बॉलीवुड को ये 10 आइकॉनिक गाने देने के लिए ख़य्याम साब का शुक्रिया!
ये 10 आइकॉनिक गाने देने के लिए ख़य्याम साब का शुक्रिया!
मोहम्मद ज़हूर ‘’ख़य्याम’ हाशमी, जिन्हें लोग ‘ख़य्याम’ के नाम से जाना जाता था, के रूप में बॉलीवुड ने अपने सबसे आइकॉनिक संगीतकारों में से एक को खो दिया है, और ये फिल्म इंडस्ट्री के लिए ई क्षति है जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। ख़य्याम साब ने अपने करियर में ढेरों ऐसे गानों को धुन में पिरोया, जो समय बीतने के साथ और जवान ही होते गए।
हमारे पिताओं से लेकर हम तक और फिर हमसे अगली पीढ़ी के बच्चों तक ये गाने आज भी उतने ही जवान बने हुए हैं। और ये संभव न हो पाटा अगर उन गानों में ख़य्याम साब का जादू न होता। इस अपूरणीय क्षति की भरपाई भले संभव न हो, मगर ख़य्याम साब की विरासत को संभाले रखना ज़रूर संभव है। उनके गानों के ज़रिए उनका जादू हमेशा हमारी जिंदगियों में बना रहेगा।
आइए आपको बताते हैं ख़य्याम साब के 10 सबसे आइकॉनिक गाने और सलाम करते हैं एक महान कलाकार को जिसने सोमवार रात हमें अलविदा कह दिया:
इन आँखों की मस्ती के / दिल चीज़ क्या है (उमराव जान)
कभी-कभी मेरे दिल में (कभी कभी )
ऐ दिल-ए-नादाँ (रज़िया सुल्तान)
नूरी (नूरी)
बहारों मेरा जीवन संवारो (आखरी ख़त)
जानेमन तुम कमाल करती हो (त्रिशूल)
दिखाई दिए यूँ (बाज़ार)
बड़ी वफ़ा से (थोड़ी सी बेवफ़ाई)
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता (आहिस्ता आहिस्ता)