बॉलीवुड के ये 6 आलसी किरदार सबूत हैं कि आलस भी अपने आप में मस्त चीज़ है !
हम सभी की ज़िन्दगी में वीकेंड का अपना अलग महत्व होता है। हम सभी को हफ्ते में मिलने वाली इन दो या फिर एक छुट्टी का पूरा मज़ा उठाना होता है। ऐसे बहुत सि चीज़ें होती हैं जिनपर हमें वीकेंड पर ध्यान देना होता है। जैसे कि हमारा परिवार, दोस्त, घर का कोई काम और अपना आराम। लेकिन हम सभी अपने वीकेंड का ज़्यादातर हिस्सा सिर्फ आलसी की तरह पड़े रहकर बिताते हैं। वीकेंड पर बनाये गए सभी प्लान्स भाड़ में जाए क्योंकि छुट्टी के दीं पलंग से निकलने कुछ भी करने की हिम्मत किसी में नहीं होती। अगर आपके पास आलस की कोई जगह नहीं है तो बॉलीवुड के कुछ महाआलसी किरदारों से आप प्रेरणा ले सकते हैं। इन सभी में हमें बताया कि आलस का अपना मज़ा होता है और आलसी इंसान भी काम का हो सकता है। आइये आपको बताते हैं इनके बारे में -
सिद्धार्थ मेहरा - वेक अप सीड
सीड ने ये बात पूरी तरह से साबित कर दी है कि अगर आप किसी चीज़ को कंट्रोल करने की कोशिश ही ना करो तो ज़िन्दगी खुद ब खुद आसान हो जाती है। सुबह उठने में आलस, पढ़ने में आलस, अपना कमरा साफ़ करने में आलस यहां तक कि अपने करियर के बारे में सोचने में आलस। हालांकि बाद में वो समझदार लड़की आयेशा (कोंकणा सेन शर्मा) की वजह से काम करना शुरू करता है और उसकी ज़िन्दगी बदल जाती है।
करण शेरगिल - लक्ष्य
किसने कहा कि अगर आप आलसी हो तो आपका कोई भविष्य नहीं है? फिल्म लक्ष्य के करण ने साबित करके दिखाया है कि एक आसली आदमी के ईगो से बड़ा दुनिया में कुछ भी नहीं होता। जहां एक तरफ करण को अपनी लाइफ और करियर की कोई चिंता ही नहीं थी वहीं उसकी गर्लफ्रेंड एक उसे छोड़ने और परिवार के उम्मीद हार जाने के बाद उसकी ईगो जाग जाती है और फिर वो आर्मी में एक लेफ्टिनेंट बनकर ही दम लेता है।
आकाश मल्होत्रा - दिल चाहता है
ज़िन्दगी एक लम्बी छुट्टी की तरह है ये बात हमने फिल्म 'दिल चाहता है' के आकाश मल्होत्रा से सीखी है। रिश्ते हो या करियर उसे किसी बार की कोई परवाह नहीं थी। आकाश के लिए अपने दो दोस्तों के साथ ज़िन्दगी बहुत आसान थी। लेकिन जब उसके दोनों दोस्तों के साथ उसकी दोस्ती खराब हुई तब आकाश को अकल आई और उसने दूसरों की कद्र करना सीखा।
करण कपूर - हम तुम
एक हमेशा खुश रहने वाला कार्टूनिस्ट, जो अपने आलसीपन से ज़िन्दगी को बेहतर दिखाने की कोशिश करता है। करण बहुत कम ही चीज़ों को गंभीरता से लेता है और ये चीज़ें उसका कार्टून और उसकी ज़िन्दगी आई लड़की रिया (रानी मुखर्जी) हैं।
राजू - हेरा फेरी
राजू ने कभी अपनी जेब से किराए के पैसे नहीं भरे। एक ऐसे आलसी लड़का जो ना तो कोई काम करता है और ना ही किसी के काम आता है। जो भी पैसे वो कमाता है वो या तो लोगों को बेवकूफ बनाकर या फिर चीटिंग करके। उसकी ज़िन्दगी तब बदल जाती है जब राजू के घर में एक और इन्सान रहने आ जाता है और फिर शुरू होती है असली हेरा फेरी।
राजा - मिस्टर और मिसेस खिलाड़ी
दुनिया का सबसे बड़ा आलसी इन्सान तो राजा है, जो किसी काम को करने के लिए अपनी एक ऊँगली तक नहीं हिलाता। राजा एक भविष्य देखने वाले पंडित के सहारे जीवन काट रहा है, जो उसे अच्छे और बढ़िया भविष्य के सपने दिखाता है लेकिन मेहनत करने को नहीं बोलता और उसके लिए एक अमीर बीवी की तलाश करता है।