फिल्मों पर कैंची चलाने वाले पहलाज निहलानी को कर दिया गया रिप्लेस !
पहलाज़ निहलानी को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। आपको बता दें कि निहलानी 19 जनवरी 2015 में बोर्ड के अध्यक्ष बने थे। बोर्ड के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभालने के बाद से ही उनके फैसले हमेशा विवादों में रहे। इस बात के बहुत दिनों पहले से ही संकेत आ रहे थे कि उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ सकता हैं।14 साल की उम्र में पहलाज निहलानी ने स्मॉल टाइम डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने 1975 में अपनी खुद की डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी खोली और फिल्में प्रोड्यूस करना शुरू किया। CBFC का अध्यक्ष बनने से पहले निहलानी ने 2014 के इलेक्शन कैंपेन में मोदी का वीडियो प्रोड्यूस किया, जिसका टाइटल था 'हर-हर मोदी, घर-घर मोदी'।
अब उनकी जगह इस पद को लेखक और फ़िल्मकार प्रसून जोशी संभालेंगे। इसके साथ ही विद्या बालन को सेंसर बोर्ड का सदस्य बनाया गया है। फिल्म के डायलॉग्स, सीन्स और आपतिजनक शब्दों पर वो मनमाने ढंग से कैंची चलाते थे। जहाँ ग्रेट ग्रैंड मस्ती जैसी कई एडल्ट कॉमेडी मूवीज़ पहलाज की कैंची से बिना किसी कट के पास हो गयी। वहीं उन्होंने कई फ़िल्म्स में बेवजह के कट लगाये। आइये जानते हैं पहलाज की कैंची का किन फिल्मों ने सामना किया -
बदलापुर
वरुण धवन और नवाज़ुद्दीन स्टारर फ़िल्म बदलापुर पहली फिल्म थी जिसपर निहलानी की कैंची चली। फ़िल्म में इस्तेमाल किये गये कुछ शब्द, जिसमें गाली भी थी से उनको आपत्ति थी।
एनएच10
इस फिल्म पर पूरी तरह बैन लगाने की बात थी लेकिन बाद में 9 कट के बाद फ़िल्म रिलीज़ हुई।
उड़ता पंजाब
उनके साथ जुड़ा दूसरा बड़ा विवाद शाहिद कपूर स्टारर 'उड़ता पंजाब' को लेकर रहा। पंजाब में ड्रग्स की समस्या पर बेस्ड इस मूवी के भी कई सीन काटने को कहा गया था।
जंगल बुक
पहलाज ने 8 अप्रैल को रिलीज हुई डिज्नी यूटीवी की फिल्म ‘द जंगल बुक’ यू/ए सर्टिफिकेट दिया था। ब्रिटिश राइटर रुडयार्ड किपलिंग की स्टोरी पर बनी ये फिल्म खास तौर पर बच्चों के लिए बनाई गई थी। निहलानी के मुताबिक इस 3D फिल्म में ऐसे कई सीन्स है, जो बच्चों के हिसाब से डरावने हैं। इसलिए उनका अकेले ये फिल्म देखना सही नहीं होगा। सेंसर बोर्ड के इस फैसले की पूरी फिल्म इंडस्ट्री ने आलोचना की थी।
अलीगढ़
नेशनल अवॉर्ड विनर हंसल मेहता की फिल्म ‘अलीगढ़’ के ट्रेलर को सेंसर बोर्ड ने ए (एडल्ट) सर्टिफिकेट दिया था। जबकि फिल्म कोई भी सीन या शब्द आपत्तिजनक नहीं था।
जय गंगाजल
प्रकाश झा की इस फ़िल्म को 11 कट के बाद यूए सर्टिफिकेट मिला। ये फिल्म मार्च 2016 में आई थी।
लिपस्टिक अंडर माई बुर्का
पहलाज निहलानी ने CBFC का चेयरमैन रहते हुए इस फिल्म पर असंस्कारी होने का ठप्पा लगा दिया था। उन्होंने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि फिल्म में महिलाओं को सही तरह से नहीं दिखाया गया है। उन्होंने कहा था कि ये एक महिला प्रधान फिल्म है।
जब हैरी मेट सेजल
फ़िल्म में इस्तेमाल किये गये 'इंटरकोर्स' शब्द से पहलाज को आपत्ति थी। उन्होंने फिल्ममेकर को फ़िल्म से इस शब्द को हटाने को कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। फ़िलहाल फिल्म युए सर्टिफिकेट के साथ बिना किसी ऑडियो कट के रिलीज़ हो चुकी है।
बाबूमोशाय बंदूकबाज
फिल्म 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' फिल्म में सेंसर बोर्ड ने इसमें 48 कट लगाने को कहा था। प्रोड्यूसर किरण श्रॉफ ने कहा कि वो जब इस फिल्म के बारे में बात करने सेंसर बोर्ड पहुँची तो उनसे अजीब तरह के सवाल किए गए।
इसके अलावा भी कई फिल्मों पर मनचाहे कट्स लगाये गये। जिनमें से कुछ बातें मानी गई वहीं कुछ यू ही पास हो गयी।