प्रत्युषा बैनर्जी के सुसाइड के बाद एक कमरे के घर में रहने को मजबूर हैं माँ-बाप, कहा-'हमारा सब कुछ लुट गया'
प्रत्युषा बैनर्जी के सुसाइड के बाद एक कमरे के घर में रहने को मजबूर हैं माँ-बाप
टीवी सीरियल ‘बालिका वधु’ में बड़ी आनंदी के किरदार में नज़र आने वाली प्रत्युषा बैनर्जी अब इस दुनिया में नहीं रहीं। इतना नाम और शोहरत कमाने के बाद प्यार के हाथों मजबूर हो गई और सुसाइड कर लिया। 1 अप्रैल 2016 को आई उनकी सुसाइड की खबर ने ना सिर्फ उनके फैंस, परिवार और दोस्तों को तोड़ दिया था। बल्कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लोगों को भी यकीन नहीं हो रहा था। अब प्रत्युषा नहीं हैं और उनके साथ चला गया उनके परिवार का सुख चैन।
बेटी की मौत के बाद उनके माँ बाप की आर्थिक स्थिति इस कदर बिगड़ गई है कि उन्हें एक कमरे के घर में रह कर गुजारा करना पड़ रहा है। अपनी स्थिति के बारे में प्रत्युषा के पेरेंट्स ने आजतक से बातचीत की। उन्होंने चैनल को बताया कि कैसे हादसे के बाद उनका सबकुछ बर्बाद हो गया। बेटी के लिए केस लड़ते लड़ते वो कंगाल हो गये। लेकिन हिम्मत नहीं हारी है। वो बेटी के लिए जंग लड़ते रहेंगे।
प्रत्युषा के पिता शंकर बैनर्जी ने कहा -'इस हादसे के बाद ऐसा ही प्रतीत होता है, मानों कोई भंयकर तूफान आया हो और हमारा सबकुछ लेकर चला गया हो। हमारे पास एक रुपया नहीं बचा था। दूसरा केस में लड़ते लड़ते हमने सब कुछ गवां दिया है। प्रत्युषा के अलावा हमारा कोई सहारा नहीं था। उसी ने हमें अर्श तक पहुंचाया था और उसके जाने के बाद अब फर्श पर लौटे हैं। हमारी जिंदगी जैसे-तैसे कट रही है हमलोग अब एक रूम में रहने को मजबूर हो गए हैं। इस केस ने हमारा सबकुछ छीन लिया। कई बार कर्ज तक लेने को मजबूर हो गये हैं।’
एक्ट्रेस के पिता ने आगे बताया कि प्रत्युषा की मां चाइल्ड केयर सेंटर में काम कर रही है। वहीं वो कुछ न कुछ कहानियां लिखते रहते हैं ताकि कोई बात बन जाए। पैसे की कमी है, लेकिन हिम्मत नहीं हारे हैं। शंकर बैनर्जी ने कहा ‘एक बाप कभी नहीं हारता है। मैं प्रत्युषा के हक के लिए मरते दम तक लड़ूंगा। प्रत्युषा की जीत हमारी आखिरी उम्मीद है। मुझे यकीन है कि हम एक दिन जरूर जीतेंगे।'