इसीलिए आदित्य चोपड़ा बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन डायरेक्टर हैं!

    इसीलिए आदित्य चोपड़ा बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन डायरेक्टर हैं!

    बॉलीवुड डायरेक्टर आदित्य चोपड़ा की फ़िल्में हम सभी पिछले कई सालों से देखते हुए आ रहे हैं। दो दशकों से चलते आ रहे अपने करियर में आदित्य ने सिर्फ 4 ही फिल्मों को डायरेक्ट किया है। भारत के महान निर्देशक स्वर्गीय यश चोपड़ा के बेटे आदित्य चोपड़ा देश के सबसे बड़े प्रोडक्शन हाउस 'YRF Films' के चीफ एक्सेक्यूटिव हैं। इस बैनर के तहत काम करने वाले आदित्य काफी क्रिएटिव हैं। अपनी फ़िल्मों में आने वाले लम्बे गैप में आदित्य अपने बैनर के तहत बनने वाली फ़िल्मों को लिखते भी हैं। 'दिल तो पागल है', 'वीर ज़ारा', 'धूम ट्राइलॉजी', 'एक था टाइगर' और 'फैन' कुछ ऐसी ही फ़िल्में हैं, जिनकी स्क्रिप्ट में आदित्य का भी योगदान रहा है।

    हालाँकि हम जिस बारे में उनकी बात कर रहे यहीं वो है उनका निर्देशन। 1995 में अपनी पहली फिल्म बनाने वाले आदित्य ने आखरी फिल्म 'बेफिक्रे' बनाई थी, जो उनके द्वारा निर्देशित चौथी फिल्म थी। अपने पिता ही की तरह आदित्य की फिल्मों में वो जादूई ताकत है जो दर्शाती है कि वे एक कमाल के डायरेक्टर हैं।

    आइये इस बात का विशलेषण भी कर लेते हैं -

    दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995)

    बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' उनकी बेस्ट फिल्म है। बेस्ट हो या ना हो ये फिल्म जानी अपने इम्पैक्ट के लिए जाती है। दो अनजान चेहरे, एक पहली बार फिल्म बनाने वाला निर्देशक जिसने इंसान की आज़ादी, पारिवारिक दबाव, और प्यार के बारे में ऐसी फिल्म बनाई जिसने सभी को अपने साथ बाँधे रखा। 2015 में इस फिल्म की रिलीज़ के 1000 से ज़्यादा हफ़्तों के बीतने के बाद मुंबई के मराठा मंदिर थिएटर में इस फिल्म की स्क्रीनिंग पहली बार बंद हुई थी। हालाँकि यशराज फिल्म्स से मोल-भाव के बाद थिएटर में फिर एक बार इस फिल्म की स्क्रीनिंग एक बार फिर शुरू कर दी गयी। इसे कहते हैं असर (इम्पैक्ट) !

    मोहब्बतें (2000)

    डीडीएलजे की अपार सफलता के बाद आदित्य ने मोहब्बतें बनायी। इस फिल्म के ज़रिये 6 नए कलाकारों ने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था। इसके अलावा इस फिल्म में बॉलीवुड के दो बड़े सितारे - अमिताभ बच्चन और शाहरुख़ खान ने साथ में पहली बार काम किया। इस कैंपस रोमांस ड्रामा फिल्म की काफी तारीफ हुई थी और ये साल की टॉप-ग्रोसिंग फिल्म बनी थी। फिल्म में ऐश्वर्या ने भी शाहरुख़ की गर्लफ्रेंड के भूत का किरदार निभाया था और इसका म्यूजिक बढ़िया था।

    रब ने बना दी जोड़ी (2008)

    जब सबको लगा कि आदित्य कोई और फिल्म नहीं बनाएंगे तभी वे 'रब ने बना दी जोड़ी' लेकर दुनिया के सामने हाज़िर हो गए। इस फिल्म में हमेसाह की तरह शाहरुख़ खान मुख्य किरदार में थे और ये एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा का बॉलीवुड डेब्यू थी। उस वक़्त इस फिल्म से कोई ज़्यादा उम्मीदें नहीं लगाई गयीं थी। मुंबई में आतंकी हमले के कुछ समय बाद रिलीज़ हुई इस फिल्म का प्रमोशन भी ज़्यादा नहीं हुआ था। इसके साथ-साथ ये फिल्म आमिर खान की फिल्म 'ग़जनी' के आसपास ही रिलीज़ हुई थी, जिसके लिए दर्शकों के बीच ज़्यादा उत्साह था। लेकिन साधारण-से स्वाभाव की इस फिल्म और शाहरुख़ खान की उम्दा परफॉरमेंस ने इस फिल्म को क्रटिक्स और ऑडियंस के बीच सफल बनाया।

    बेफिक्रे (2016)

    काफी समय तक इंतज़ार कराने के बाद आदित्य ने फिल्म 'बेफिक्रे' के साथ एक बार फिर सिनेमा पर वापसी की। ये उनकी निर्देशित पहली फिल्म थी जिसमें शाहरुख़ खान नहीं थे। इसके साथ ही येबाकि फिल्मों के मुकाबले कम बजट वाली फिल्म थी और आदित्य ने दर्शकों के बीच एक ब्लॉकबस्टर फिल्म रखने की कोशिश नहीं की। ये आदित्य द्वारा किया गया एक एक्सपेरिमेंट था जो ढंग से नहीं चला और फेल हुआ।

    भले ही 'बेफिक्रे' बड़े परदे पर फेल हुई हो लेकिन इसके लिए कोई भी आदित्य के भारतीय सिनेमा में किये हुए कंट्रीब्यूशन को नहीं छीन सकता है। हम चाहते हैं कि आदित्य आगे चलकर और फिल्मे बनाएं और हम सभी को कुछ और ब्लॉकबस्टर्स दें।