जॉन अब्राहम की फिल्म 'रोमियो अकबर वाल्टर' का ट्रेलर अच्छा तो लगेगा, मगर समझ नहीं आएगा !
2016 से अब तक इतने स्पेशल ऑफिसर्स और एजेंट्स की भर्ती नहीं हुई होगी जितना अकेले जॉन अब्राहम बन चुके हैं। जॉन की फिल्म ‘रोमियो अकबर वाल्टर’ की कहानी 1971 के भारत-पाक युद्ध पर आधारित है। वो युद्ध जिसमें दुनिया के नक़्शे पर एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ था।
जॉन फिल्म में एक जासूस का रोल निभा रहे हैं, जिसका इस युद्ध में बहुत महत्वपूर्ण रोल था। फिल्म में जॉन के 3 अलग-अलग लुक हैं।
फिल्म के टीज़र से लेकर ट्रेलर तक इस बात पर बहुत जोर दिया गया है कि ये एक रियल स्टोरी है। पिछले साल आई फिल्म ‘राज़ी’ में आलिया भट्ट का किरदार भी रियल स्टोरी पर आधारित था।
अब दिक्कत ये है कि ‘राज़ी’ ने जासूसी फिल्मों के लिए इतने ऊंचे पैमाने सेट कर दिए हैं कि जब भी कोई ऐसी फिल्म आएगी तो पहले ‘राज़ी’को ही याद किया जाएगा।
एक स्पाई-थ्रिलर फिल्म से क्या उम्मीदें होती हैं? कि जासूसी की कुछ नयी तकनीक दिखेंगी। और इन तकनीकों को सीखता हुआ एक्टर दिखेगा। मगर ‘रोमियो अकबर वाल्टर’ के ट्रेलर में वही सदियों पुराना लॉजिक है कि जासूसी की ट्रेनिंग में हाथ में गन पकड़ा के निशाने लगवाते हैं बस।
ट्रेलर में जॉन ट्रेनिंग लेते तो दिखते नहीं, लेकिन सीधा प्लेन उड़ाते और पाकिस्तान पर बम गिराते नज़र आते हैं। फिल्म के ट्रेलर में कुछ हिस्सों में मौनी रॉय भी ज़रा देर के लिए नज़र आती हैं। और वो बस नज़र ही आती हैं !
‘रोमियो अकबर वाल्टर’ के ट्रेलर में कहीं भी जॉन के किरदार का नाम नहीं बताया गया है। खैर हमने 2 जगह उनका नाम नोटिस किया, एक बोर्डिंग पास पर अकबर मालिक और एक जॉन की पाकिस्तान आर्मी वाली वर्दी पे लिखा लेफ्टिनेंट आफताब हुसैन।
‘रोमियो अकबर वाल्टर’ देखने की सबसे बड़ी वजह हमारे पास ये है कि फिल्म में एक असल जासूस की कहानी दिखाई गई है। अब फिल्म में ये कितने अच्छे से दिखाई गई है ये तो 5 अप्रैल को ही पता चलेगा।
यहां देखिए जॉन अब्राहम की फिल्म 'रोमियो अकबर वाल्टर' का ट्रेलर: