एसी फ़िल्में लोगों को सोचने और कुछ करने पर मजबूर कर देती हैं: नीरज काबी

    एसी फ़िल्में लोगों को सोचने और कुछ करने पर मजबूर कर देती हैं: नीरज काबी

    नीरज काबी जिन्होंने नोएडा डबल मर्डर केस पर आधारित फिल्म ‘तलवार’ में आरुषि तलवार के पिता का किरदार निभाया था, का कहना है कि फिल्म में काम करने का उनका अनुभव परेशान कर देने वाला था। मेघना गुलजार की फिल्म के रमेश टंडन खुश हैं कि फिल्म ने लोगों को सोचने और कुछ करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा, "बंगलौर में लोगों ने केस को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में डालने के लिए याचिका दायर की है। इसने मेरे विश्वास को सही साबित कर दिया है कि सिनेमा लोगों के विचारों में परिवर्तन ला सकती है।" 

    उन्होंने आगे कहा, "आज के इस दौर में जब एक के बाद एक एंटरटेनर फ़िल्में बन रही हैं यह दिल को छू जाने वाली बात है कि लोग ‘तलवार’ जैसी फिल्म में पैसे खर्च कर रहे हैं जो कि लोगों को सोचने और कुछ करने के लिए मजबूर करती है।  आज लोग मेरी 3 फिल्मों को पैकेज के रूप में देखते हैं। लोग, ‘शिप ऑफ़ थीसिस’ और ‘डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी’ को इंद्रधनुष के दोनों सिरों की तरह देखते हैं जिसमें ‘तलवार’ बड़ी खूबसूरती से बीच में फिट होती है।"

    15 वर्ष की बेटी के पिता इस एक्टर ने आरुषि तलवार के माता पिता के साथ हमदर्दी जताते हुए कहा कि वे इस दर्द को समझते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे कुछ विचारों को अपने दिमाग से मिटाना पड़ा। एक्टर होने के नाते मुझे मेरे किरदार में रहना पड़ता है पर घर जाते ही मुझे खुद को रोल से अलग करने के लिए ट्रेन किया गया है। इस केस में यह आसान नहीं था।" उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म के दौरान की गई रिसर्च ने हर दिन उन्हें बहुत दुखी किया और फिल्म के ख़त्म होने के साथ उन्होंने राहत महसूस की।

    एसी फ़िल्में लोगों को सोचने और कुछ करने पर मजबूर कर देती हैं: नीरज काबी