शाहरुख़ खान की ये 5 फ़िल्में अगर आज के समय में रिलीज़ हुई होती तो पक्का फ्लॉप होतीं !

    शाहरुख़ खान की ये 5 फ़िल्में अगर आज के समय में रिलीज़ हुई होती तो पक्का फ्लॉप होतीं !

    बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख़ खान को एक और नाम से जाना जाता है वो है 'किंग ऑफ रोमांस' शाहरुख़ को यह नाम उनके फैन्स ने ही दिया है। शाहरुख ने बॉलीवुड में साल 1992 में कदम रखा था और तब से लेकर अब तक शाहरुख़ ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। शाहरुख़ ने अपने इन 25 सालों में हिंदी फिल्म जगत को एक से बढ़ क्र एक फ़िल्में दी है। यही वजह है फिल्म ना चलने के बाद भी शाहरुख़ की फैन फॉलोविंग में कोई कमी नहीं आई। लेकिन वक़्त के साथ दर्शकों की फिल्मों के चयन और उनकी पसंद में ज़रूर बदलाव आया है।

    साल 2017 फ़िल्मी जगत के बड़े सितारों के लिए कुछ खास नहीं रहा। सलमान जैसे सुपरस्टार तक की फिल्म 'ट्यूबलाइट' की फिल्म की खूब आलोचना हुई तो वहीं शारुख की फिल्म 'हैरी मेट सेजल' को ऑडियंस ने नकार दिया। शायद ऑडियंस अब समझ गई है कि बड़े स्टार के नाम पर कोई भी फिल्म नहीं चल सकती फिल्म का कन्टेन्ट ज्यादा जरुरी है। इसी हिसाब से अगर शाहरुख़ की हिट फिल्मों की बात की जाये तो अगर उनकी ये फ़िल्में आज के समय में रिलीज़ हुई होती तो ये इतनी बड़ी हिट फिल्म नहीं होती। आज की ऑडियंस बहुत अलग है।

    आइये आपको बताते हैं शाहरुख़ की उन फिल्मों के बारे में जो अगर आज के समय में रिलीज़ हुई होती तो फ्लॉप फिल्म होती-

    कुछ कुछ होता है

    साल 1998 ये फिल्म उस समय की सबसे बड़ी हित फिल्म थी। फिल्म तीन दोस्तों पर आधारित थी। जिसमे शाहरुख़ को एक सुन्दर दिखने वाली लड़की से प्यार हो जाता है, ये फिल्म आज के वक़्त रिलीज़ हुई होती तो ट्रोलर्स से घिरी होती। खैर, डायरेक्टर करण जौहर के लिए राहत की बात है कि इस तरह की कहानी उस वक़्त खूब पसंद की जाती थी। लेकिन आज ऐसा नहीं होगा।

    परदेस

    फिल्म में एक शर्मीली इंडियन लड़की महिमा चौधरी, एक अजीब अमेरिकन अपूर्व अग्निहोत्री और एक वफादार दोस्त/नौकर शाहरुख खान फिल्म के मुख्य किरदार थे। लेकिन डायरेक्टर  सुभाष घई ने फिल्म के मुख्य किरदारों के अलावा फिल्म में हमारी संस्कृति टच देकर कई तरह की बहस को जन्म दे दिया, सच कहा जाये तो इस पूरी फिल्म में इस एंगल की ज़रूरत ही नहीं थी। इस फिल्म के ज़रिये ये दिखाने की कोशिश की गई थी कि जो भी इंडियन बाहर विदेश में रहते हैं उन्हें इंडियन कल्चर की समझ नहीं होती। जो शायद देश से बाहर रहने वाले इंडियंस को पसंद नहीं आती। फिल्म में ज़रूरत से ज़्यादा ड्रामा था, जो आज की ऑडियंस को बिलकुल पसंद नहीं आता।

    दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे

    इंडियन सिनेमा में ये फिल्म सबसे सक्सेसफुल फिल्म है। इस फिल्म के बिना 90 का दशक अधुरा लगता। एक अनोखी प्रेम कथा और बेहतरीन म्यूजिक के साथ बनी ये फिल्म आज भी उतनी ही पसंद की जाती है। लेकिन ये फिल्म आज के समय में रिलीज़ हुई होती तो शायद वो जादू नहीं बिखेर पाती, जो उस समय हुआ था। फिल्म की कहानी एक रुढ़िवादी पिता और उसके परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। वो पिता जो लंदन में पली बड़ी हुई बेटी की शादी एक छोटे से गाँव में रहने वाले अपने दोस्त के बेटे के साथ करना चाहता है। अंत में सब मान जाते हैं और पिता अपनी बेटी का हाथ उसके प्रेमी के हाथ में दे देता है। अगर ये फिल्म साल 2017 में रिलीज़ हुई होती,तो लोग आज इस फिल्म को देख कर कल तक भूल जाते।

    मोहब्बतें

    एक गुरुकुल और उसके कठोर प्रिंसिपल के नियम और एक म्यूजिक टीचर अपने रोमांटिक गानों के जरिये उन नियमों को तोड़ने की कोशिश करता है। ये कोशिश इसलिए की जाती है ताकि वो अपनी मरी हुई प्रेमिका की मौत का बदला ले सके। आपको ये कहानी अबी थोड़ी अजीब लग रही है न ।।लेकिन आपने फिल्म मोहब्बतें में यही देखा है।

    ओम शांति ओम

    10 साल पहले रिलीज़ हुई ये फिल्म पुनर्जन्म की प्रेम कहानी पर आधारित थी। फिल्म में ड्रामे के आलावा कुछ नहीं था, आज ये फिल्म रिलीज़ हुई होती तो गिनती की ऑडियंस इस फिल्म को देखने जाती।लेकिन इस फिल्म में सबसे खास बात ये थी कि इस फिल्म के ज़रिये दीपिका पादुकोण ने बॉलीवुड में डेब्यू किया।

    शुक्र मानिये की ये फिल्म सही समय पर रिलीज़ हो गई, आगर आज रिलीज़ हुई होती तो उतनी सक्सेसफुल नहीं होती !