इंडियन टीवी शोज़ में ये 5 हरकतें तुरंत बंद हो जानी चाहिए !
दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है। लैंडलाइन की जगह मोबाइल आ गए, दूरदर्शन की जगह नेटफ्लिक्स आ गया और बिना पंखों के भी लोग जेट के सहारे हवा में उड़ने लगे हैं। लेकिन इस बीच एक चीज़ है जो वहीँ की वहीँ है, इसमें ज़रा सा भी कुछ नहीं बदला- इंडियन टीवी सीरियल। कहा जाता है प्रभु हनुमान हर युग में रहेंगे और अश्वत्थामा कभी नहीं मरेगा, लेकिन इंडियन टीवी सीरियल वो चीज़ हैं, जो आजतक वहीँ के वहीँ हैं। ये सालों साल तक चलते रहते हैं मगर इनमें कुछ नहीं बदलता। बदलता है तो बस, इन शोज़ के लिए ऑडियंस का गुस्सा !
तो आज हम भयंकर गुस्से के मारे धुआं दे रहे हैं और आपको बता रहे हैं वो 5 चीज़ें जो टीवी सीरियल्स में अब बिल्कुल नहीं होनी चाहिए-
1. मौत और प्लास्टिक सर्जरी के ज़रिए बदलती शक्लें
मतलब, होता ये है कि इंडियन टीवी सीरियल इतने लम्बे चलते हैं, इतने लम्बे चलते हैं कि एक्टर्स को भी बदलना पड़ जाता है। जब भी एक्टर बदलने की बारी आती है तो सबसे पहला काम ये कराया जाता है कि उस एक्टर के किरदार का एक्सीडेंट करवा दिया जाता है। ठुका-पिटा कैरेक्टर हॉस्पिटल पहुंच जाता है और उसका चेहरा ख़राब हो जाता है। ख़राब चेहरे को ठीक करने के लिए डॉक्टर प्लास्टिक सर्जरी करते हैं और सर्जरी के बाद जब पट्टियां खुलती हैं तो चेहरा बदल जाता है, मतलब एक्टर बदल जाता है। एक्टर बदलने का दूसरा स्टैण्डर्ड तरीका है कि कैरेक्टर को मार दो। लेकिन वो असल में मरेगा नहीं बल्कि कुछ समय बाद वापिस आता है, लेकिन एक नए चेहरे के साथ !
2. लोगों को मक्खी मच्छर बनाना
कहानियों में अक्सर ऐसा होता है कि कोई किसी को आशिक बनाता है, कोई किसी को बीवी या पति बनाता है, बहुत से लोग ‘कुछ और’ भी बनाते हैं। लेकिन हद तो तब हो गई जब टीवी सीरियल में लोगों को मक्खी मच्छर बनाया जाने लगा ! हमें पक्का यकीन है, एक्ट्रेस के पास टाइम नहीं रहा होगा तो बन्दों ने सोचा कि चलो, इन्हें मक्खी बना देते हैं। क्योंकि उसके रोल के लिए किसी एक्ट्रेस की ज़रुरत तो पड़ेगी नहीं !
3. टाइम ट्रेवल यानी समय यात्रा
इससे बड़ी बेवकूफी कुछ भी नहीं हो सकती। इधर लोगों को सीरियल नहीं पसंद आ रहा, उसकी टी आर पी भी गिरती जा रही है और लोग चाहते हैं कि ये बंद हो जाए बस। लेकिन डायरेक्टर ने बचाने का क्या उपाय सोचा, सीरियल की कहानी 20 साल आगे बढ़ा दो ! अरे अंकल, देखना ही होता तो पहले ही न देख लेते ! और 20 साल बाद भी लोग वही, उतने ही जवान... कमाल है !
4. लोगों को मार-मार के जिंदा करना
एक कैरेक्टर को मार दिया। ठीक है, हम कर लेंगे बर्दाश्त। फिर उसे जिंदा कर दिया, ये भी ठीक है भाई, ख़ुशी की बात है। लेकिन फिर मार दिया, फिर जिंदा कर दिया और बार-बार यही होता रहता है ! मतलब भगवान भी टेंशन में आ जाते है- ‘ये तो मेरा भी काम छीन लेंगे।’
5. एक ही इन्सान के प्यार में पड़ते दो भाई/बहन
टीवी शो ‘अमृत मंथन’ में अमृता और निमरित को एक ही लड़के से प्यार हो गया था। ‘कुंडली भाग्य’ में करण और रिषभ को प्रीता से प्यार है। ऐसा ही कुछ ‘कसम से’ में भी था, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में भी और कई सारे सैकड़ों-हज़ारों सीरियल्स में भी। वाह, कितनी अलग कहानी है न हर सीरियल की ! वैसे, एक लड़के के पीछे लड़ती दो लड़कियों की कहानियां ज़्यादा हैं। असल में, लड़कियों को ड्रामेबाज़ दिखाए बिना शो के प्रोड्यूसर और डायरेक्टर को चैन ही कहां पड़ता है !