गंजेपन पर नहीं, गंगा प्रदूषण पर बनने वाली थी आयुष्मान की फिल्म बाला

    गंजेपन पर नहीं, गंगा प्रदूषण पर बनने वाली थी आयुष्मान की फिल्म बाला

    गंजेपन पर नहीं, गंगा प्रदूषण पर बनने वाली थी आयुष्मान की फिल्म बाला

    आयुष्मान खुराना, भूमि पेडनेकर और यामी गौतम स्टारर फिल्म बाला न सिर्फ क्रिटिक्स को पसंद आई बल्कि बॉक्स ऑफिस अच्छा कलेक्शन कर रही है। इसमें कम उम्र में ही गंजे हो जाने का सबजेक्ट दिखाया है। लेकिन फिल्म की जो कहानी अभी है वो पहले नहीं थी। पहले इसकी कहानी गंगा के प्रदूषण के बारे में बताई जा रही थी।

    टाइम्स नाऊ के मुताबिक फिल्म के राइटर निरेन भट्ट ने खुलासा करते हुए बताया कि ऑरिजनल आइडिया पवेल भट्टाचार्जी का था। जिसमें हीरो की हेयर स्टाइल 'तेरे नाम' के सलमान खान जैसी होती है लेकिन बनारस में रहने वाले इस लड़के के बाल गिरने लगते हैं। वो गंजा हो जाता है। एक दिन वो देखता है कि गंगा में सारा कचरा डाला जा रहा है और इस वजह से गंगा गंदी हो रही है। वो सोचता है कि उसके बाल गिरने का भी यही कारण है। इसके बाद वो गंगा को बचाने के लिए कैंपेन शुरू करता है।

    निरेन बताते हैं जब तक फिल्म में अमर कौशिक की क्रिएटिव प्रोड्यूसर के तौर पर एंट्री नहीं हुई थी। तब तक उनके दिमाग में दो आइडिया चल रहे थे। पहला आइडिया उन्हें भी बहुत खास नहीं लगा था। निरेन को अमर ने अपने 20 साल की उम्र से ही गंजेपन का शिकार होने का अनुभव बताया। दोनों के बीच इसपर बात होती गई और कम उम्र में ही गंजेपन के शिकार इंसान को क्या झेलना पड़ता है ये सब बात हुई।

    निरेन ने ये भी बताया कि उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में काम शुरू किया था और मई में उनका काम पूरा हुआ। निरेन ने बाला की स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग लिखे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि हम शाहरुख या सलमान जैसी हेयरस्टाइल पर सोच रहे थे लेकिन आयुष्मान को तेरे नाम की हेयरस्टाइल नहीं बल्कि शाहरुख टाइप हेयरस्टाइल ज्यादा पंसद आई। वो इसके साथ ज्यादा कंफर्टेबल थे।

    निरेन के बारे में बात करें तो वह मराठी फिल्म वेंटीलेटर के लिए नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं। उन्होंने हाल ही में आई राजकुमार राव और मौनी रॉय की फिल्म मेड इन चाइना में भी निरेन राइटर्स की टीम में थे।