शाहरुख़ खान की इन चैरिटीज़ के बारे में उनके बड़े-बड़े फैन्स भी नहीं जानते होंगे !
हम उन्हें बॉलीवुड के बादशाह के रूप में जानते हैं और वो शायद इस दुनिया के सबसे बड़े सेलेब्रिटीज में से एक हैं, लेकिन फिर भी उनके बारे में बहुत सारी ऐसी बातें हैं जो हमें उनके बारे में आज भी नहीं पता। हम बात कर रहे हैं शाहरुख़ खान की, जो देश और दुनिया के फैन्स के दिलों में बसते हैं।
जब भी आप बॉलीवुड के स्टार्स के चैरिटी वर्क के बारे में सोचते हैं तो आपके दिमाग में सलमान खान और उनकी बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन का सबसे पहले आता है। हालाँकि आपको शाहरुख़ खान के चैरिटेबल वर्क के बारे में शायद ही पता होगा। जी हाँ, शाहरुख़ लोगों का भला करने के लिए बहुत कुछ करते हैं और ये बात उनके लिए महत्वपूर्ण भी है।
शाहरुख़ कहते हैं कि चैरिटी बिल्कुल खामोश होकर और सम्मान के साथ करनी चाहिए। किसी को अपने चैरिटी वर्क का ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए वरना उसका उद्देश्य ही खत्म हो जाता है। ये उनकी खुशनसीबी है कि पब्लिक पर्सनैलिटी होने के नाते वो ऐसे काम कर सकते हैं, जो उनके दिल के करीब हैं।आइये आपको बताते हैं शाहरुख़ खान के चैरिटी वर्क के बारे में -
नानावती हॉस्पिटल में चिल्ड्रेन और कैंसर वार्ड
छोटी उम्र में अपने माता-पिता को खो देना शाहरुख़ की ज़िन्दगी की सबसे बड़ी ट्रेजेडी थी और इसके चलते उन्होंने ज़िन्दगी में बहुत कुछ सीखा है। जब शाहरुख़ सिर्फ 15 साल के थे, उन्होंने अपने पिता को कैंसर के चलते खो दिया था और शाहरुख़ ने इस बात को माना कि आर्थिक तंगी वो कारण थी जिसकी वजह से उनके पिता का इलाज नहीं हो पाया था। इसीलिए वे नानावती हॉस्पिटल में एक स्पेशल कैंसर वार्ड चलाते हैं और इस बात का ध्यान रखते हैं कि पैसों की तंगी के चलते किसी को भी इलाज में दिक्कत ना आये।
IPL की पूरी ईनाम राशि को दान में दे देना
जब IPL सीजन 7 में जब शाहरुख़ खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स ने ट्राफी जीती थी तब सभी के लिए ख़ुशी का माहौल था। ट्राफी के साथ फिल्म को 15 करोड़ की ईनामी राशि भी मिली थी। लेकिन अपने ऊपर खर्च करने के बजाए शाहरुख़ ने ये पूरा पैसा कैंसर से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए दान में दे दिया था।
12 गाँव गोद लिए
बहुत लोगों को नहीं पता कि शाहरुख़ खान ने साल 2012 में उड़ीसा के 12 गाँव गोद लिए थे और वे अभी तक वहां के गांव वालों के शिक्षा, पानी, बिजली और और भी चीजों की व्यवस्था के लिए काम कर रहे हैं। इसके अलावा शाहरुख ने भारत सरकार की कई योजनाओं के लिए काम किया है, जिसमें पल्स पोलियो और नैशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के कैंपेन शामिल हैं।
मेक अ विश फाउंडेशन
शाहरुख़ बहुत समय से मेक अ विश फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं। ये फाउंडेशन हमारे देश के बीमारी से जूझ रहे और वंचित बच्चों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए हैं और शाहरुख़ ने इस फाउंडेशन की मदद इसमें शामिल होकर और पैसे दान करके की है।
UNESCO से अवार्ड
ज़्यादातर लोगों को नहीं पता कि शाहरुख़ हाँ वो इकलौते भारतीय हैं, जिन्हें UNESCO ने उनके चैरिटेबल वर्क के लिए सम्मानित किया है।
मीर फाउंडेशन
शाहरुख़ खान ने इस फाउंडेशन का नाम अपने पिता के नाम पर रखा है, जिनका नाम मीर ताज खान मोहम्मद था। ये फाउंडेशन एसिड अटैक सर्वाइवर्स को रहने के लिए छत और चिकित्सकीय सहायता प्रदान करती है। साल 2018 में इस फाउंडेशन को वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम से अपने योगदान और कल्याणकारी पहल के लिए क्रिस्टल अवार्ड से नवाज़ा गया था।