अभिषेक बच्चन: वो आदमी जिसे सिर्फ़ अमिताभ का बेटा होने की वजह से ट्रोल किया जाता है !
अभिषेक बच्चन: जिसे अमिताभ का बेटा होने के कारण ट्रोल किया जाता है
अमिताभ बच्चन, वो एक्टर जिसे इंडिया में शायद ही कोई नापसंद करता हो। इतना शानदार फ़िल्मी करियर कि उन्हें ‘सदी का महानायक’, ‘सबसे बड़ा सुपरस्टार’ और ‘बॉलीवुड का शहंशाह’ कहा जाता है। अमिताभ बच्चन का स्टारडम इतना ज़बरदस्त रहा है कि किसी भी काम में अच्छा करने वाले को, उसकी फ़ील्ड का अमिताभ बच्चन कहा जाने लगा। लेकिन इतना नाम और फ़ेम अपने साथ किस तरह का दबाव लेकर आता है, इसका जीता जागता उदाहरण हैं अमिताभ के बेटे अभिषेक।
अभिषेक बच्चन यानी वो लड़का जिसने बचपन से ही अपने बाप को भारतीय जनता के दिलों पर राज करते देखा। हम जब स्कूल में थे तब उन बच्चों से जला करते थे जिनके पापा बड़े अफ़सर या बिज़नेसमैन थे। क्योंकि ऐसे बच्चे बात-बात पर अपने बाप का रुतबा झाड़ा करते। ऐसे में अभिषेक बच्चन अपने लड़कपन में कितना एटीट्यूड झाड़ सकते थे, इस बात का कि उनके पापा इंडिया के सबसे बड़े सुपरस्टार हैं। लेकिन अभिषेक के बारे में ऐसा कोई किस्सा सुना नहीं। बल्कि जिस वक़्त अभिषेक बड़े हो रहे थे, वो खबरों में भी इतना नहीं रहते थे जितना आज बहुत सारे स्टार-किड्स रहते हैं। वो पहली बार मीडिया के दुलारे तब बने, जब उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा।
उनकी पहली फिल्म ‘रिफ्यूजी’ में करीना कपूर ने भी डेब्यू किया था, जो खुद भी बॉलीवुड के सबसे बड़े परिवार ‘कपूर परिवार’ से आई थीं। लेकिन ‘रिफ्यूजी’ की शूटिंग से लेकर रिलीज़ तक, सबसे ज़्यादा खबरें अभिषेक बच्चन पर बनीं। वजह साफ़ थी- अभिषेक बच्चन, अमिताभ बच्चन के बेटे हैं ! ये अमिताभ का स्टारडम नहीं था, जो अभिषेक को विरासत में मिल रहा था... बल्कि ये वो दबाव था, जो अमिताभ का बेटा होने के नाते मीडिया ने उन्हें तोहफ़े में दे दिया। इसका सीधा सा मतलब ये था कि अभिषेक को कभी भी उनके काम के आधार पर नहीं तौला जाएगा, बल्कि उन्हें तौला जाएगा अमिताभ बच्चन के स्टारडम के पैमाने पर ! ये तुलना अभिषेक की फिल्म ‘रिफ्यूजी’ से शुरू हुई और आज तक जारी है।
इस तुलना में एक सीधी सी समस्या ये है कि अभिषेक के खाते में बहुत ज़्यादा हिट फिल्में नहीं हैं। लेकिन एक्टिंग? ‘युवा’, ‘गुरु’ और ‘ब्लफमास्टर’ जैसी फिल्मों में अभिषेक की एक्टिंग बेहद शानदार थी। और जब डायरेक्टर मणिरत्नम की फिल्म ‘रावण’ में अभिषेक बच्चन की परफॉरमेंस लोगों ने देखी तो उनके एक्टिंग टैलेंट की तारीफ़ किए बिना नहीं रह सके। लेकिन अभिषेक का करियर उस दौर में आगे बढ़ रहा है जो सोशल मीडिया और ट्रोल्स का दौर है। यहां परसेप्शन बनाए जाते हैं और उसी के आधार पर आपको देखा जाता है। आज अभिषेक पर सैकड़ों ऐसे चुटकुले और मीम बन चुके हैं जिसमें उन्हें बाप की कमाई खाने वाला लड़का बताया जाता है। एक तो आदमी अपने सुपरस्टार पिता की कामयाबी का वज़न संभाल रहा है, ऊपर से बीवी ऐश्वर्या राय! दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला !
लोगों ने ऐश्वर्या के बहाने भी अभिषेक का कम मज़ाक नहीं बनाया। एक मीम बनता है, लोग हंसते हैं और ये भूल जाते हैं कि आखिरकार सामने वाला भी एक इंसान ही है। उसे भी खराब लगता होगा, बुरा लगता होगा। ऐसे ही एक आदमी ने ट्वीट किया और लिखा। ‘अपनी जिंदगी को ख़राब न समझें। याद रखिए कि अभिषेक बच्चन अभी भी अपने पेरेंट्स के साथ रहते हैं।’
Don't feel bad about your life. Just remember @juniorbachchan still lives with his parents. Keep hustling everyone!
— Ybn (@stillyoungest) April 17, 2018
भूल जाइये कि वो एक बॉलीवुड एक्टर है, बस उसे एक इंसान समझिए और फिर सोचिए... अपने पिता की अतुलनीय सफ़लता और पत्नी की अद्वितीय सुन्दरता के आगे, कोई आदमी कितनी जल्दी नर्वस हो सकता था। ये आदमी खुद को इग्नोर किया हुआ भी महसूस कर सकता था, लेकिन वो अन्दर से कितना बेहतरीन इंसान है कि उसे इन चुटकुलों से फ़र्क नहीं पड़ता। वो ट्रोल नहीं होता और अपना मज़ाक बनाए जाने पर तुरंत जवाब देते हुए कहता है- ‘हां, और अपने पेरेंट्स के लिए मौजूद रहना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। कभी आप भी ऐसा कर के देखिए, आपको अपने लिए बेहतर महसूस होगा।’
Yes! And it’s the proudest moment for me to be able to be there for them, as they have for me. Try it sometime, you might feel better about yourself.
— Abhishek Bachchan (@juniorbachchan) April 17, 2018
समझ नहीं आता, क्या अपने मां-बाप के साथ रहना बुरी बात है? या क्या अकेले रहना ही कामयाबी की पहचान है? भारतीय समाज में अधिकतर यही होता है कि जब तक घर से बाहर रहना ज़रूरी न हो जाए, लोग अपने मां-बाप के साथ ही रहते हैं। और ऐसा यहां भारत में ही नहीं होता, विदेशों में भी होता है। तो फिर ये कैसी सोच है कि पेरेंट्स के साथ रहने वाले अभिषेक का मज़ाक उड़ाया जाए ! हम कब स्टार-किड्स को उनके पेरेंट्स से अलग कर के देखना सीखेंगे? आखिर ये क्यों ज़रूरी है कि अर्जुन तेंदुलकर, सचिन जैसा क्रिकेटर बने? या फिर शाहरुख़ का बेटा अच्छा रोमांटिक हीरो बनेगा?
हंसना, मज़ाक करना ठीक था, लेकिन बस यार हो गया न अब ! अभिषेक बच्चन को अमिताभ बच्चन के स्टारडम से मत जोड़ो। अभिषेक ने अभी उतनी फिल्में नहीं की हैं, जितने साल से सीनियर बच्चन साहब बॉलीवुड में हैं। एक्टर अच्छा है, अपना काम कर लेता है, आगे उसकी जिंदगी है जो चाहे करे !