बॉलीवुड की इन 11 नाग-नागिन पर आधारित फिल्मों को आपको ज़रूर देखना चाहिए !

    बॉलीवुड की इन 11 नाग-नागिन पर आधारित फिल्मों को आपको ज़रूर देखना चाहिए !

    एक दौर था जब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में नाग-नागिन पर बहुत सी फिल्में बनती थी। लोग एक नागिन की इच्छाधारी नागिन की प्रेम कहानी और फिर बदला देखने के लिए बेताब रहते थे। यहीं वजह थी कि एक ही समय में नाग-नागिन की कहानियों पर आधारित बहुत सी फिल्में बनती थी। और नाग पंचमी जैसे मौको पर केबल टीवी पर ये फिल्में खूब चलती थी। लेकिन अब दौर बदल गया है साथ ही उनकी पसंद भी बदल गई है, अब इस तरह की फिल्में नहीं बनती। लेकिन अगर आज भी श्रीदेवी का नागिन डांस या नागिन फिल्म आ रही हो तो लोग ज़रूर देखते हैं।

    आइये आपको बताते हैं नाग-नागिन पर बनी इन फिल्मों के बारे में-

    नागिन (1954)

    इससे पहले नागिन पर कोई फिल्म नहीं बनी थी, ये वो पहली फिल्म थी जिसने नागिन की कहानी को परदे पर दिखाया था। ये वो समय था जब सांप के डसने का खौफ़ हर व्यक्ति के मन में होता था। लेकिन इस विषय पर फिल्म बनाने के बारे में डायरेक्टर नन्दलाल जसवंत ने सोचा। डायरेक्टर नन्दलाल ने इस फिल्म के लिए एक्ट्रेस वैजयंती माला और और एक्टर प्रदीप कुमार थे। एक इच्छाधारी नागिन की कहानी को खूब पसंद किया गया था।

    इस फिल्म का म्यूजिक भी सुपरहिट था, जिसने आगे आने वाली फिल्मों को नई राह दिखाई। इस फिल्म का एक गाना आज भी मशहूर है, गाने के बोल हैं- मेरा मन डोले, मेरा तन डोले...

    नागिन (1976)

    वैजयंतीमाला की नागिन के 22 साल बाद एक और नागिन बनी। फिल्म को राजकुमार कोहली ने डायरेक्ट किया था। इस फिल्म में नाग-नागिन की कहानी को आगे बढ़ा कर दिखाया गया था। फिल्म में नाग-नागिन के जीवन का वो टाइम दिखाया गया था जब दोनों नाग-नागिन इंसान का रूप धारण कर लेते हैं। नाग-नागिन की इस कहानी के बारे में कम ही लोग जानते थे, उनके लिए ये सब नया था। फिल्म में ये भी दिखाया जाता है कि कैसे नागिन इंसान से नाग की मौत का बदला लेती हैं। इस फिल्म में उस समय के लगभग सभी बड़े एक्टर्स जैसे सुनील दत्त, फिरोज खान, विनोद मेहरा, जीतेंद्र, रेखा, मुमताज, रीना रॉय, योगिता बाली, संजय खान थे। फिल्म पर पैसे भी खुद राजकुमार कोहली ने लगाए। फिल्म ने ठीक-ठाक कमाई की थी।

    नगीना (1986)

    अब तक हमारी फिल्म इंडस्ट्री काफी बदल चुकी थी। नागिन जैसे मुद्दों पर फिल्में बनना बंद हो गई थी। लेकिन ऐसे वक़्त भी डायरेक्टर हरमेश मल्होत्रा ने रिश्क लिया और श्रीदेवी, ऋषि कपूर और अमरीश पुरी के साथ मिलकर नगीना बना डाली। ये एक अलग कहानी थी, जिसमें सपेरा बने अमरीश पूरी नागमणि की तलाश में होते हैं। फिल्म में नागिन के रोल में श्रीदेवी को इतना पसंद किया गया था कि इसने पहले और इनके बाद बनी सभी नागिन पर इन्हें सबसे बेस्ट नागिन माना गया था। इस फिल्म एम उनका नागिन डांस और वो गाना ‘मैं तेरी दुश्मनम, दुश्मन तू मेरा ।।मैं नागिन तू सपेरा’ ये गाना उस समय बच्चे-बच्चे की ज़ुबान पर हुआ करता था। फिल्म ने कमाई के मामले में भी इस फिल्म ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।

    निगाहें (1989)

