पिछले 40 सालों में सुप्रिया पाठक की ये 5 परफॉरमेंस सबूत है कि पुराना लोहा हमेशा मज़बूत ही होता है !
बॉलीवुड ने अपनी शुरुआत से लेकर अभी तक हमें कुछ बेमिसाल कलाकार दिए हैं। ये एक्टर्स जब भी, जिस भी रूप में बड़े परदे पर आते हैं अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। उन्हीं बेमिसाल एक्टर्स में से एक हैं सुप्रिया पाठक ! सुप्रिया ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को 40 साल दिए हैं और इन 40 सालों में उन्होंने बॉलीवुड से लेकर टीवी तक में कई बढ़िया फ़िल्में और सीरियलों में काम किया है और हमें कई यादगार किरदार दिए हैं।
सुप्रिया जिस भी किरदार को निभाती हैं, उसमें जान डाल देती हैं। आइये आपको बताते हैं सुप्रिया पाठक के अभी तक के सबसे बढ़िया 5 किरदारों के बारे में -
हंसा - खिचड़ी
खिचड़ी में हंसा का किरदार सुप्रिया पाठक से बेहतर कोई नहीं निभा सकता। ये एक ऐसा किरदार है, जो शायद सुप्रिया के लिए लिखा गया था और उन्होंने पिछले कई सालों में इसे इतने बेहतरीन तरीके से निभाया है कि सुप्रिया को हंसा के नाम से ही घर-घर में जाना जाने लगा। सुप्रिया पाठक का दूसरा नाम हंसा हो गया और उनका काम इस रोल में इतना बढ़िया है कि आप सबकुछ भूल कर उनकी कॉमेडी को एन्जॉय करते हैं।
शबनम - बाज़ार
उलझी हुई कहानी में फंसी लड़की, जिसका भाव लगाकर उसे किसी शेख के यहां ब्याह दिया गया। सुप्रिया ने अपने इस किरदार को बखूबी निभाया था। किसी से प्यार करने की कशमकश, घरवालों की मर्ज़ी को मानना और फिर ना चाहते हुए भी किसी अजनबी से शादी कर अपनी ज़िन्दगी को ख़त्म कर लेना। इस फिल्म का गाना दिखाई दिए यूँ, आपको फिल्म में हो रही सारी बातों को अच्छे से समझाता है। और आप भी इस फिल्म के बारे में सोचते हैं सुप्रिया की अदाकारी की दाद देने से खुद को नहीं रोक पाते।
सरिता मेहरा - वेक अप सिड
इस फिल्म में सुप्रिया रणबीर कपूर की माँ के किरदार में थीं। बाप और बेटे की लड़ाई में फंसी, सरिता मेहरा, अपने बेटे को सपोर्ट करती है लेकिन पति का साथ भी नहीं छोड़ती। उनके इस किरदार ने हम सभी का दिल जीता था।
सुभद्रा - कलयुग
अपनी डेब्यू फिल्म में सुप्रिया ने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया था, जो अपने पति से प्यार तो करती है लेकिन उसके काम में उसका साथ नहीं देती। क्योंकि वो जानती है कि उसका पति जो कर रहा है वो गलत है। सुप्रिया ने अपने डेब्यू से ही साबित कर दिया था कि वे एक बढ़िया एक्ट्रेस हैं और बॉलीवुड में बड़ा नाम कमाएंगी।
धनकोर सनेरा उर्फ़ बा - गोलियों की रासलीला: राम लीला
इस फिल्म में सुप्रिया ने इतना बढ़िया काम किया था कि उसकी जितनी तारीफ हो कम है। अपने घर की मुखिया धनकोर, जो अपने परिवार से प्यार करती है और जो उसके अपनों पर नज़र भी उठाये तो एकदम निर्दयी भी हो जाती है। फिल्म में सुप्रिया का हर सीन अच्छा था और उन्होंने अपने रोल से सभी पर बड़ी छाप छोड़ी। फिल्म राम लीला की बा के किरदार के लिए सुप्रिया को बेस्ट नेगेटिव रोल का जी सिने अवार्ड मिला था।