करण जौहर ने कहा- श्रीदेवी के पास 'कलंक' के लिए थे बेहतरीन सुझाव, काश हमने उनकी बातें मानी होतीं!

    करण जौहर ने कहा- श्रीदेवी के पास 'कलंक' के लिए थे बेहतरीन सुझाव

    करण जौहर ने कहा- श्रीदेवी के पास 'कलंक' के लिए थे बेहतरीन सुझाव, काश हमने उनकी बातें मानी होतीं!

    श्रीदेवी बॉलीवुड की लीजेंड एक्ट्रेस ऐसे ही नहीं कही जातीं। हम सब में से कितनों के ही बचपन में श्रीदेवी की फ़िल्में एक बड़े नोस्टैल्जिया की तरह हैं। और इस मामले में हम अकेले नहीं हैं, डायरेक्टर-प्रोड्यूसर करण जौहर भी अपने बचपन को श्रीदेवी से रिलेट करते हैं। श्रीदेवी पर सत्यार्थ नायक की किताब ‘द एक्सटर्नल स्क्रीन गॉडेस’ का लोकार्पण करने पहुंचे करण जौहर ने अपने बचपन के श्रीदेवी से जुड़े किस्से बताए। 

    करण ने श्रीदेवी के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मुझे अपनी हाउस हेल्प के साथ एक सिनेमा हॉल में हिम्मतवाला देखना याद है, मैंने वो कई बार देखि थी और उसके बाद आई उनकी (श्रीदेवी की) फ़िल्में भी। मुझे याद है मैं उन्हीं की तरह बर्तन पर डांस कर रहा था। मेरी लव स्टोरी उन्हीं के साथ शुरू हुई थी और वो कभी ख़त्म ही नहीं हुई।’

    करण जौहर ने श्रीदेवी से जुड़ा एक और मजेदार किस्सा बताया जब उनके पापा और श्रीदेवी की फिल्म एक साथ रिलीज़ हुई थीं और उन्होंने अपने पापा की फिल्म छोड़कर, श्रीदेवी की फिल्म देखी थी। करण ने बताया, ‘मेरे पापा मिस्टर इंडिया की रिलीज़ वाले दिन ही अपनी फिल्म मुकद्दर का फैसला रिलीज़ कर रहे थे, जिसे प्रकाश मेहरा ने डायरेक्ट किया था। और मेरे पापा को इस बात से बड़ा दुःख पहुंचा था कि मैं ओपनिंग वाले दिन भागता हुआ मिस्टर इंडिया देखने पहुँच गया था और उनकी फिल्म नहीं देखी थी।’ 

    आपको बता दें कि करण जौहर की वरुण धवन और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म ‘कलंक’ में माधुरी दीक्षित वाले रोल के लिए पहले श्रीदेवी को ही फाइनल किया था मगर शूटिंग शुरू होने से पहले ही वो इस दुनिया को अलविदा कह गईं। करण ने ये भी कहा कि श्रीदेवी अपनी फिल्मों में बहुत इनवॉल्व रहती थीं। कलंक में श्रीदेवी को कास्ट करने के बाद के अनुभव के बारे में करण ने बताया, ‘जबमैंने उन्हें फिल्म नैरेट की, जो कि वो अपनी मृत्यु से पहले करने वाली थीं, उन्होंने स्क्रिप्ट पढ़ी, उन्होंने अपने नोट्स बनाए और मुझे कुछ बेहतरीन सुझाव दिए, जो कि मुझे लगता है कि हमें मानने चाहिए थे। उनके पास कुछ बहुत बेहतरीन इंट्यूशन भरे सजेशन थे... उन्हें बहुत सारी चीज़ों के लिए क्रेडिट नहीं दिया गया था। उनका दिमाग बहुत काम करता था जिसके लिए मुझे नहीं लगता कि उन्हें बहुत क्रेडिट दिया गया।’