सिद्धार्थ मल्होत्रा की मिशन मजनू में लखनऊ को दिखाया जाएगा पाकिस्तान जैसा, जानिए डिटेल्स

    सिद्धार्थ मल्होत्रा की मिशन मजनू में लखनऊ को दिखाया जाएगा पाकिस्तान जैसा

    सिद्धार्थ मल्होत्रा की मिशन मजनू में लखनऊ को दिखाया जाएगा पाकिस्तान जैसा, जानिए डिटेल्स

    शेरशाह में अपनी देशभक्ति दिखाने के बाद सिद्धार्थ मल्होत्रा एक बार फिर देश के लिए मिशन पर निकले हैं। इस मिशन का नाम है मिशन मजनू। इस फिल्म में सिद्धार्थ एक रॉ एजेंट बने हैं जो पाकिस्तान में जाकर उन लोगों के बीच रहता है और वहां के परमाणु कार्यक्रम की खबर इंडिया को देता है ताकि पाकिस्तान के परमाणु प्रोग्राम को असफल किया जा सके।

    सिद्धार्थ शूट के लिए असली में तो पाकिस्तान नहीं गए लेकिन लखनऊ को ही पाकिस्तान बना दिया था। इस बारे में फिल्म के कैमारापर्सन (डीओपी) ने दैनिक भास्कर से डिटेल्स शेयर की हैं।

    उन्होंने बताया, ''इस फिल्‍म में रीक्रिएटेड पाकिस्‍तान भी अहम किरदार है। वह सत्‍तर के दशक का है। चुनौती इस बात की थी कि हमें ऐसा पाकिस्‍तान दिखाना था, जो मुस्लिम बहुल राष्‍ट्र बांग्‍लादेश और मलेशिया जैसा न लगे। ऐसे में हमने तब के पाकिस्‍तानी वासियों के पहनावे, कल्‍चरल डिफरेंसेज पर रिसर्च किया। हमने लखनऊ में किसी एक मोहल्‍ले में शूटिंग नहीं की। अलग-अलग लोकेशनों पर गए। देखा जाए तो ऑथेंटिक पाकिस्‍तान नजर आए, उसके लिए हम लखनऊ के एक ओर 80 किलोमीटर दूर तो दूसरे छोड़ 60 किलोमीटर दूर तक गए। इतनी गहन तैयारी इसलिए की गई ताकि ऑडिएंस के साथ पहले विजुअल नाता जुड़ सके। उसके बाद उर्दू में संवादों और किरदारों के पहनावे यूज हुए हैं। ताकि तत्‍कालीन पाकिस्‍तान फेक न लगे।''

    फिल्म में साउथ स्टार रश्मिका मंदाना अपना बॉलीवुड में डेब्यू कर रही हैं। मिशन मजनू ने उर्दू का भी इस्तेमाल किया गया है जो कि उनके लिए मुश्किल काम था। फिल्म के लिए डायलॉग सुपरवाइजर टीम भी रखी गई थी। टीम के एक मेंबर ने बताया, ''सिद्धार्थ, शारिब हाशमी, कुमुद मिश्रा आदि कलाकार तो हिंदी पृष्‍ठभूमि से हैं। रश्‍म‍िका साउथ से हैं। ऐसे में, शूट की शुरूआत में तो उन्‍हें डायलेक्‍ट में तकलीफ हो रही थी, मगर उन्‍होंने महज दो से तीन दिनों में ही रफ्तार पकड़ ली।"