुड मटेरियल है
कोरियाई फिल्म ‘एन ओड टू माय फादर’ के साथ अली अब्बास ज़फर और मेकर्स ने क्या किया है ये देखने वाली बात होगी। इस फिल्म का मेलोड्रामा बहुत आइकॉनिक है। इस फिल्म का डीएनए ही बॉलीवुड के लिए बहुत सूट करता है। इसलिए ‘भारत’ में इस फिल्म की कहानी को किस तरह एडाप्ट किया गया है, ये देखने वाली बात है।
4. बॉलीवुड को एक अदद अच्छी मसाला फिल्म की ज़रूरत
सलमान, कैटरीना, ज़फर या ‘एन ओड टू माय फादर’, इन सब से ज्यादा इस समय बॉलीवुड को एक अच्छी मसाला फिल्म की ज़रूरत है। सच ये है कि दर्शक के तौर पर हम खुद, उस टिपिकल बॉलीवुड मसाला फिल्म वाले इमोशन से दूर हो गए हैं, जो कभी हम में बहुत होती थी।
इंटेलेक्चुअल और आर्ट फिल्मों के नाम पर हमें या तो नेटफ्लिक्स का सहारा है, या फिर कमर्शियल फिल्मों के नाम पर ‘टोटल धमाल’ जैसी लाउड फिल्मों का। हमें इस वक़्त एक ऐसी फिल्म की बहुत ज़रूरत है जो एक बेहतरीन तरीके से बनाई गई ड्रामा फिल्म हो, जो न तो हमें बेवकूफ समझे और न ही नए कंटेंट के नाम पर बोर करे।