आर डी बर्मन के ये 10 गाने हर किसी की प्लेलिस्ट में ज़रूर होने चाहिए !

    आर डी बर्मन के ये 10 गाने हर किसी की प्लेलिस्ट में ज़रूर होने चाहिए !

    हमारे देश में कोई ही ऐसा होगा जो बॉलीवुड में अपने गीतों से सबको दीवाना बना देने वाले संगीतकार आर. डी. बर्मन को ना जनता हो। आर डी बर्मन ने बॉलीवुड को संगीत का वो तोहफा दिया है जिसकी बराबरी आजतक कोई नहीं कर पाया। उनका पूरा नाम राहुल देव बर्मन था और वे म्यूज़िक कंपोज़र सचिन देव बर्मन के इकलौते बेटे थे। 27 जून 1939 को कलकत्ता में जन्मे आर दी को बॉलीवुड के पंचम दा के नाम से भी जाना जाता है। पंचम दा ने अपने करियर में लगभग 300 फिल्मों में संगीत दिया था। हिन्दी फिल्मों के अलावा बंगला, तेलुगु, तमिल, उड़िया और मराठी फिल्मों में भी अपने संगीत के जादू से उन्होंने श्रोताओं को मदहोश किया था।

    उन्होंने अपनी अलग ट्यून्स संगीत में अपना स्टाइल बनाया। उनका म्यूज़िक रॉक और डिस्को के साथ क्लासिकल का कॉम्बिनेशन होता था। उनके डांस नंबर्स की ट्यून्स वेस्टर्न स्टाइल से भी प्रेरित थीं। उन्होंने संगीत केवल वाद्य यंत्रों से ही नहीं बल्कि साधारण-सी रोज़ इस्तेमाल करने वाली चीज़ों जैसे कप और प्लेट, कंघी और खाली बोतलों से भी संगीत बना लिया करते थे।

    9 साल की उम्र में अपनी संगीत की यात्रा को शुरू करने वाले आर डी बर्मन ने बॉलीवुड और दुनिया को कई बेहतरीन गाने दिए हैं और ये सभी गाने एक से बढ़कर एक थे। उन्होंने सबसे ज़्यादा काम किशोर कुमार और आशा भोसले के साथ काम किया था। विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म '1942 अ लव स्टोरी' मिलने से पहले राहुल देव बर्मन के पास कोई काम नहीं था तब विधु ने बर्मन को इस फिल्म का म्यूज़िक बनाने का काम दिया। उन्होंने फिल्म प्यासा, चलती का नाम गाड़ी, कागज़ के फूल, बंदिनी ज़िद्दी, गाइड आदि कई फिल्मों में गाने दिए। आज उनकी याद में हम आपके लिए लेकर आये हैं पंचम दा के बेहतरीन गाने, जिन्हें आपको ज़रूर सुनना चाहिए !

    मुसाफिर हूँ यारों 

    सर जो तेरा चकराए 

    मेरा कुछ सामान 

    एक लड़की को देखा तो 

    चिंगारी जो भड़के  

    बड़े अच्छे लगते हैं 

    रोज़ रोज़ आखों तले

    तुम आ गये हो नूर आ गया है 

    ओ मेरे दिल के चैन 

    ये जो मोहब्बत है 

    पंचम दा हमेशा ऍम सभी के दिलों में जगह बनाये हमें इन गानों के माध्यम से याद आते रहेंगे !