फिल्मफेयर अवार्ड्स 2019 में ये 5 चीज़ें ना होने का हमें मलाल है !
बॉलीवुड में अवार्ड्स का सीजन चल निकला है और हम सभी का उत्साह काफी बढ़ा हुआ है। हाल ही में बॉलीवुड के सबसे बड़े और प्रसिद्ध अवार्ड शो फिल्मफेयर का आयोजन किया गया, जिसमें कई स्टार्स पहुंचे। फिल्मफेयर ने पिछले साल ही अपने बड़े स्टार्स की पसंद से आगे बढ़कर बहुत से बढ़िया एक्टर्स और फिल्मों को अवार्ड दिए थे। इस साल भी फिल्मफेयर ने एक्टर्स जैसे नीना गुप्ता और गजराज राव को लीडिंग केटेगरी में अवार्ड्स दिए।
हालाँकि हमने इस बात पर भी ध्यान दिया कि इस अवार्ड शो में बहुत सी बढ़िया फिल्मों और आर्टिस्ट को नज़रअंदाज़ किया गया। आइये आपको बताते हैं।
मनमर्जियां के लिए अमित त्रिवेदी
ओरिजिनल और सबसे अलग म्यूजिक के साथ फिल्म मन्मर्ज़ियाँ की म्यूजिक एल्बम, शायद कई सालों में आई सबसे बढ़िया म्यूजिक एल्बम थी। म्यूजिक कंपोजर और सिंगर अमित त्रिवेदी ने अपनी धुन पर नचाने वाले पार्टी सॉन्ग्स, दिल में उतरने वाले गानों से रीमेक्स के इस ज़माने में अपने बेहतरीन टैलेंट को दिखाया। जहाँ संजय लीला भंसाली ने फिल्म पद्मावत के लिए बढ़िया म्यूजिक बनाया है वहीं हमें लगता है कि अमित त्रिवेदी को बेस्ट म्यूजिक का अवार्ड मिलना चाहिए था।
लैला मजनू के लिए नीलाद्रि कुमार, जोई बरुआ और अलिफ़
आपमें से जिसने भी इस फिल्म के गाने सुने हैं वो इस बात से बिल्कुल इनकार नहीं कर सकता कि इस फिल्म के गाने बेमिसाल थे। नीलाद्रि कुमार, जोई बरुआ और अलिफ़ द्वारा कंपोज़ किया फिल्म लैला मजनू का म्यूजिक अपने में अलग था और सभी के दिल में बस गया। लेकिन अवार्ड तो छोड़िये इस फिल्म को बेस्ट म्यूजिकल एल्बम का नॉमिनेशन तक नहीं मिला, जो कि काफी निराशा वाली बात है।
मेरे नाम तू (ज़ीरो) के लिए अभय जोधपुरकर
हाँ, हम सभी को अरिजीत सिंह पसंद है और हाँ, फिल्म राज़ी का गाना ऐ वतन जितनी बार सुनो उतनी बार आपको गर्व और भावनाओं से भर देता है। लेकिन अगर एक तरह से देखा जाए तो शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो का गाना मेरे नाम तू इससे काफी बेहतर था और कंपोजर अजय-अतुल का काम और सिंगर अभय जोधपुरकर की आवाज़ इसे जादुई बनाते हैं। यहाँ तक कि ये गाना ही शायद फिल्म जीरो में इकलौती अच्छी चीज़ थी। तो हमें पता है कि अरिजीत सिंह बढ़िया सिंगर हैं लेकिन अब वक़्त है जब फिल्मफेयर को नए और फ्रेश म्यूजिकल टैलेंट्स को प्रोत्साहित करना चाहिए।
पटाखा के लिए राधिका मदन
नहीं, हम नेपोटिस्म की बात करने नहीं जा रहे हैं। हमें सारा अली खान बेहद पसंद हैं और जाह्नवी कपूर का काम फिल्म धड़क में पसंद भी आया था। लेकिन अगर बढ़िया और अलग से किरदार के बारे में बात की जाए तो हमें लगता है कि केदारनाथ में सारा अली खान के रोल से ज्यादा राधिका मदन का रोल फिल्म पटाखा में रोल मुश्किल था, जिसे उन्होंने खूबसूरती से निभाया था। इस बात पर अगर आप ये कहने वाले हैं कि राधिका पहले से ही टीवी एक्ट्रेस हैं और उनके पास एक्सपीरियंस है तो याद दिला दें कि एक्टर/सिंगर दिलजीत दोसांझ को फिल्म उड़ता पंजाब के लिए बेस्ट डेब्यू का अवार्ड मिला था। वो भी तब जब वे पहले से ही पंजाबी इंडस्ट्री के बढ़िया स्टार बन चुके थे।
मुल्क के लिए ऋषि कपूर
फिल्म अग्निपथ के बाद से हम सभी ने ऋषि कपूर के बॉलीवुड करियर की सेकोंग इनिंग्स को देखा और उससे प्यार किया है। ऋषि ने बहुत सी बढ़िया फिल्मों में बेहतरीन अभिनय करके दिखाया है। इस साल भी उन्होंने फिल्म मुल्क में अपने काम से हम सभी का दिल खुश किया था। इसलिए जब फिल्मफेयर अवार्ड्स की नॉमिनेशन लिस्ट में उनका नाम नहीं था तो सभी को झटका लगा। हाँ, हम मानते हैं कि आयुष्मान खुराना को फिल्म अन्धाधुन के लिए बेस्ट एक्टर क्रिटिक्स का अवार्ड मिलना बिल्कुल सही बात है। लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि ऋषि को मुल्क में अपनी परफॉरमेंस के लिए नॉमिनेशन तक ना दिया जाए।