    फिल्म नगीना की सक्सेस के बाद डायरेक्टर हरमेश मल्होत्रा ने इसी फिल्म का सीक्वल बनाने की सोची। शायद ये पहली बॉलीवुड फिल्म थी जिसका सीक्वल बनाया गया था। फिल्म ‘नगीना’ के तर्ज पर ‘निगाहें’ की कहानी आगे बढाई गई। इस फिल्म में श्रीदेवी के अलावा सभी किरदारों को बदल दिया गया था। अमरीश पुरी की जगह अनुपम खेर विलेन बने बीन बजा रहे थे तो वहीं सनी देओल लीड एक्टर थे। इस फिल्म की कहानी को खूब पसंद किया गया था, लेकिन ये फिल्म ‘नगीना’ जैसा जादू नहीं चला पाई।

    नाग-नागिन (1989)

    फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली हो गई’ के बाद इस फिल्म में एक्ट्रेस मंदाकनी को एक नागिन के रूप में दिखाया गया था। इस फिल्म में उनके साथ राजीव कपूर थे जो पहले भी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली हो गई’ में मंदाकनी के साथ नज़र आ चुके थे। इन दोनों की पहली फिल्म जितनी बड़ी हिट थी, ये फिल्म उतनी ही बड़ी फ्लॉप साबित हुई। इस फिल्म में कहानी कम और नाग-नागिन के बीच रोमांस ज़्यादा था। जो शायद दर्शकों को पसंद नहीं आया।

    नाचे नागिन गली गली (1989)

    ये फिल्म बाकी फिल्मों से थोड़ी अलग थी। इस फिल्म में मिनाक्षी शेषाद्री और महाभारत में कृष्ण की भूमिका निभा चुके नितीश भारद्वाज मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में दुश्मन से बचने के लिए प्रेमी नाग-नागिन की जोड़ी बिछड़ जाती है और फिर शुरू होती एक दुसरे को वापस पाने की कहानी। इस फिल्म को बहुत पसंद किया गया था।

    शेषनाग (1990)

    इतनी सारी एक्ट्रेस नागिन बन चुकी थी, अब रेखा ने भी कुछ अलग फिल्म करने के बारे में सोचा। इस फिल्म में रेखा भी एक इच्छाधारी नागिन बनी थी और उनके ऑपोजिट जीतेंद्र एक इच्छाधारी नाग बने थे। फिल्म में डैनी ने तांत्रिक की भूमिका निभाई थी, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था। इस फिल्म पर खूब पैसा खर्च किया गया था, लेकिन फिल्म उस हिसाब से कमाई नहीं कर पाई।

    तुम मेरे हो (1990)

    आमिर खान और जूही चावला की जोड़ी पहले ही हिट हो चुकी थी। इस लिए इस फिल्म में भी दोनों को साथ कास्ट किया गया। फिल्म में आमिर के पास अलौकिक शक्ति होती है जो उसकी बचपन की घटनाओं से जुडी होती हैं। फिल्म से कमाई की तो बहुत उम्मीद थी लेकिन ये फिल्म बहुत बड़ी फ्लॉप निकली।

    विषकन्या (1991)

    इस फिल्म में नाग-नागिन की कहानी कम और बोल्ड सीन बहुत थे। इसी फिल्म से एक्ट्रेस पूजा बेदी ने इंडस्ट्री में कदम रखा था। फिल्म में कुनाल गोस्वामी और पूजा के पिता कबीर बेदी भी थे। इनके अलावा फिल्म में मुन मुन सेन, सतीश कौशिक और सुरेंद्र पाल, सारिका जैसे एक्टर शमी थे। इस फिल्म को जगमोहन मुंध्रा ने डायरेक्ट किया था। लेकिन फिल्म चली नहीं।

    जानी दुश्मन (2002)

    जानी दुश्मन भी पुरानी नाग-नागिन की कहानी की तरह ही थी, लेकिन इस फिल्म में नागिन की मौत हो जाती है और नाग उसकी मौत का बदला लेता है। फिल्म में अरमान कोहली को नाग और मनीषा कोइराला को नागिन के रूप में दिखाया गया था। वैसे इनके अलावा इस फिल्म की लम्बी कास्ट थी। फिल्म में अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, सोनू निगम, आफताब शिवदसानी, अरशद वारसी, आदित्य पंचोली, रजत बेदी, शरद कपूर, अतुल अग्निहोत्री से लेकर सन्नी देओल तक थे। फिर भी फिल्म कमाल नहीं कर पाई।

    दूध का क़र्ज़ 

    इसके अलावा एक और अलग तरह की फिल्म बनी थी। फिल्म में जैकी श्रॉफ, नीलम, अरुणा इरानी मुख्य किरदार में नज़र आये थे। इस फिल्म में एक नागिन अपने दूध का कर्ज़ चुकाने के लिए जैकी श्रॉफ की मदद अ है।

    हिस्स (2010)

    मलिका शेहरावत स्टारर ये फिल्म भी सुर्ख़ियों में नहीं रही थी और उसकी वजह थी मलिका का बोल्ड अवतार था। फिल्म हॉलीवुड डायरेक्ट ने डायरेक्ट की थी।