अपने पिता की कविताओं से कॉपीराइट खो सकते हैं अमिताभ बच्चन !
बॉलीवुड के सबसे पहले एंग्री-यंगमैन अमिताभ बच्चन एक बार फिर से ‘एंग्री’ हो गए हैं। इस बार वो अपने पिता, मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन के साहित्य पर कॉपीराइट के मामले पर गुस्सा हैं। खबरों की माने तो अमिताभ अपने पिता के साहित्य पर कॉपीराइट खो सकते हैं। ‘कॉपीराइट एक्ट 1957’ के हिसाब से किसी व्यक्ति की मृत्यु के 60 साल बाद, उसकी रचनाओं से कॉपीराइट ख़त्म हो जाता है। अब तक अमिताभ अपने पिता की रचनाओं के वारिस हैं, लेकिन उनके पिता की मृत्यु को 60 साल होने पर अमिताभ इन रचनाओं से कॉपीराइट खो सकते हैं।
इस बात से नाराज़ अमिताभ ने ट्विटर पर अपनी नाराज़गी जताते हुए लिखा, ‘मैं इससे असहमत हूं और इसका विरोध करता हूं। मेरी विरासत मेरी होनी चाहिए, मेरे पिता का वारिस मुझे और उनकी रचनाएं मेरी। मैं आम जनता के बीच इसे ख़राब नहीं होने दूंगा।’ अमिताभ और उनके पिता का रिश्ता बहुत ही इमोशनल था और कई मौकों पर अमिताभ अपने पिता को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं। उनके पिता हरिवंश राय बच्चन की कविताएं ‘मधुशाला’, ‘अग्निपथ’ और ‘रुके न तू’ जैसी कई कविताएं बहुत मशहूर हैं। कई इवेंट्स में अमिताभ ने खुद अपने पिता की कविताएं गाई हैं।