ईशान खट्टर के पिता राजेश खट्टर के घर आया एक और नन्हा मेहमान, पत्नी वंदना शादी के 11 साल बाद बनीं मां!

    ईशान खट्टर के पिता राजेश खट्टर के घर आया एक और नन्हा मेहमान

    ईशान खट्टर के पिता राजेश खट्टर के घर आया एक और नन्हा मेहमान, पत्नी वंदना शादी के 11 साल बाद बनीं मां!

    एक्टर राजेश खट्टर इस समय सातवें आसमान पर हैं। उनकी पत्नी वंदना सजनानी शादी के 11 साल बाद मां बनी हैं। पेरेंट्स बनने का राजेश और वंदना का ये सफ़र बहुत मुश्किलों भरा रहा। हालांकि इस कपल को ढाई महीने पहले बेटा हुआ था मगर इन्होने खबर को छुपाए रखा क्योंकि कई हफ़्तों तक बच्चे को हॉस्पिटल में रखना पड़ा था। हाल ही में जन्माष्टमी पर ये अपने बेटे को हॉस्पिटल से घर लाए, और तबसे इनके घर सेलिब्रेशन जारी है। 

    आपको बता दें कि राजेश खट्टर, ‘धड़क’ फिल्म से डेब्यू करने वाले बॉलीवुड एक्टर ईशान खट्टर के भी पिता हैं। कबीर सिंह’ स्टार शाहिद कपूर की मां नीलिमा अज़ीम से राजेश खट्टर ने 1990 में शादी की थी, इसी शादी से उनके बेटे ईशान खट्टर हैं। नीलिमा अज़ीम से उनका डिवोर्स 2001 में हुआ था। 2008 में राजेश और वंदना की शादी हुई थी। 

    राजेश ने बॉम्बे टाइम्स को बताया, ‘ये बहुत ज़बरदस्त फीलिंग है। लेकिन ये सफ़र बहुत मुश्किलों भरा रहा। महीनों पहले हम बहुत खुश थे, जब डॉक्टर ने बताया कि वंदना ट्विन्स कैरी कर रही हैं। लेकिन तीसरे महीने में, एक मेडिकल कंडीशन की वजह से उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। कुछ महीनों बाद ये सामने आया कि उनमें से एक बच्चे की ग्रोथ बहुत धीमी हो गई है और आखिरकार हमने उसे खो दिया। सिचुएशन ऐसी थी कि दूसरे बच्चे को बचाने के लिए हमें तुरंत दूसरे बच्चे की डिलीवरी करवानी थी। तो हमारा बेटा, जब होना चाहिए था, उससे 3 महीने पहले पैदा हुआ। वंदना की सर्जरी भी आराम से नहीं हो पाई और उन्हें भी रिकवर होने में बहुत समय लगा। ऊपर से, हमारे बेटे को नवजात बच्चों के आईसीयू में रख दिया गया और उसे ढाई महीने वहीँ रहना पड़ा। मां और बेटे दोनों को बहुत जूझना पड़ा और आखिरकार जन्माष्टमी पर हमारे बाल कृष्ण घर आ गए।’

    राजेश ने बताया कि 50 साल की उम्र में पिता बनना भी एक चैलेन्ज था। उन्होंने कहा कि बच्चों को फुर्तीले पेरेंट्स की ज़रूरत होती है, लेकिन वंदना को सालों से बच्चे के लिए संघर्ष करते देखकर, मैं उनके रास्ते में नहीं आना चाहता था। राजेश ने कहा, ’इस वक़्त 6 महीनों बाद मैं जो सबसे बड़ा बदलाव महसूस कर रहा हूं वो ये है कि अब मेरी सुबह किसी हॉस्पिटल में नहीं होती और न मुझे किसी हॉस्पिटल जाना पड़ता है... ये बहुत राहत की बात है कि ये सब अब बीती बातें हैं।’