डायरेक्टर विशाल भरद्वाज की ये फ़िल्में नहीं देखीं तो कुछ नहीं देखा !

    डायरेक्टर विशाल भरद्वाज की ये फ़िल्में नहीं देखीं तो कुछ नहीं देखा !

    बॉलीवुड में हर साल कई फ़िल्में बनती हैं। इसमें से कुछ आकर चली जाती हैं और कुछ जाते-जाते हमारे मन में जगह बना लेती हैं। फिल्मों में काम करने वाला हर एक इंसान ज़रूरी होता है। हालाँकि ज़्यादातर दर्शक सिर्फ एक्टर्स को ही यद् रखते हैं लेकिन फिल्मों के असली हीरो एक्टर्स नहीं बल्कि डायरेक्टर्स होते हैं। एक निर्देशक के बिना फिल्म का बनना नामुमकिन है। निर्देशक ही अपने विज़न, कल्पना और प्रस्तुतिकरण से एक फिल्म में जान फूँकता है।

    ऐसे ही कमाल के डायरेक्टर है विशाल भरद्वाज, जो पिछले कई सैलून से बॉलीवुड को कुछ बेहतरीन फिल्मों का तोहफ़ा देते आ रहे हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके विशाल की फ़िल्में एकदम अलग और मज़ेदार होती हैं। वे अपनी फिल्म में एक छोटी सी चीज़ से बहुत कुछ बोल जाते हैं। उनकी फिल्मों का रोमांस भी बेहद पैशनेट होता। विशाल इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनके द्वारा दिया जाने वाला मेसेज दर्शकों तक पूरी तरह से पहुँचे और उनके दिल और दिमाग में बस जाए।

    आज हम आपके लिए लेकर आये हैं विशाल की बनाई बेस्ट फिल्मों की एक लिस्ट, जिसे आपको ज़रूर देखना चाहिए !

    कमीने

    मुंबई के अंडरवर्ल्ड से जुड़ी ये फिल्म दो जुड़वाँ लोगों की कहानी थी। 'कमीने' को अपरफलता मिली थी और इसका नाम 'बेस्ट फिल्म ऑफ़ द ईयर' लिस्ट में शामिल हुआ। शाहिद को अपने डबल रोल के लिए काफी सराहना मिली थी। इस फिल्म को करने से पहले शाहिद बॉलीवुड में चॉकलेट बॉय के रूप में फेमस थे, लेकिन अपने टैलेंट का एक अलग नमूना इस फिल्म में दिखाने के बाद उनकी छवि और बॉलीवुड में तक़दीर दोनों ही बदल गयी थी। इस फिल्म को फिल्मफेयर में 10 नॉमिनेशन्स मिले थे और इसे दो नेशनल फिल्म अवार्ड्स मिले। 'कमीने' को कभी भी देखा जाये ये आपको खुश ही करती है। 

    ओमकारा

    2006 में आई ये फिल्म आज बॉलीवुड के कुछ नामी एक्टर्स के अफल होने का कारण है। लंगड़ा त्यागी के किरदार में सैफ का काम बेहतरीन था और उन्हें इसके लिए आज भी याद किया जाता है। बीड़ी और नमक जैसे गानों के साथ 'ओमकारा' का म्यूजिक सुपरहिट था। इस सबके अलावा करीना कपूर और अजय देवगन की कमाल की केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। 

    हैदर 

    इस फिल्म में कश्मीर को बैकड्राप में लेकर जैसे हैमलेट में बदला गया वो कबील-ए-तारीफ था। इसमें कहीं भी कहानी को यूँ ही छोड़ा नहीं गया और आप पूरी फिल्म को इत्मीनान से देख पाते हैं। शाहिद कपूर ने पहले की तरह  इस बार भी अपनी अच्छी परफॉरमेंस से सबका दिल जीता। इस फिल्म में तब्बू के भाव आप महसूस करते हैं। उसके अलावा के के मेनन का काम बढ़िया था। 'हैदर' की जितनी तारीफ़ की जाए कम है।

    सात खून माफ़ 

    कमाल के म्यूजिक के साथ ये एक काफी डार्क फिल्म थी। प्रियंका चोपड़ा की बेस्ट परफॉरमेंस में से एक इस फिल्म में थी। फिल्म में प्रियंका एक ऐसी औरत के किरदार में हैं, जो अपने आप को बदलने के लिए तैयार नहीं है और उसे कभी अच्छा साथी नहीं मिला। उनके अलावा उनके पति के किरदार में सभी एक्टर्स ने कमाल काम किया और इन सभी में बेस्ट थे अनु कपूर। ये फिल्म आपको शादी की अलग-अलग मुश्किलों के बारे में बताती है। ये फिल्म आपके दिमाग में बस जाएगी।

    मक़बूल

    शेक्सपियर की किताब 'मैकबेथ' पर आधारित फिल्म 'मक़बूल' अपने आप में ख़ास है। इस फिल्म में डॉन बने पंकज कपूर की एक्टिंग कमाल थी। इसके अलावा इरफ़ान खान, तब्बू और ओमपुरी ने भी अच्छा काम किया था। विशाल की बेस्ट फ़िल्मों में 'मक़बूल' को ना चुना जाना नाइंसाफी होगी।