दीवानगी से परे, एक अंधे जुनून की कहानी है 'फैन' !

    दीवानगी से परे, एक अंधे जुनून की कहानी है 'फैन' !

    शाहरुख खान की आने वाली फिल्म 'फैन' दर्शकों को एक गहरे धरातल पर उतारने की कोशिश करती हुई नज़र आती है। कई लोगों का यह मानना है कि शाह रुख अपनी इस फिल्म से 'डर' जैसी भावनाएं उकेरने की कोशिश में लगे हुए हैं , लेकिन यह उससे बढ़ कर है।

    Source : india.com

    यह फिल्म है गौरव मेहरा के बारे में , जो कि आर्यन खन्ना का सबसे बड़ा फैन है।  आर्यन एक सुपरस्टार है, गौरव एक सीधा-सादा दिल्ली का लड़का जिसकी ज़िन्दगी का सिर्फ एक सपना है - अपने फेवरेट स्टार का जन्मदिन उसके साथ मनाना, अपने हाथों से उसे ट्रॉफी देना, उसके साथ समय बिता सकना। यह साबित करना कि उसके जैसी दीवानगी किसी और के बस की बात नहीं।  

    लेकिन जिस तरह सभी के सारे सपने पूरे नहीं होते, ठीक उसी तरह गौरव मेहरा के भी सपने टूटते हैं।

    तार-तार होती हैं उम्मीदें और जब वो अपने चुने हुए  भगवान के बरक्स खड़ा होता है , तब उसे यह एहसास होता है कि उसके सामने उसे कितना छोटा बना दिया गया है।  यहाँ से शुरू होता है चुने हुए भगवान के पतन और एक इंसान के उसको चुनौती देने की कहानी।  

    क्या इस तरह अपने हीरो का एंटी-हीरो बन जाना हर एक दीवाने की नियति है ?

    शायद नहीं।  लेकिन जब किसी व्यक्ति या वस्तु को भगवान् बना कर पूजना शुरू कर दिया जाता है , तो क्या वे पूजनीय होकर अपने बनाने वालों से भी ऊपर हो जाते हैं ?  यह कहानी सिर्फ स्टार और उसके फैन की नहीं , बल्कि एक बेहद मुश्किल द्वंद्व को सामने लाने की कोशिश करती हुई सी लग रही है। 

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    बॉलीवुड फिल्म है , शाहरुख़ खान का डबल रोल है , यश राज फिल्म्स का बैनर है।  जाहिर सी बात है फिल्म में मसाला होगा , कुछ ओवर द टॉप सीन्स भी हो सकते हैं। एक्शन सीन्स की झलक ट्रेलर में भी दिखती है और शायद फिल्म में और भी ज़्यादा बेहतर बन पड़ेंगे। शाहरुख़ काफी समय बाद डबल रोल में नज़र आये हैं और एक रूप में उन्होंने अपना सुपरस्टार वाल भाव बेहद नियंत्रित रखा है तो दूसरे में उन्होंने कोशिश की है खुद को एक सामान्य व्यक्ति की तरह पूरी तरह समर्पित कर देने की।  अब पूरी फिल्म कैसी होगी यह तो रिलीज़ के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन जितना कुछ देखा जा पा रहा है , मनोरंजक तो ज़रूर लग रहा है।   

    Source : intoday.in

    फैन फिल्म का मोशन पोस्टर दिखाता है कि किस तरह से फैन में दरारें पड़ती हैं और यह शब्द बिखरने के कगार पर पहुँच जाता है ।

    यह एक बेहतरीन प्रयोग है जिसे ट्रेलर में बखूबी दिखाया गया है  कि गौरव अपने 'भगवान' आर्यन से कहता है : गौरव है तो आर्यन है , गौरव नहीं तो आर्यन कुछ भी नहीं। सब कुछ देखने के बाद यह महसूस होता है कि इस फिल्म के ज़रिये शायद शाहरुख़ अपने एक ऐसे रूप को ढूँढ़ने के सफर पर निकले हैं जिसे उन्होंने पीछे छोड़ दिया था कहीं।  हमें बेसब्री से इंतज़ार रहेगा शाहरुख़ के इस रूप के अलग अलग रंगों को देखने का। 

    खन्ना