कंगना ने मनाली वाले घर के बाहर सुनी गोली चलने की आवाज़, बोलीं- ये शायद मुझे वार्निंग देने का तरीका है!

    कंगना ने मनाली वाले घर के बाहर सुनी गोली चलने की आवाज़

    कंगना ने मनाली वाले घर के बाहर सुनी गोली चलने की आवाज़, बोलीं- ये शायद मुझे वार्निंग देने का तरीका है!

    सुशांत सिंह राजपूत के केस में कंगना रनौत ने काफी दमदार तरीके से आवाज़ उठाई है। कंगना ने लगातार ये बात कही है कि सुशांत के केस में कुछ तो गड़बड़ है। हाल ही में कंगना ने कहा था कि सुशांत के निधन से पहले एक बड़े पॉलिटिशियन के बेटे ने उनके साथ पार्टी की थी। अब कंगना का कहना है कि उनहोंने मनाली में अपने घर के बाहर गोलियों की फायरिंग की आवाज़ सुनी है, और इसके पीछे शायद यही वजह है कि उन्होंने एक पॉलिटिकल स्टेटमेंट दिया है।

    कंगना ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार रात को अपने घर के बाहर ‘गोलियों की आवाज़’ सुनी। उन्होंने तुरंत अपने गार्ड्स को बुलाया, जिन्हें लगा कि आवाज़ पटाखों की भी हो सकती है। बॉम्बे टाइम्स से बात करते हुए कंगना ने बताया, ‘उसने (गार्ड) कहा, यहां पर ये बच्चे या कुछ और भी हो सकता है, हम आसपास जा कर पता लगाते हैं कि ये पटाखे थे या कैसी आवाज़ थी। अब इस व्यक्ति ने कभी गोलियों की आवाज़ सुनी हो या नहीं, मगर मैंने सुनी है। उसे लगा कि ये किसी की कोई शैतानी भी हो सकती है। तो वो आसपास गए, लेकिन कोई नहीं था। अब, यहां हम पांच लोग थे और सब मेरे साथ थे- सबको लाहा कि ये गोलियों की आवाज़ थी। अब ये कोई पटाखे जैसी आवाज़ नहीं थी। तो हमने पुलिस को बुलाया।’

    कंगना ने कहा कि जब पुलिस को कुछ पता नहीं चला तो उन्होंने सोचा कि बागानों के मालिकों ने चमगादड़ों को भगाने के लिए फायरिंग की होगी क्योंकि वो सेब की खेती ख़राब करते हैं। इसलिए कंगना के घरवालों ने आसपास के बागान मालिकों से भी पता करवाया कि क्या उन्होंने रात 11:30 पर कोई बुलेट फायर की थी? कंगना का कहना है कि उन्होंने बचपन से अपने पापा की राइफल की आवाज़ सुनी है और उन्हें नहीं लगता कि वो .22 बुलेट फायर होने की आवाज़ थी। कंगना ने कहा कि ये शायद उनके लिए कोई वार्निंग थी कि उन्हें अब अपना मुंह बंद रखना चाहिए।

    कंगना ने कहा, ‘जिस दिन मैंने मुख्यमंत्री के बेटे का नाम लिया उसी दिन ये होना- मुझे नहीं लगता कोई संयोग है। लोग मुझे कह रहे हैं कि अब मुंबई में तुम्हारा जीना मुश्किल कर दिया जाएगा। लगता है, मुझे मुंबई जाने की भी ज़रूरत नहीं है, वो यहीं पर ऐसा कर रहे हैं। क्या इस देश में गुंडागर्दी चल रही है? सुशांत को भी इसी तरह से डराया गया होगा। लेकिन मैं सवाल पूछती रहूंगी।