द ब्लैक टाइगर: भारतीय जासूस रवीन्द्र कौशिक की इस रोंगटे खड़े करने वाली कहानी पर फिल्म बनाएंगे राजकुमार गुप्ता !

    द ब्लैक टाइगर: भारतीय जासूस रवीन्द्र कौशिक की इस रोंगटे खड़े करने वाली कहानी पर फिल्म बनाएंगे राजकुमार गुप्ता !

    बॉलीवुड डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने अपनी अगली फिल्म अनाउंस की है। और ये एक ऐसी कहानी पर आधारित है जिसे जानकर आप भी अभी से इस फिल्म का इंतज़ार करने लगेंगे। इस फिल्म में अर्जुन कपूर को लिए जाने की चर्चा है। राजकुमार गुप्ता की आखिरी फिल्म 2018 में आई ‘रेड’ थी, जिसके हीरो अजय देवगन थे।

    अर्जुन के साथ ही राजकुमार इस समय फिल्म ‘इंडियाज़ मोस्ट वांटेड’ की शूटिंग कर रहे हैं। उनकी अगली फिल्म भारत के इतिहास में सबसे बहादुर जासूसों में से एक, रवीन्द्र कौशिक की कहानी पर आधारित होगी। रवीन्द्र की कहानी अपने आप में रोंगटे खड़े कर देने वाली है और इसे स्क्रीन पर देखना वाकई बेहतरीन अनुभव होगा।

    आइये आपको बताते हैं रवीन्द्र कौशिक की पूरी कहानी:

    1. बहुत कम उम्र में बने थे जासूस 

    रवीन्द्र को थिएटर का बहुत शौक था। वो जब टीनेजर थे, तभी से स्टेज पर अलग-अलग किरदार निभाया करते थे। यहीं से वो भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी ‘रॉ’ की नज़र में आए थे।

    2. दिल्ली में दी गयी ट्रेनिंग और बन गए पाकिस्तानी 

    रवीन्द्र को उनके शहर लखनऊ से दिल्ली लाया गया और यहीं पर उनकी ट्रेनिंग हुई। एक बेहतरीन अभिनेता रहे रवीन्द्र ने इस काम को बिल्कुल किसी किरदार की तैयारी की तरह लिया। उन्होंने बाकायदा उर्दू की शिक्षा ली और मुस्लिम धर्म से जुड़ी सभी किताबों को ध्यान से पढ़ा।

    उन्हें एक नयी पहचान दी गयी, और नाम रखा गया- नबी अहमद शाकिर। उनके भारतीय होने के सभी सबूत नष्ट कर दिए गए और पाकिस्तान भेजा गया। कहा जाता है कि जब वो पहली बार भारत के लिए अंडरकवर एजेंट बने तब उनकी उम्र महज 23 साल की थी।

    3. पाकिस्तानी सेना में भर्ती होकर एक बड़ी रैंक तक जा पहुंचे 

    रवीन्द्र ने पकिस्तान जाकर कराची यूनिवर्सिटी से एल एल बी पूरी की और सेना में भर्ती हो गए। इतना ही नहीं, पाकिस्तान आर्मी में उनका प्रोमोशन भी हुआ और वो मेजर की रैंक तक पहुँच गए। बताया जाता है कि वहां पर उन्होंने अमानत नाम की लड़की से शादी भी की।

    4. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया एक नया नाम 

    रिपोर्ट्स के मुताबिक़, उन्होंने 1979 से 1983 तक बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारी भारत भेजी। यही वजह है कि उस समय भारत की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने उन्हें एक नया नाम दिया- ‘द ब्लैक टाइगर’।

    5. दूसरे एजेंट की गलती से पकड़े गए 

    1983 में इनायत मसीहा नाम के दूसरे रॉ-एजेंट को उनसे मिलने पाकिस्तान भेजा गया, लेकिन उसे पाकिस्तान सेना ने पकड़ लिया। इंटेरोगेशन में इनायत ने रवीन्द्र के बारे में जानकारी पाक सेना को दे दी, जिसकी वजह से रवीन्द्र पकड़े गए। 1985 में उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गयी, लेकिन बाद में इसे उम्रकैद में बदल दिया गया।

    18 साल तक पाक सेना की कैद में पहले सियालकोट और फिर मियांवाली में रहने के बाद 2001 में उन्होंने कैद में ही प्राण त्याग दिए। मौत के वक़्त वो पाकिस्तान की न्यू सेंट्रल मुल्तान जेल में थे और उन्हें पल्मनरी टीबी और दिल की बीमारियां हो गयी थीं।  

    6. उनकी कहानी से प्रेरित हैं कई बॉलीवुड फिल्मों की कहानियां 

    सलमान खान की फिल्म ‘एक था टाइगर’ की रिलीज़ के वक़्त ये कहा गया था कि फिल्म की कहानी रवीन्द्र की कहानी से प्रेरित है। जॉन अब्राहम की आने वाली फिल्म ‘रोमियो अकबर वाल्टर’ के ट्रेलर को देखकर भी ऐसा ही लगता है कि फिल्म की कहानी कुछ ऐसी ही होगी।

    डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने रवीन्द्र के परिवार से आधिकारिक तौर पर उनकी कहानी के राइट्स खरीदे हैं। अब देखना ये है कि उनकी फिल्म रवीन्द्र की कहानी को कितने अच्छे से दिखाती है।