अध्ययन सुमन ने कहा बॉलीवुड में नेपोटिज्म नहीं गुटबाज़ी है असली समस्या, इसी वजह से अटकीं मेरी 14 फ़िल्में!

    अध्ययन सुमन ने नेपोटिज्म नहीं गुटबाज़ी को बताया असली समस्या

    अध्ययन सुमन ने कहा बॉलीवुड में नेपोटिज्म नहीं गुटबाज़ी है असली समस्या, इसी वजह से अटकीं मेरी 14 फ़िल्में!

    14 जून को सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से बॉलीवुड और सोशल मीडिया, दोनों जगह एक तूफान सा उठ खड़ा हुआ है। सुशांत डिप्रेशन से लड़ रहे थे और सोशल मीडिया पर जल्द ही ये नैरेटिव बन गया कि सुशांत के दिप्र्रेशन का कारण बॉलीवुड में पसरा नेपोटिज्म है। जहाँ शुरुआत में सुशांत के निधन के बाद लोग मेंटल हेल्थ वगैरह पर ध्यान दे रहे थे, वहीं अब सुशांत को न्याय दिलाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की जा रही है और नेपोटिज्म को दोष दिया जा रहा है। सुशांत के मामले को लेकर एक्टर शेखर सुमन बहुत एक्टिव रहे और उन्होंने सुशांत के लिए न्याय की मांग करते हुए एक ऑनलाइन फोरम भी शुरू की। अब शेखर के बेटे अध्ययन सुमन नेपोटिज्म डिबेट में सामने आए हैं और उन्होंने कहा है कि असली समस्या ये नहीं है।

    हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए अध्ययन ने कहा, ‘मैं डैड से इस बारे में बात कर रहा था, ये डिबेट ही गलत है। असली दिक्कत गुटबाज़ी है।’ उन्होंने आगे बताया, ‘जैसा कि सुशांत ने भी कहा था, प्रॉब्लम तभी है जब स्टार-किड्स को आगे बढाया जाने लगता है। मेरा पॉइंट है कि अगर नेपोटिज्म वाली बात होती, तो हमारे पास आयुष्मान खुराना या राजकुमार राव नहीं होते। और रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, वरुण धवन- इन्हें शुरुआत में भले सबकुछ आसानी से मिला हो, लेकिन अगर आज कोई मुझे कहेगा कि रणबीर अच्छा एक्टर नहीं है, मैं थप्पड़ मार दूंगा। इन लोगों में एक्स-फैक्टर है।’ एक दूसरे इंटरव्यू में अध्ययन ने बताया कि गुटबाज़ी के चलते उनकी 14 फ़िल्में अटक गयीं।

    बॉलीवुड बबल से बात करते हुए अध्धयन ने कहा, ‘पावर डायनामिक्स और गुटबाज़ी बॉलीवुड में सालों से हैं। ये मेरे साथ भी हुआ। मेरी 14 फ़िल्में अटक गईं और मेरी फिल्मों के बॉक्स-ऑफिस कलेक्शन भी गलत दिखाए गए। लोगों ने पहले इस बात पर ध्यान नहीं दिया। ये बहुत दुःख की बात है कि ये बात सामने आने के लिए लोगों को सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या करने का इंतज़ार करना पड़ा।’