मां नरगिस के इस मेसेज की वजह से ही ड्रग्स छोड़ पाए थे संजय दत्त !
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- लेखक: Subodh Mishra (एडिटोरियल टीम)
संजय दत्त, वो एक्टर जिसे बॉलीवुड का पहला बैड बॉय कहा जाता है। उनके बैड बॉय बनने का जो पहला कारण था वो था ड्रग्स। एक वक़्त पर संजय बुरी तरह ड्रग्स की चपेट में थे। हद की बात तो ये थी कि उनकी डेब्यू फिल्म ‘रॉकी’ जब रिलीज़ होने वाले थी, तब संजय अमेरिका में ड्रग्स छोड़ने के लिए ट्रीटमेंट ले रहे थे। संजय दत्त के पेरेंट्स सुनील दत्त और नरगिस, अपने वक़्त के बेहद सक्सेसफुल बॉलीवुड एक्टर्स थे। सुनील दत्त और नरगिस बॉलीवुड के सबसे पावरफुल कपल्स में से एक थे और कहा जाता है कि इसी वजह से संजय बिगड़े भी थे। संजय के पिता सुनील दत्त तो फिर भी उन्हें डांटते-मारते रहते थे, लेकिन उनकी मां नरगिस उन्हें बहुत प्यार करती थीं।

नरगिस ने हर गलती करने पर संजय को डांटा तो बहुत, लेकिन वो संजय की गलती छुपाया भी करती थीं। ऐसा वो इसलिए करतीं ताकि उनके संजू को पापा से डांट न पड़े। दूसरी तरफ संजू के सामने पैदा होते ही वो स्टारडम था, जो उनके माता-पिता को भर-भर के मिला था। इस स्टारडम की चकाचौंध ने संजू को अपनी चपेट में बचपन से ही ले लिया था और जवान होते ही संजू नशे की लत में पड़ चुके थे। उन्हें पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी और वो सिर्फ मौज-मस्ती करने में ही लगे रहते। सुनील दत्त ने अपने अपने बिगड़ते हुए जवान बेटे को एक दिन रिमांड पर ले लिया और डांट पिलाने के बाद पूछा कि वो आगे क्या करना चाहता है। पढ़ाई से ऊबे हुए संजू ने पापा से बचने के लिए तपाक से कह दिया, ‘मैं एक्टिंग करूंगा।’

फिल्म इंडस्ट्री के दो बड़े एक्टर्स के बेटे को बस इतना कहना भर था कि उन्हें अपनी फिल्म में लेने के लिए डायरेक्टर्स की भीड़ जुट गई। संजू के डेब्यू के लिए आखिरकार फिल्म ‘रॉकी’ चुनी गई और किसी तरह संजू ने इसकी शूटिंग भी पूरी कर ली। संजू का बॉलीवुड करियर तो शुरू हो गया, लेकिन ड्रग्स से उनका साथ नहीं छूटा। इधर संजू की मां, नरगिस को कैंसर हो गया। सुनील दत्त पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अभी तक वो अपने बेटे की ड्रग्स की लत को ही लेकर चिंता में रहते थे, लेकिन अब उन्हें नरगिस के कैंसर ने भी तोड़ दिया था। संजू को जब मां की हालत की बारे में पता लगा तो उनकी हालत और बुरी हो गई। वो पहले से भी ज़्यादा ड्रग्स लेने लगे। सबसे बुरी हालत थी नरगिस की। उन्हें कैंसर से ज़्यादा चिंता संजू की थी।

सुनील दत्त ने नरगिस का इलाज कराना शुरू कर दिया और संजू को अमेरिका में नशे की लत का इलाज कराने भेज दिया। अस्पताल में नरगिस को ये चिंता लगी रहती कि संजू का क्या होगा। इलाज के दौरान नरगिस और सुनील दत्त की जो भी बातें हुई, सुनील दत्त ने वो सारी बातें विडियो पर रिकॉर्ड कर लीं। नरगिस कब तक कैंसर से लड़तीं, वो ये जंग हार गईं और 3 मई 1981 को उनका देहांत हो गया। संजू का दुःख पहले से बहुत ज़्यादा बढ़ गया और दुःख में नशा और भी पास आ गया। जब सुनील दत्त ने संजू की ये हालत देखी, तो उन्हें आखिरी रास्ता सूझा। संजू को वो विडियो टेप्स दिखाए जाने लगे जिनमें अस्पताल में, बेड पर पड़ीं नरगिस उनके भविष्य की चिंता करती रहतीं।

ऐसे ही एक टेप में नरगिस ने संजू के लिए ये मेसेज छोड़ा था- ‘संजू। किसी और चीज़ से ज़्यादा अपनी इंसानियत बचाए रखना। अपना चरित्र संभाले रखना। कभी दिखावा मत करना। हमेशा विनम्र रहना और बड़ों की इज्ज़त करना। यही चीज़ तुम्हें जिंदगी में आगे ले जाएगी। और इसी से तुम्हें काम करने में ताकत मिलेगी...’ इस मेसेज को सुनकर संजय दत्त बेतहाशा रोए और फैसला किया कि उन्हें किसी भी तरह ड्रग्स छोड़ने हैं। आखिरकार संजय दत्त ड्रग्स छोड़ने में कामयाब हो गए। नरगिस, दुनिया में रहते तो संजय दत्त को नशामुक्त नहीं देख सकीं, लेकिन उनके एक मेसेज ने संजू की ड्रग्स की लत छुड़ा दी।
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