संजय दत्त के ड्रग्स लेने के ये किस्से आपने पहले कभी नहीं सुने होंगे !
जैसा कि रणबीर कपूर ने कहा है, संजय दत्त की जिंदगी किसी साइंस-फिक्शन से कम नहीं है। संजय की जिंदगी में जिस तरह की चीज़ें हुई हैं, उनपर विश्वास करना बेहद मुश्किल है। संजय की जिंदगी के जिस हिस्से की चर्चा सबसे ज़्यादा की जाती है वो है उनका ड्रग-एडिक्शन। संजय ने खुद भी बहुत सारे इंटरव्यूज़ में कहा है कि वो ड्रग्स के नशे में बहुत ज़्यादा पड़ गए थे और उन्होंने उतना नशा किया है जितना कोई इंसान कर सकता है।
संजय दत्त की बायोपिक ‘संजू’ में उनकी जिंदगी के इस हिस्से पर बहुत फोकस किया गया है, लेकिन उनके ड्रग-एडिक्शन के बहुत से किस्से ऐसे हैं जिन्हें सुनकर आप अपना माथा पकड़ लेंगे। आइए आपको बताते हैं संजय दत्त के ड्रग एडिक्शन के किस्से-
नशे में मदद करने वाले फ़िल्मी दोस्त
संजय दत्त बॉलीवुड में अपनी शुरुआत के पहले से ही ड्रग्स लेते थे, ये बात किसी से नहीं छुपी। संजय हमेशा ड्रग्स के नशे में धुत्त रहते थे, जिसकी वजह से वो सेट्स पर लेट पहुंचते थे और इससे फिल्मों का काम प्रभावित होता था। एक वक़्त ऐसा आ गया था जब संजय के पिता सुनील दत्त, फिल्म साइन करने आए डायरेक्टर्स को पहले ही संजय की इस लत के बारे में जानकारी दे दिया करते थे। लेकिन ऑडियंस को संजू पसंद थे इसलिए बहुत से प्रोड्यूसर उनके लिए फिल्म के सेट पर ही ड्रग का इंतज़ाम कर दिया करते थे, ताकि फिल्म समय पर पूरी हो सके।
नम्रता दत्त को धक्का देना
ड्रग्स छोड़ने के बाद संजय दत्त ने बहुत से इंटरव्यूज़ में कहा है कि नशा केवल आपकी ही जिंदगी नहीं ख़राब करता, बल्कि आपके करीबियों को भी नुकसान पहुंचाता है। एक बार जब संजू नशे में बुरी तरह धुत्त थे, उनकी बहन नम्रता दत्त उन्हें डांटने पहुंच गईं। गुस्से में आकर संजू ने नम्रता को धक्का दे दिया और उन्हें फ्रैक्चर हो गया।
दो दिन तक सोते रहना
संजय दत्त को ये आदत थी कि जब भी वो अपने घर में ड्रग्स लेते थे तो अपने रूम का दरवाज़ा अन्दर से लॉक कर लेते थे। एक दिन वो सो कर उठे तो उन्हें बहुत तेज़ भूख लगी थी और उन्होंने अपने नौकर को बुलाकर तुरंत खाना मंगाया। उनका नौकर वहां खड़े होकर रोता रहा, जब संजू ने ईसकी वजह पूछी तो उसने बताया कि संजू पूरे दो दिन के बाद सोकर उठे हैं।
कोई नशा नहीं छोड़ा
जब संजय दत्त ने ये तय किया कि वो ड्रग्स छोड़ना चाहते हैं, तो उन्होंने अपने पिता सुनील दत्त की मदद ली। उन्होंने संजू को टेक्सास, अमेरिका की एक रिहैबिलिटेशन सेण्टर में भेज दिया। वहां पर संजू को एक फॉर्म दिया गया, जिसमें उन्हें उस नशे के आगे टिक करना था जो वो ट्राई कर चुके हैं। संजू ने उस फॉर्म पर टिक करना शुरू किया और देखते ही देखते वो हर नशे के आगे टिक कर चुके थे। ये देखकर डॉक्टर हैरान रह गया और उसने सुनील दत्त को कहा कि ड्रग्स की इतनी सारी वैरायटी लेने के बाद भी संजू जिंदा हैं, ये अपने आप में एक जादू है। डॉक्टर ने कहा, इंडियन बहुत भारी खाना खाते हैं इसी वजह से संजय बचे रहे।
सड़क की ‘महारानी’
संजू के सारे किस्सों में ये सबसे मजेदार किस्सा है। नशेपंती के दौर में संजू अपने ड्रग्स खरीदने अक्सर मुंबई की चॉल में जाया करते थे। वहां उनकी मुलाकात अजीब सा बर्ताव करने वाले एक किन्नर से हुई। फिल्म ‘सड़क’ बनने के दौरान संजू ने इस किरदार के बारे में महेश भट्ट को बताया और भट्ट ने तय किया कि वो ‘सड़क’ के विलेन ‘महारानी’ का किरदार उस किन्नर के हिसाब से ही मॉडल करेंगे। ‘महारानी’ का किरदार निभाने वाले सदाशिव अमरापुरकर को उनकी परफॉरमेंस के लिए बहुत तारीफें मिलीं और उन्हें इस किरदार के लिए ‘फिल्मफेयर’ अवार्ड भी दिया गया।