किशोर कुमार के मशहूर गाने '5 रुपैया 12 आना' के पीछे ये है असली कहानी !

    किशोर कुमार के मशहूर गाने '5 रुपैया 12 आना' के पीछे ये है असली कहानी !

    सौ साल से भी पुराना इंदौर क्रिस्चियन कॉलेज का हॉस्टल, आज एक जर्जर इमारत बन चुकी है। सरकारी विभागों ने इसे अब एक ‘खतरनाक बिल्डिंग’ घोषित कर दिया है। इसी जगह पर एक 60 कमरों के हॉस्टल में किशोर कुमार और उनके भाई अनूप कुमार ने, अपने लड़कपन का अच्छा ख़ासा हिस्सा बिताया है। इंदौर क्रिस्चियन कॉलेज के इसी हॉस्टल में, एक इमली के पेड़ के निचे किशोर, अपने दोस्तों को यौड्लिंग गा कर सुनाते थे। आज लोग जब भी गाने का मूड होने पर गुनगुनाने बैठते हैं, तो किशोर कुमार का गाना गाए बिना उनका मूड पूरा ही नहीं होता। किशोर कुमार के गाए गानों पर अगर आदमी लिखने बैठे तो जिंदगी की पीएचडी कर ले। 

    हर रंग, हर मूड, हर अंदाज़ के गाने और हर गाना अपने मूड में परफेक्ट। देवानंद, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे सिनेमा नायकों की आवाज़ रहे आभास कुमार गांगुली यानी किशोर कुमार, हिंदी सिनेमा के सबसे सदाबहार गायकों में से एक हैं। किशोर कुमार के गानों के बारे में सबसे बड़ी खासियत थी की वो अपने गानों को बहुत ही मस्ती के साथ गाते थे और ऐसे मस्ती भरे गानों के बारे में बात करते ही जो सबसे पहला गाना याद पड़ता है वो है ‘पांच रुपैया बारह आना।’ फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी’ में किशोर कुमार न केवल गायक थे बल्कि उसमें मुख्य भूमिका भी निभा रहे थे। उनके अपोजिट हीरोइन थीं अद्वितीय सुन्दरी कही जाने वालीं मधु बाला। 

    फिल्म की कहानी में, ज़बरदस्त बरसात वाली एक रात मधुबला की गाडी अचानक ख़राब हो जाती है और उसे ठीक कराने वो एक गैराज पर पहुँचती हैं, जहां मैकेनिक हैं अपने किशोर दा। गाड़ी ठीक होती है, दोनों के बीच प्यार-व्यार सा कुछ होता है और मधुबाला अपने घर लौट पड़ती हैं। मगर गाड़ी ठीक करने के पैसे न किशोर कुमार को लेने याद रहते हैं, न मधुबाला देती हैं। जब किशोर कुमार के बड़े भाई को यह पता लगता है तो वो बहुत डांटते हैं और उन्हें पैसे लाने मधुबाला के घर भेजते हैं। पैसे मांगते हुए किशोर कुमार जो गाना गाते हैं उसका नाम है ‘पांच रुपैया बारह आना।’

    लेकिन इस गाने की असली कहानी की शुरुआत इंदौर के क्रिस्चियन कॉलेज से बताई जाती है। दरअसल, कॉलेज हॉस्टल में रहने के दौरान किशोर दा ने, बाकी स्टूडेंट्स की तरह खाना खाया था और उसके पैसे खाते में चढ़वा दिए थे। किशोर कुमार तो कॉलेज से आए-गए हो गए, लेकिन कैंटीन वाले का पांच रुपैया और बारह आना, उनपर उधार ही रहा। कहा जाता है कि उनका गाना ‘पांच रुपैया बारह आना’ इसी उधारी से प्रेरित है।

    यहां देखिए किशोर दा का सदाबहार गाना 'पांच रुपैया बारह आना':