सुशांत सिंह राजपूत डेथ: मनोज बाजपेयी ने जनता के गुस्से को ठहराया सही, कही ये बातें

    सुशांत सिंह राजपूत डेथ: मनोज बाजपेयी ने जनता के गुस्से को ठहराया सही

    सुशांत सिंह राजपूत डेथ: मनोज बाजपेयी ने जनता के गुस्से को ठहराया सही, कही ये बातें

    सुशांत सिंह राजपूत के जाने से नेपोटिज्म सहित बॉलीवुड में तमाम तरह की बहस छिड़ गई है। हर सेलेब्स से इस सवाल पर रियेक्शन लिया जा रहा है और जनता सवाल भी पूछ रही है। सुशांत की मौत के बाद जनता के सवालों को मानोज बाजेपयी ने सही ठहराया है।

    उन्होंने जूम से बात करते हुए कहा, '' अगर आपके प्रति गुस्सा है तो मुझे सवाल तो पूछना होगा। है न? जब मैं कहता हूं कि लोग सही हैं, क्योंकि वे मेरी फिल्म को हिट बना रहे हैं। तब अगर वही लोग सवाल करते हैं तो यह जरूरी हो जाता है कि हम उनका जवाब दें। सरकार भी तो यही करती है।''

    बता दें कि मनोज बाजपेयी ने सुशांत के साथ फिल्म सोनचिरिया में काम किया था। सुशांत के जाने से मनोज बाजपेयी भी काफी दुखी हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने इंस्टाग्राम लाइव में बल्कि कई तमाम जगहों पर सुशांत की काफी तारीफ की है। एक पिंकविला के साथ हुई बातचीत में उन्होंने कहा था, ''हम सभी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव और इमोशंस होते हैं। सुशांत भी कोई अलग नहीं था। मुझे नहीं लगता कि मैं उनके बराबर टैलेंटेड हूं। मैं नहीं मानता कि मैं उनकी तरह इंटेलिजेंट हूं। मुझे नहीं लगता कि मैंने 34 साल की उम्र तक इतना कुछ हासिल किया था, जितना सुशांत कर चुके थे। मेरा मानना है कि मेरे अचीवमेंट्स उनकी तुलना में बहुत छोटे हैं। मैं उन्हें इसी तरह याद करता हूं। मैं उन्हें सिर्फ एक अच्छे इंसान के तौर पर ही याद नहीं करता।''

    नेपोटिज्म पर मनोज ने कहा, ''देखिए दुनिया निष्पक्ष नहीं है। मैं 20 साल से कह रहा हूं कि एक इंडस्ट्री के रूप में हम औसत दर्जे का जश्न मनाते हैं। इंडस्ट्री को भूल जाइए, एक देश के रूप में हम औसत दर्जे को सेलिब्रेट हैं। कहीं न कहीं कुछ कमी है। हमारी थॉट प्रोसेस में, हमारे वैल्यू सिस्टम में। जब हम टैलेंट को देखते हैं तो तुरंत उसे नजरअंदाज करना चाहते हैं, पीछे धकेलना चाहते हैं। यह हमारा वैल्यू सिस्टम है, जो निराशाजनक है।''