ज़िंदगी को ख़ुशी से जीना सिखाती है फिल्म 'डियर ज़िंदगी' !

    ज़िंदगी को ख़ुशी से जीना सिखाती है फिल्म 'डियर ज़िंदगी' !

    अगर आपका दिल टूटा है या आपके माँ-बाप से झगड़े बहुत होते हैं या आप अपने आप को समझने में असमर्थ हैं या फिर आपको लगता है कि आपकी ज़िंदगी बेहद मुश्किल है और कोई आपको नहीं समझता तो आप फिल्म डियर ज़िंदगी को अपने दिल के बेहद करीब पाएंगे। हमारी ज़िंदगी में कई ऐसे मक़ाम आते हैं जहाँ हम अपने आपको खोया हुआ महसूस करते हैं। अक्सर इंसान को दर होता है कि जिन लोगों हैं वो हमें छोड़ कर चले जायेंगे या फिर हम किसी के लिए काफी नहीं हुए तो? कुछ लोगों का बचपन मुश्किलों में गुज़रा है तो कुछ अपने रिश्तों को थामे रखने में असमर्थ हैं। ये फिल्म हर उस बात के बारे में है जो एक इंसान की ज़िंदगी से जुड़ी होती है। कभी-कभी इंसान अपने आप में इतना कहू जाता है कि अपने आसपास के लोगों को भूल जाता है।

    ये कहानी है एक लड़की कियारा (आलिया भट्ट) की, जो अपनी ज़िंदगी में हो रही चीज़ों को सम्भल के रख पाने में और ज़्यादा बिखरती जा रही है। वो अपने अतीत को दिल में बसाये अपने आज को जीना की कोशिश क्र रही है जो की बेहद मुश्किल है। अपना टूटा दिल और लोगों से दूर होने का दर दिल में लिए वो पहुँचती है जहाँगीर खान (शाहरुख़ खान) के पास जो एक थेरेपिस्ट है। जहाँगीर परत-दर-परत कियारा की ज़िंदगी के पन्नों को खोलता है और कियारा को अपने डरों को जीना सिखाता है और उसे ज़िंदगी का असली मतलब समझता है।

    इस फिल्म को डायरेक्टर गौरी शिंदे ने बेहद खूबसूरती से लिखा है और उतनी ही खूबसूरती से लोगों के सामने प्रस्तुत भी किया है। डियर ज़िंदगी शहर में रहने वाली हर लड़की की ज़िंदगी की परेशानियों और मुश्किलों को दिखती है। कैसे एक लड़की को अपने सपने पूरे करने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है, कैसे उसके घरवालों को सिर्फ उसकी शादी की चिंता होती है, कैसे उसे उसके माँ-बाप समझ नहीं पाते, कैसे उसे एक से ज़्यादा लड़के के साथ रहने पर बुरा समझ जाता है और कैसे उसकी ज़िंदगी में आने वाली सारी परेशानियों को सुलझाने के लिए उसे अकेले लड़ना पड़ता है।

    आलिया भट्ट की एक्टिंग शानदार है। आलिया ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है और उनके एक्टिंग इतनी ज़बरदस्त है कि आप अपने आप को उनके साथजोड़ पाते हैं। जब वे हँसती हैं आप उनके साथ हँसते है जब वो रोटी हैं आप अपने आँसुओं को रोक नहीं पाते। उनके अलावा उनके दोस्त बने सभी कलाकार कमाल हैं। अंगद बेदी और कुणाल कपूर ने भी बेहतरीन एक्टिंग की है और दोनों बेहद हॉट लग रहे थे। जहाँ तक बात है शाहरुख़ खान की तो उन्होंने आलिया के साथ-साथ दर्शकों को भी ज़िंदगी के बारे में बेहद ज़रूरी सीख दी है। अपने किरदार की मदद से वे सिर्फ आलिया को ही नहीं बल्कि सभी को ज़िंदगी से जुड़ी छोटी-बड़ी बातों के बारे में बेहद खूबसूरती और सरलता से सिखाते हैं। उनके डायलॉग इतने खूबसूरत हैं कि आप उन्हें कहीं लिख कर संभाल लेना चाहते हैं।

    फिल्म का आर्टवर्क बेहद कमाल है। फिल्म का म्यूजिक भी काफी अच्छा है और फिल्म के अंत में आपको दो सरप्राइज़ भी मिलेंगे और इन दोनों में से एक गाता भी है। सभी गानों के लिरिक्स काफी अच्छे हैं। डायरेक्टर गौरी शिंदे हमारे दिमाग को बखूबी समझती हैं और इसीलिए उन्होंने ये खूबसूरत फिल्म बनाई है। इस फिल्म को सभी को ज़रूर देखना चाहिए। हमें यकीन है कि आप इस फिल्म को डीवीडी के रूप में लेकर भी ज़रूर देखना चाहेंगे। लेकिन अगर आपको ज़्यादा फिलॉस्फी पसंद नहीं है तो आप इस फिल्म को ज़्यादा पसन्द नहीं कर पाएँगे। ये फिल्म काफी गहरी है और अगर आप ज़िंदगी की गहराईयों में डूबना चाहते हैं तो जाइये देख आइये ये फिल्म।