मुल्क, फन्ने खान और कारवां मिलकर भी नहीं कर पायी बॉक्स-ऑफिस पर कोई कमाल !

    मुल्क, फन्ने खान और कारवां मिलकर भी नहीं कर पायी बॉक्स-ऑफिस पर कोई कमाल !

    क्या आपको याद है कि ऐसा आखिरी बार कब हुआ था जब तीन फ़िल्में एक ही शुक्रवार को बॉक्स-ऑफिस पर टकराई हों, तीनों में बॉलीवुड के दिग्गज सितारे हों और तीनों हूँ बॉक्स-ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी हों? नहीं याद ना?

    इसलिए ये बात बहुत ज्यादा झटके वाली है कि इस शुक्रवार को रिलीज़ हुई सभी फ़िल्में यानी मुल्क, फन्ने खान और कारवां तीनों की बॉक्स-ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गयीं। इन तीनों फिल्मों का ऑक्यूपेंसी रेट मिलकार 10 से 15% था, जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं थी। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इन तीनों फिल्मों के बीच का क्लैश ही इनके खराब बॉक्स-ऑफिस प्रदर्शन का कारण है। लेकिन जिस तरह के दर्शक हमारे देश में है ये प्रॉब्लम तो होनी ही नहीं चाहिए थी। इस बात के कई उदाहरण हैं, जब दो या दो से ज्यादा फिल्मों का बॉक्स-ऑफिस पर क्लैश हुआ हो और कम से कम एक या दो फिल्मों ने अच्छा बिज़नस किया हो।

    मुल्क, फन्ने खान और कारवां मिलकर भी नहीं कर पायी बॉक्स-ऑफिस पर कोई कमाल !

    इसमें ये बात ध्यान देने वाली है कि इस शुक्रवार को रिलीज़ हुई तीनों फिल्मों में ज़मीन आसमान का फर्क है। जहां फिल्म 'मुल्क' एक कोर्ट रूम ड्रामा है तो वहीं फन्ने खान, एक ऐसे आदमी के बारे में है जो अपनी बेटी को बड़ा सिंगर बनाना चाहता है और फिल्म 'कारवां' तीन मस्तीखोर किरदारों की रोड ट्रिप और खुद को पाने के बारे में है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि ये तीनों ही फ़िल्में परदे पर काम ना करें।

    मुल्क, फन्ने खान और कारवां मिलकर भी नहीं कर पायी बॉक्स-ऑफिस पर कोई कमाल !

    इससे ज्यादा चौंकाने वाली बात है इन फिल्मों में बड़े एक्टर्स का होना। इन तीनों फिल्मों को मिलकार आपको ऐश्वर्या राय बच्चन, राजकुमार राव, अनिल कपूर, ऋषि कपूर, तापसी पन्नू, इरफ़ान खान मिलते हैं और इसी के साथ मलयालम सुपरस्टार दुलकर सलमान और यूट्यूब की डार्लिंग एक्ट्रेस मिथिला पालकर भी इनके साथ थी। तो ऐसा कैसे सकता कि इतने अच्छे कलाकारों के साथ बनी फ़िल्में बिल्कुल भी ना चलें?

    भले ही इन तीनों फिल्मों के नंबर्स की तुलना करना गलत होगा लेकिन एक आम इंसान यही सोचेगा कि अनिल कपूर की फिल्म 'फन्ने खान' अपनी स्टार वैल्यू के चलते सबसे अच्छी गयी होगी। लेकिन असल में जिस फिल्म ने सही में अच्छी कमाई की है, वो है इरफ़ान खान की 'कारवां'।

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    क्या इसका मतलब है कि बॉलीवुड को और ज्यादा मेहनत करने की ज़रूरत है या फिर ये बात का आभास कराता है बॉलीवुड के रूल्स बदल रहे हैं? ये बात तो समय आने पर ही पता चलेगी।