इन फिल्मों के ज़रिये रीमा लागू ने बॉलीवुड में भरी थी माँ की ममता !

    इन फिल्मों के ज़रिये रीमा लागू ने बॉलीवुड में भरी थी माँ की ममता !

    बॉलीवुड की दिग्गत एक्ट्रेस रीमा लागू का हार्ट अटैक से बुधवार शाम निधन हो गया। रीमा लागू वो नाम थीं, जिसने बॉलीवुड की फिल्मों में माँ की परिभाषा ही बदल दी। रीमा का जन्म 3 फ़रवरी 1958 को मुंबई में हुआ था। ये एक मराठी परिवार से थी इसलिए अपने स्कूली शिक्षा के बाद मराठी सिनेमा में कदम रखा। एक्टिंग से इतना लगाव था कि कम उम्र में करियर की शुरुआत से लेकर अंत तक इसी पेशे से जुडी रहीं। रीमा ने हिंदी सिनेमा में भी बेहतरीन अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया। छोटी उम्र में ही वो बॉलीवुड के सुपरस्टार्स की माँ की भूमिका निभाने लगी। कई सुपरहिट फिल्में हैं, जो शायद उनके बिना अधूरी होती।

    रीमा लागू की बेहतरीन फिल्में- 

    'मैंने प्यार किया’

    रीमा ने सलमान की कई सुपरहिट फिल्मों में उनकी माँ का रोल निभाया था। आलम ये था कि रीमा को लोग सलमान की माँ कहकर बुलाने लगे थे। फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ से सलमान ने अपने करियर की शुरुआत की थी, इस फिल्म में रीमा सलमान की माँ बनी थीं। रीमा ने इस रोल में जान फूंक दी थी। इनके बिना ये फिल्म अधूरी लगती।

    ‘हम आपके हैं कौन’

    बॉलीवुड सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक थी फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’। इस फिल्म में रीमा माधुरी दीक्षित की माँ बनी थी। फिल्म में माँ का बेटी के लिए प्यार और उसे विदाई करने का दुख रीमा ने अपनी एक्टिंग के जरिये ऐसा दिखाया की आज भी अगर कोई वो सीन देख ले तो रो पड़े। उनके चेहरे से माँ की ममता, प्यार और स्नेह टपकता था, और शायद इसी लिए हर निर्माता उन्हें अपनी फिल्म में माँ का रोल देना चाहता था।

    ‘हम साथ –साथ हैं’

    सलमान खान के साथ एक और फिल्म जो सुपरहिट रही। इस फिल्म में भी रीमा सलमान की माँ थी, हालाँकि सलमान और रीमा की उम्र में ज्यादा कोई फर्क नहीं था। लेकिन वो अब तक बॉलीवुड की आदर्श माँ बन चुकी थीं। ये फिल्म बॉलीवुड की आदर्श फिल्मों में से एक रही, इसी फिल्म ने लोगों को परिवार की शक्ति का मतलब समझाया था।

    ‘वास्तव’

    फिल्म वास्तव संजय दत्त के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म रीमा संजय दत्त की माँ बनी थी। वैसे असल जिंदगी में रीमा संजय दत्त से छोटी थीं, लेकिन रीमा निरूपा रॉय की तरफ नए बॉलीवुड की माँ बन चुकी थीं। इस फिल्म में रीमा ने एक अलग तरह की माँ का किरदार निभाया। जो सच्चाई और सही के लिए अपने ही बेटे को ही मार देती है। इस फिल्म से वो एक ऐसी माँ साबित हुई जिसने अपने बेटे को ही त्याग दिया। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए फिल्म फेयर अवार्ड से नवाज़ा गया था।

    कल हो न हो’  

    इस फिल्म में वो शाहरुख़ खान की माँ बनी थी। एक ऐसी माँ जा जानती है उसका बेटा अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है। लेकिन वो कमजोर नहीं पड़ती। उन स्थितियों का सामना करती है।

    ‘कुछ-कुछ होता है

    ’ इस फिल्म में उनका बड़ा रोल नहीं था, लेकिन जितने सीन में भी वो दिखी अपनी छाप छोड़ गईं। वो माँ जो चाहती है उसकी बेटी अपना घर बसा ले और खुश रहे। बेटी की खुशियों के आगे उसके लिए कुछ भी नहीं है।

    ‘जिस देश में गंगा रहता है’

    ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा कमाल नहीं कर पाई, लेकिन रीमा ने गोविंदा की माँ के रूप में लोगों के दिल में अपनी जगह बना ली। वो एक ऐसी माँ बनी जो किसी दूसरे के बेटे को सालों तक अपना बेटा बना कर पालती है। और जब उस उस बेटे को अपने असली घर जाना होता है तो माँ की ममता को पीछे छोड़ अपने वादे को निभाती है। 

    अपने किरदारों के जरिये वो हमेशा हमारेदिलो में रहेंगी !