बॉलीवुड के इन गानों को क्या आप परिवार के साथ सुन सकते हैं ?
हिंदी सिनेमा को संगीत प्रधान माना जाता है। यहाँ एक्शन फ़िल्म हो या पीरियड फ़िल्म सभी में आपको गाने सुनने को मिल जाएगा।हिंदी फिल्मों ने एक से बढ़कर एक मधुर, दिलकश गाने दिए हैं जिन्हें हम दुःख में, ख़ुशी के पलों में अक्सर सुनते हैं। बॉलीवुड फिल्मों के गीत सामान्यतः बहुत साफ़ सुथरे होते हैं जिन्हें हम अपने घर-परिवार के साथ सुनते हैं,लेकिन बॉलीवुड के कुछ गाने ऐसे भी है जो बहुत लोकप्रिय हैं बावजूद इसके हम उन्हें अपने परिवार और बच्चों के सामने सुनने से कतराते हैं क्योंकि इन गानों के बोल डबल मीनिंग वाले होते हैं।
आप भी देखिए इन गानों का यहाँ पर:
लेटेस्ट ख़बरों और अपडेट के लिए फ्री में डाउनलोड करें Desimartini App
रोज़ा फ़िल्म का गाना, रुक्मणी-रुक्मणी, शादी के बाद क्या-क्या हुआ के बोल द्विअर्थी हैं।
खलनायक 1993: इस फ़िल्म का गाना 'चोली के पीछे क्या है चुनरी के नीचे क्या है' को लेकर बहुत विवाद हुआ था। बहुत सारे लोगों ने इसके शब्दों को अश्लील माना था।
राजा बाबू 1994, इस फ़िल्म का गाना 'सरकाई लियो खटिया जाड़ा लगे जाड़े में बलमा प्यारे लगे' भी बेहद मशहूर हुआ था ।
तेरे मेरे बीच में, 1984: इस फिल्म का गाना 'तेरी ले लूँ' और इसके स्टाइल को बहुत वल्गर माना गया था !
अंदाज 1994: इस फिल्म का गाना -ये माल गाड़ी तू धक्का लगा भी काफी वल्गर है ।
डेल्ही बेली 2011: इस फ़िल्म के गाने 'भाग-भाग डी.के बोस' को लेकर भी बहुत विवाद हुआ था। सेंसर बोर्ड ने इस गाने के बोल पर भी आपत्ति जताई थी।
आइया 2012: रानी मुखर्जी और पृथ्वी अभिनीत इस फ़िल्म में 'ड्रीमम वेकअपम' गाने के बोल भी बहुत वल्गर हैं। .
दलाल 1993: चढ़ गया ऊपर रे गाना भी काफी चीप था ।
स्लमडॉग मिलियनेयर का गाना 'रिंगा-रिंगा' भी इसी तरह का माना जाता है।
'दिन में लेती है रात में लेती है'- ये अमानत फ़िल्म का गाना है जिसे बहुत क्रिटिसाइज़ किया गया था ।
मर्द 1985: इस फ़िल्म का गाना 'तम्बू में बम्बू लगाये बैठे' भी द्विअर्थी है ।
अंजाम 1994: इस फिल्म का गाना 'जोरा -जोरी चने के खेत में' भी अपने बोलों की वजह से फेमस हुआ था ।