परेश रावल: जिसकी कॉमेडी से आपको प्यार हो जाता है और नेगेटिव रोल से नफरत !

    परेश रावल: जिसकी कॉमेडी से आपको प्यार हो जाता है और नेगेटिव रोल से नफरत !

    स्क्रीन पर एक ऐसा आदमी है जो पूरा बूढ़ा भी नहीं है, और ज़रूरत भर जवान भी नहीं। उसका चश्मा घिस कर आसमान में पड़े बादल के छल्ले जैसा धुंधला हो चुका है और कमर, धनुष जैसी टेढ़ी। ये आदमी अपने खुराफाती जवान किराएदार राजू की आंखों में देखकर 2 मिनट हंसता है और फिर अचानक राजू को थप्पड़ जड़ देता है, ‘ये बाबू राव का स्टाइल है !’ और ऑडियंस हंसते-हंसते अपना पेट पकड़ लेती है। 

    बाबू राव हिंदी सिनेमा का वो किरदार है, जिसका नाम लेने भर से लोग हंस पड़ते है और इस किरदार को इतनी पॉपुलैरिटी मिलने का पूरा क्रेडिट सिर्फ और सिर्फ एक आदमी का है- परेश रावल।

    ‘बाबू राव’ से पहले परेश रावल ने जो भी किरदार निभाए, उन्हें देखकर कोई सोच भी नहीं सकता था कि परेश कभी ऐसा किरदार भी निभा सकते हैं। लेकिन यही परेश रावल की खासियत है, वो जब ‘बाबू राव’ बने तो उस किरदार में रत्ती भर भी परेश रावल नहीं बचा। अपनी कॉमिक टाइमिंग से ढेरों बार ऑडियंस को हंसा चुके परेश, 80-90 के दशक में हिंदी सिनेमा के सबसे खतरनाक विलेन्स में से एक हुआ करते थे। अगर आपको इस बात पर यकीन न हो तो बता दें, परेश रावल को 1994 में फिल्म ‘सर’ के लिए ‘बेस्ट परफॉरमेंस इन नेगेटिव रोल’ का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुका है। 

    एक फिल्म का वज़न सिर्फ हीरो पर ही नहीं होता। आमतौर पर लोगों को लगता है कि फिल्म में विलेन सिर्फ हीरो से पिटने के लिए होता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर बॉलीवुड की सबसे पॉपुलर फिल्मों के नाम लिए जाएं, तो उन सभी में विलेन बहुत दमदार था। चाहे वो ‘शोले’ का गब्बर हो, या ‘बाहुबली’ का भल्लाल देव जब फिल्म एमे विलेन दमदार होता है हीरो भी तभी ज़बरदस्त लगता है। इस हिसाब से देखें तो सनी देओल से लेकर आमिर खान तक, परेश ने इन सभी एक्टर्स को ‘हीरो’ बनाने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।

    और जब वो कॉमेडी में उतरे तो अपनी टाइमिंग से उन्होंने सबको हैरान कर दिया। उनकी कॉमेडी की सबसे पहली झलक लोगों ने देखी फिल्म ‘अंदाज़ अपना अपना’ में। इसमें भी परेश का किरदार था तो विलेन, मगर इस किरदार का असली फ्लेवर कॉमेडी ही था। लेकिन फिल्म ‘हेराफेरी’ में जब परेश बाबूराव बने, तब पूरा बॉलीवुड ये देखकर हैरान हो गया कि उनकी एक्टिंग में इतनी वैरायटी है। इसके बाद से परेश ने जो भी किरदार किए, उनमें कॉमेडी को महत्वपूर्ण बात करने का जरिया बना दिया।

    ये कॉमेडी परेश की पहचान बनती चली गई और कॉमेडी के ज़रिए ही उन्होंने फिल्म ‘OMG: ओह माय गॉड’ में धर्म के बहाने लोगों को बेवकूफ बनाने वाले धर्मगुरुओं को भी निशाने पर ले लिया। परेश रावल आज बॉलीवुड के सबसे दमदार एक्टर्स में से एक हैं और वो हर किरदार के साथ पूरा न्याय करते हैं। उन्होंने जब नेगेटिव किरदार किए तब भी वो बेहतरीन लगे और कॉमेडी में तो वो एक आइकॉन ही बन गए। परेश खुद को कभी किसी एक अंदाज़ के हिसाब से नहीं देखते। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है, ‘मैं सिर्फ एक एक्टर हूं। मुझे एक विलेन या कॉमेडियन के हिसाब से नहीं देखा जाना चाहिए। ये इस तरह है जैसे किसी बैट्समैन को सिर्फ स्क्वेयर कट मारने को कह दिया जाए।’