बंटी और बबली 2: रानी मुखर्जी बनीं छोटे शहर की फैशन डिज़ाइनर तो सैफ बने रेलवे टीसी; पढ़ें पूरी डिटेल...

    बंटी और बबली 2: रानी बनीं छोटे शहर की फैशन डिज़ाइनर तो सैफ बने रेलवे टीसी

    बंटी और बबली 2: रानी मुखर्जी बनीं छोटे शहर की फैशन डिज़ाइनर तो सैफ बने रेलवे टीसी; पढ़ें पूरी डिटेल...

    बंटी और बबली का सीक्वल आ रहा है। फिल्म का टीजर जारी कर दिया गया है और ये फिल्म अगले महीने 19 नवंबर को रिलीज होगी। फिल्म में इस बार रानी मुखर्जी के साथ अभिषेक बच्चन की जगह सैफ अली खान नजर आएंगे। वहीं सिद्धांत चतुर्वेदी और शारवरी की भी फिल्म में एंट्री हुई है। फिल्म का टीजर देखकर अभी तक तो लग रहा है फिल्म मजेदार होने वाली है।

    लेकिन क्या आप फिल्म के कैरेक्टर्स के बारे मे जानते हैं कि कौन क्या रोल करने वाला है? रिपोर्ट्स के मुताबिक रानी मुखर्जी जो कि बबली थीं वो यानी विमी इस बार फुरसतगंज जाकर एक फैशन डिजाइनर बन जाती हैं वहीं सैफ अली खान एक टिकट कलेक्टर बन जाते हैं।

    दैनिक भास्कर के मुताबिक एक सोर्स ने बताया, ''छोटे शहर में उनके पास बहुत सारा समय बचता है, इसलिए विमी फुरसतगंज में फैशन डिजाइनर बनने की कोशिश करती हैं, क्योंकि उसे फैशन और स्टाईल पसंद है। बंटी यानी राकेश अपनी पत्नी के हर काम में उसका सहयोग करता है, हालांकि वह विमी के चुने गए फैशन सेन्स से सहमत नहीं रहता।"

    रानी मुखर्जी अपने किरदार के बारे में कहती हैं, ''विमी हमेशा से फैशन से जुड़ी रही, इसलिए वो इसी को अपना करियर बनाना चाहती है। उसके फैशन की पसंद दिखावटी, रंगबिरंगी और खुशनुमा है, क्योंकि यही उसका व्यक्तित्व है। उसे इसमें मजा आता है कि फुरसतगंज के लोग उसे देखते हैं। इस इलाके के लोगों को फैशन का सेन्स नहीं, इसलिए बबली फुरसतंगज की फैशन क्वीन बन जाती है।"

    सैफ ने अपने कैरेक्टर बंटी उर्फ राकेश के लिए काफी वजन बढ़ाया और घटाया है। वो अपने कैरेक्टर पर कहते हैं, ''मुझे कई किलो वजन बढ़ाना पड़ा और फिर अपने टाईट पैकिंग शेड्यूल के कारण तेजी से वजन घटाना पड़ा। अब जब मैं पीछे की ओर देखता हूं, तो मुझे इस प्रोसेस से गुजरने की खुशी होती है, क्योंकि राकेश पुराने समय का बंटी फिल्म में बिल्कुल वास्तविक दिखता है। अब वह एक पारिवारिक व्यक्ति है, जिसने लोगों को ठगना छोड़ दिया है। उसका जीवन स्थिर हो गया है। वह चहेता है, उसके संघर्ष सच्चे हैं। वह एक लीजेंड था, लेकिन अब वह कुछ नहीं। वह अपनी पहचान बनाना चाहता है, इसीलिए वह अपने जीवन से निराश है। वह चाहता है कि उसका भी महत्व हो।"