शेरशाह की शूटिंग को पाकिस्तानी आर्मी ने समझा था हो रही है असली जंग की तैयारी
शेरशाह की शूटिंग को पाकिस्तान ने समझा था हो रही है असली जंग की तैयारी
हाल ही मे सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी स्टारर फिल्म शेरशाह का ट्रेलर रिलीज किया गया था। फिल्म में कारिगल की जंग दिखाई गई है और फिल्म की शूटिंग भी इसी इलाके में हुई है। शूटिंग के दौरान पाकिस्तान आर्मी को लगा था कि इंडियन आर्मी किसी जंग की तैयारी कर रही है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक धर्मा प्रोडक्शन्स के एक सोर्स ने बताया, ''हमने बड़ी चुनौतीपूर्ण स्थिति में फिल्म की शूटिंग की थी। फिल्म की शूट के लिए कारगिल में एक घुमरी के पास सैन्य बेस बनाए गए थे। मुंबई से जो बोफोर्स के रेप्लिका टैंक ले जाए गए थे, उनके निशाने पाकिस्तान सरजमीं की ओर थे। अचानक एक दिन इंडियन आर्मी से एक अधिकारी हमारे पास आए। उन्होंने हमसे कहा कि पाकिस्तानी आर्मी से एन्क्वॉयरी आई है कि यहां कहीं जंग के लिए तो मूवमेंट नहीं है। इस पर इंडियन आर्मी से स्पष्ट कर दिया गया है कि ऐसा नहीं है। यह फिल्म शूटिंग से जुड़ी तैयारियां हैं। यह हम लोगों के लिए भी रोचक बात थी।"
सोर्स ने आगे बताया, ''बोफोर्स वाले टैंक तो असल नहीं मिल सकते थे। ऐसे में उसकी रेप्लिका खुद से बनाई गई। वैसे कुल आठ बोफोर्स टैंक, एंटी एयरक्राफ्ट गन और अलग चीजें थीं। सैन्य बेस बनाने के लिए टेंट ले जाए गए थे। वह सब कारगिल में चार से पांच किलोमीटर तक लगाए जा रहे थे। वह सब देख पाक आर्मी का डरना लाजिमी था। टैंक में फाइबर मैटेरियल और जरा मेटल भी यूज हुआ था। उसे बतौर तोप मूवमेंट भी करवाया जा सकता था। एक बोफोर्स तोप बनाने में बहुत समय लग गया था।"
रिपोर्ट में सोर्स के हवाले से आगे बताया गया है, ''शूट जोखिम भरा भी था। वह इसलिए कि हम शूट करने कारगिल पहुंचे ही थे कि आर्टिकल 370 हटा दिया गया। पहले सात दिन तो बेहद टेंशन भरे थे। 250 लोगों का क्रू होटेल में ही बंद रहा। सब सात दिन बिना शूटिंग किए वहां रहे। घाटी में भी गर्मागर्मी का माहौल था। कारगिल एक तरह से देश के बाकी इलाकों से कटा हुआ था। सब मुंबई वापस नहीं आ सकते थे। ऐसे में सिद्धार्थ मल्होत्रा और बाकी क्रू ने वहीं रहकर शूट करना तय किया। वह भी तब, जब वहां कभी भी दोनों तरफ से गोलाबारी हो सकती थी। फिर भी सबने वहां शूट किया। सबने एक तरह से 'डू एंड डाई' सिचुएशन में शूटिंग की। मोबाइल फोन बंद कर दिए गए थे। हर किसी ने अपने अपने घरों में बता दिया था कि हर कोई सात दिनों के गैप पर ही फोन कर पाएंगे। क्रू मेंबर्स को आर्मी ने सैटेलाइट फोन दिए थे। उनसे ही क्रू मेंबर्स अपने घर वालों के टच में थे।"