अनु मलिक हैरेसमेंट केस: सोना मोहपात्रा ने महिला आयोग के बयान को बताया गलत, कहा- मैंने सबूत भेजे थे!

    अनु मलिक हैरेसमेंट केस: सोना मोहपात्रा ने कहा- मैंने सबूत भेजे थे

    अनु मलिक हैरेसमेंट केस: सोना मोहपात्रा ने महिला आयोग के बयान को बताया गलत, कहा- मैंने सबूत भेजे थे!

    अनु मलिक के खिलाफ चल रहे सेक्सुअल हैरेसमेंट के केस को बंद किए जाने पर सिंगर सोना मोहापात्रा ने अपना पक्ष रखा है। सोना ने ट्विटर पर एक लंबा सा नोट शेयर करते हुए कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग के ऑफिशियल बयान के उलट उन्होंने अनु मलिक के दुर्व्यवहार की शिकार कई महिलाओं के बयान भी अपने केस के पक्ष में पेश किए थे। सोना ने कहा कि जब उन्होंने ये खबर सुनी कि अनु मलिक के खिलाफ केस बंद किया जा रहा है, उस वक़्त वो एक इवेंट के लिए पेरिस में थीं। 

    अपने नोट में सोना ने लिखा, ‘मैंने जस्ट अभी पेरिस में एक इवेंट ख़त्म किया है, जहाँ मैं एक यूरोपियन एजेंसी द्वारा, इसरो के सैटेलाईट लॉन्च पर भारत को रिप्रेजेंट कर रही थी। वहां मेरे व्यूज और मेरी सिंगिंग को मिले बेहतरीन रिसपॉन्स से मैं बहुत खुश होकर बाहर निकली और ये दिल तोड़ने वाली खबर पता चली। राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन का बयान गलत है। मैं बड़ी मुश्किल से अनु मलिक के खिलाफ कई बयान जुटाए और महिला आयोग के कहने के कुछ ही दिन के अन्दर उन्हें भेज दिए। मेरे दस पन्नों के जवाब में मुझे एक लाइन का जवाब मिला- कृपया शिकायत से जुड़ी कनी चीज़ें भी (यदि हैं तो) भेज दें। कोई डियर नहीं, कोई रिगार्ड्स नहीं, बस यही एक लाइन।’ सोना ने आगे कहा कि महिला आयोग के जवाबों से उन्हें ये लगने लगा जैसे वही क्रिमिनल हैं। 

    उन्होंने लिखा, ‘जिस अजीब तरीके से उन्होंने मुझे जवाब दिए, सच कहूँ तो उससे मुझे डर लगने लगा था, ऐसा लगा जैसे उनकी नज़रों में मैं ही क्रिमिनल हूँ। मुझे तो ये सोचकर भी डर लगता है कि वो उन महिलाओं से कैसे बर्ताव करते होंगे जिनके पास अपनी बात कहने का कोई माध्यम नहीं है। हैदराबाद रेप केस के बाद जा कर परिवार को सांत्वना देना और मीडिया को बयान देना ही उनका एकमात्र काम नहीं है। ये एक लाइव केस है। कितने सारे पीड़ित और उनके परिवार को अपना दर्द याद आता होगा जब अनु मलिक जैसा कोई भी व्यक्ति नेशनल टीवी पर नज़र आता है। महिला आयोग को कम से कम हम में से किसी से बात करने की कोशिश करनी चाहिए थी। हम सिस्टम से कम से कम इतनी तो उम्मीद करते ही हैं। ये अभी ख़त्म नहीं हुआ है। मैं एक अच्छी लड़ाई ऐसे आसानी से नहीं जाने दे सकती। ज़रूरत पड़ी तो मैं इस लड़ाई को अपनी चिता तक लेकर जाउंगी। इंडिया में जहाँ ऐसे अपराधी आराम से बच जाते हैं वहां ये केस एक पूरे मूवमेंट के लिए ये आशा की एक किरण था। इस क्राइम में सोनी टीवी भी सहयोगी है क्योंकि उन्होंने इस केस को मार्केटिंग के लिए थीम बनाकर इस्तेमाल किया। भारत उन्हें या अनु मलिक और उनके सपोर्टर्स को इतनी आसानी से माफ़ नहीं करेगा। हम इससे एकसाथ लड़ेंगे।’

    आपको बता दें कि मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार सबूतों के अभाव के कारण राष्ट्रीय महिला आयोग ने ये केस बंद कर दिया था।