मनोज बाजपेयी ने कहा 'छिछोरे' को नेशनल अवार्ड मिलने से हुई खुशी, मगर चाहते थे कि 'सोनचिड़िया' भी जीते!

    मनोज बाजपेयी चाहते थे कि 'सोनचिड़िया' भी जीते नेशनल अवार्ड

    मनोज बाजपेयी ने कहा 'छिछोरे' को नेशनल अवार्ड मिलने से हुई खुशी, मगर चाहते थे कि 'सोनचिड़िया' भी जीते!

    बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी ने कहा है कि वो सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म ‘छिछोरे’ को बेशनल अवार्ड मिलने से बहुत खुश हैं, मगर वो अंदर ही अंदर चाहते थे कि ‘सोनचिड़िया’ को भी सम्मानित किया जाए। ‘सोनचिड़िया’ मेन सुशांत के साथ मनोज ने भी काम किया था। मनोज ने एक इंटरव्यू में कहा है कि उनके हिसाब से ‘छिछोरे’ का जीतना अपने आप में ‘पोएटिक जस्टिस जैसा है’।

    बॉलीवुड हँगामा से बात करते हुए मनोज ने कहा, ‘जब छिछोरे ने अवार्ड जीता तो मैं बहुत खुश था क्योंकि हमारी इंडस्ट्री एक बॉक्स-ऑफिस की तरह चलने वाली इंडस्ट्री है। अगर कोई फिल्म 250-300 करोड़ कमाती है और फिर भी उसकी बहुत तारीफ नहीं होती तो आपको लगता है कि यार कुछ तो गड़बड़ है। लेकिन जब उसी फिल्म को नेशनल अवार्ड मिलता है, तो ये ऐसा है जैसे उसके साथ पोएटिक जस्टिस हुआ है। तो, छिछोरे के साथ पोएटिक जस्टिस हुआ है, उसे आखिरकार वो न्याय मिला है जो उसे मिलना चाहिए था। जब छिछोरे को अवार्ड मिला तो मुझे काफी अच्छा लगा, लेकिन साथ ही अंदर ही अंदर मैं उम्मीद कर रहा था कि सोनचिड़िया भी कुछ जीते’। ऐसा कहने के पीछे की वजह बताते हेऊ मनोज ने कहा कि ‘वो एक क्लासिक है और मेरे करियर की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है’। मनोज ने कहा कि वो वैसे तो अपनी फिल्में नहीं देखते हैं क्योंकि फिर वो अपनी ही आलोचना करने लगते हैं, लेकिन ये एक ऐसी फिल्म है जिसके आगे वो हार जाते हैं। उन्होने कहा, ‘हरेक फ्रेम, हरेक सीन में सुशांत सिंह राजपूत और भूमि पेडनेकर ग्रेट हैं’।